पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भारत से मांगी शरण
नई दिल्ली। मालदीव की एक अदालत की ओर से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के तत्काल बाद पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद भारतीय उच्चायोग पहुंचे और शरण की मांग की।नई दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने बताया, उन्होंने उच्चायोग में शरण की मांग की है। इस घटनाक्रम के मद्देनजर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विदेश सचिव सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों ने कई बैठकें कीं जिसका मकसद इस मुद्दे पर फैसला करना था।उधर, नशीद ने ट्वीट किया, हिंद महासागर में स्थिरता और अपनी खुद की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मैंने भारतीय उच्चायोग में शरण ले ली है। भारतीय अधिकारियों के अनुसार नशीद ने भारतीय उच्चायुक्त डीएम मुलय से मुलाकात का समय मांगा था, हालांकि यह नहीं बताया गया है कि मुलाकात का समय कब मांगा गया था? मुलय बुधवार को सुबह ही दिल्ली से मालदीव पहुंचे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया, नशीद ने गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाने के लिए कदम उठाया है। पूर्व राष्ट्रपति को फौजदारी अदालत के मुख्य न्यायाधीश अब्दुल्ला मोहम्मद को जनवरी, 2012 में 10 फरवरी को हुलहुमाले की मजिस्ट्रेट अदालत में पेश होना था, वह उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद अदालत ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। पुलिस ने भारतीय उच्चायोग को घेर रखा है और इसके आसपास के इलाकों में अवरोधक लगा दिए हैं। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद के आधिकारिक प्रवक्ता इमाम मसूद ने बताया कि सुरक्षाबल भारत उच्चायोग में दाखिल नहीं होंगे।मसूद ने कहा, नशीद को अदालत ने रविवार को सम्मन किया था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए। अदालत ने बीती रात पुलिस को आदेश दिया कि उन्हें गिरफ्तार करके अदालत के समक्ष लाया जाए। फिलहाल वे भारतीय उच्चायोग में हैं। पुलिस उनके बाहर निकलने का इंतजार कर रही है। सुरक्षाबल उच्चायोग परिसर के अंदर दाखिल नहीं होंगे। उधर, नशीद की पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के सहयोगियों ने आगे के कदमों पर फैसला करने के लिए बैठक की है।मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति नशीद हाल ही में भारत के दौरे पर थे। उन्हें नौ फरवरी तक बाहर रहने की इजाजत थी, लेकिन वे 11 फरवरी को मालदीव लौटे। नशीद को बीते साल न्यायाधीश की गिरफ्तारी के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों के कारण पद छोड़ना पड़ा था, हालांकि उनका कहना है कि उन्हें तख्तापलट करके हटाया गया। (भाषा)