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Last Modified: सोमवार, 13 अक्टूबर 2025 (17:30 IST)

इजराइल ने तो दे दिया, आप भी प्लीज ट्रंप को भारत रत्न दे दो मोदी जी!

Bharat Ratna Award
-रतन लाल
इज़राइल ने तो डोनाल्ड ट्रंप को अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ ऑनर दे ही दिया। दुनिया की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी का सबसे बड़ा पुरस्कार 'भारत रत्न' – जो सचिन तेंदुलकर, अटल बिहारी वाजपेयी, नेल्सन मंडेला, आदि जैसी महान हस्तियों को मिला है, लेकिन अब वक्त आ गया है कि इसे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को थोप दिया जाए! क्यों? अरे भाई, मोदी जी और ट्रंप जी का तो वो 'हाउडी' वाला ब्रोमांस है ना – 'नमस्ते ट्रंप' से लेकर अबकी बार, टैरिफ मार तक। 
 
अगर इतना प्यार है, तो भारत रत्न क्यों ना? प्लीज, मोदी जी, दे दो! वरना ट्रंप जी फिर ट्वीट (अब एक्स पोस्ट) कर देंगे कि 'इंडिया इज ग्रेट, बट मोदी जी आर लो एनर्जी ऑन अवॉर्ड्स!'
 
...कल्पना कीजिए, ट्रंप जी को दिल्ली में भारत रत्न देते हुए मोदी जी का वो चमकता चेहरा – 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' के साथ 'मेक इंडिया ग्रेटर विद ट्रंप'! और ट्रंप जी? वो तो कहेंगे, "फेक्ट चेक: ये अवॉर्ड रियल है, और मोदी जी ने मेरी 'डील' को समझा!"
 
लेकिन सच्चाई ये है कि ट्रंप जी को दुनिया भर से अवॉर्ड्स की बौछार हो चुकी है। जी हां, कई देशों ने उन्हें अपनी सबसे सर्वोच्च सिविलियन ऑनर्स से नवाजा है – वो भी ऐसे देश जो कभी ट्रंप की 'मुस्लिम बैन' वाली पॉलिसी से चिढ़े थे। सबसे पहले, 2017 में सऊदी अरब ने 'किंग अब्दुल अज़ीज़ अल सऊद कॉलर' दिया।
 
फिर 2021 में कोसोवो ने 'ऑर्डर ऑफ फ्रीडम' थमा दिया – शायद इसलिए कि ट्रंप ने कभी कोसोवो को 'फेक कंट्री' ना कहा हो!
 
सर्बिया ने 2021 में 'ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक' दिया – एक साथ दो विरोधी देशों से पुरस्कार! इसे कहते हैं 'आर्ट ऑफ़ द डील'!
 
2021 में मोरक्को ने अपनी 'हाइएस्ट अवॉर्ड' 'ऑर्डर ऑफ मुहम्मद' दिया – ट्रंप ने शायद उनके रेगिस्तान में गोल्फ कोर्स बनाने का वादा किया था। और इज़राइल ने आज उन्हें 'प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ ऑनर दे ही दिया। वो तो गाजा को लक्जरी रिसॉर्ट बनाने की 'डील' के नाम पर ट्रंप को अपना 'पीस ब्रोकर' बता रहा है – जैसे ट्रंप ने मैजिक वांड घुमाया हो!
 
अब सोचिए, अगर ये देश ट्रंप को अपना 'रत्न' मान चुके, तो भारत क्यों पीछे हटे? ट्रंप जी तो कहेंगे, "मोदी जी, यू आर फेकिंग मी विद नो अवॉर्ड! आई विल ओनली कम फॉर द 'ट्रीमेंडस' भारत रत्न!" और हम? हम तो 'चाय पे चर्चा' में ट्रंप को आमंत्रित कर लेंगे – भारत रत्न के साथ चाय की चुस्की!
 
सच्चाई ये है कि ये अवॉर्ड्स शांति, डील्स और डिप्लोमेसी के नाम पर हैं, लेकिन असल में तो ट्रंप का 'आर्ट ऑफ द डील' ही चमक रहा है। मोदी जी, प्लीज – भारत रत्न दे दो। वरना ट्रंप जी अपनी अगली किताब में लिख देंगे: 'द आर्ट ऑफ द अवॉर्ड्स: हाउ इंडिया मिस्ड द बिगेस्ट डील!' 'ट्रंप रत्न' साउंड्स ग्रेट!