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Last Modified: सोमवार, 13 अक्टूबर 2025 (21:05 IST)

डोनाल्ड ट्रंप से क्यों मिलना नहीं चाहते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी?

Prime Minister Narendra Modi
Prime Minister Narendra Modi: यह तीसरा मौका है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से दूरी बनाकर रखी। दरअसल, मिस्र के शर्म अल शेख में गाजा शांति सम्मेलन में भाग लेने के लिए मोदी को न्योता मिला था, लेकिन भारत की ओर विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह इस सम्मेलन में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इससे पहले कनाडा से लौटते समय ट्रंप के न्योते के बाद भी मोदी अमेरिका नहीं रुके थे, वहीं संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में भी पीएम मोदी नहीं गए। इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत का प्रतिनिधित्व किया था, जबकि पाकिस्तान की ओर से प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पहुंचे थे।
 
दरअसल, पिछले कुछ समय से भारत को लेकर ट्रंप का जो बर्ताव रहा है, उसे किसी भी तरह से उचित नहीं कहा जा सकता। ऐसे में कोई आश्चर्य नहीं कि मोदी से मुलाकात के दौरान ट्रंप ऐसी कोई टिप्पणी कर दें, जो उन्हें असहज कर सकती है। हालांकि शर्म अल शेख में दुनिया के कई बड़े नेता शामिल हो रहे हैं, ऐसे में विदेश राज्यमंत्री स्तर के व्यक्ति को भेजना किसी तरह सही नहीं है। इस शांति सम्मेलन में ट्रंप के अलावा मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल अल-सिसी, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस जैसे दिग्गज वैश्विक लीडर शामिल हो रहे हैं। इसके साथ ही ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, तुर्की, कतर और जॉर्डन जैसे देशों के राष्ट्र प्रमुख भी इस सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं। 
 
क्या कहा शशि थरूर ने : कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इस मामले में सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि जब दर्जनों देशों ने अपने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति स्तर के प्रतिनिधियों को भेजा है, तब भारत का इतना निम्न स्तरीय प्रतिनिधित्व हमारी आवाज को कम कर सकता है और हमारी पहुंच को भी सीमित कर सकता है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि यह किसी व्यक्ति की क्षमता पर सवाल नहीं है बल्कि मजबूत संदेश भेजने का मुद्दा है। 
 
यह भी सही है कि मोदी ने हाल ही में ट्रंप से फोन पर बातचीत की है, लेकिन टैरिफ और वीजा को लेकर अमेरिका सख्त नीतियां अब भी जारी हैं। भारत पाकिस्तान युद्ध रोकने का ट्रंप का दावा लगातार जारी है। नोबेल पुरस्कार नहीं मिलने के कारण ट्रंप और बौखला गए हैं। ट्रंप के व्यवहार ने हमेशा भारत को असहज करने की कोशिश की है। हाल ही में, अमेरिकी राजदूत नामित सर्जियो गोर ने पीएम मोदी से मुलाकात की और बताया कि ट्रंप उन्हें एक 'महान और व्यक्तिगत मित्र' मानते हैं। हालांकि जिस तरह से ट्रंप खुद को पाकिस्तान के करीब दिखा रहे हैं, उनकी मित्रता पर भरोसा नहीं किया जा सकता। 
 
यह भी कहा जा रहा है कि इस सम्मेलन में ट्रंप के साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी होंगे, ऐसे में ट्रंप दोनों देशों को करीब लाने की कोशिश कर सकते हैं। यह स्थिति प्रधानमंत्री को असहज बना सकती है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी का यह सोचा-समझा फैसला है। ऐसा करके वे ट्रंप को मैसेज देना चाहते हैं कि वे जो कुछ भी कर रहे हैं वह सही नहीं है। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
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