कौन है सचिन वाजे की राजदार, जिसके लिए बनाई थी सवा करोड़ की कंपनी...
मुंबई। एक महिला सुरक्षाकर्मी ने एनआईए को बताया है कि पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे उसके ग्राहक थे और पिछले वर्ष अगस्त से उसे प्रति महीने 50 हजार रुपए का भुगतान करना शुरू किया था। वाजे एंटीलिया बम कांड और मनसुख हिरेन हत्या मामले में आरोपी है।
महिला ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से कहा कि एक कंपनी के खाते में सवा करोड़ रुपए डाले जाने के बारे में उसे जानकारी नहीं है। वाजे ने महिला को उस कंपनी का निदेशक बनाया था। उसका बयान एनआईए द्वारा पिछले हफ्ते मामले में दायर आरोप पत्र का हिस्सा है।
मामला उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास इस वर्ष फरवरी में विस्फोटकों से लदा वाहन रखने और इसके बाद मनसुख हिरेन की हत्या से जुड़ा हुआ है। हिरेन ने कहा था कि उसका वाहन चुरा लिया गया था और मार्च के पहले हफ्ते में उसका शव ठाणे में एक नदी किनारे मिला।
महिला ने बयान में कहा कि वाजे से पहली बार वह 2011 में मिली थी। बयान में बताया गया कि वाजे जून 2020 में फिर से पुलिस बल में बहाल हो गया और उसने सुरक्षाकर्मी का काम छोड़ने के लिए कहा था क्योंकि उसने उसके लिए अच्छी आय का व्यवस्था करने का वादा किया।
बयान में कहा गया कि इसी मुताबिक मैंने काम करना छोड़ दिया और सचिन ने मुझे मासिक खर्च के लिए अगस्त 2020 से प्रति महीने 50 हजार रुपए देना शुरू कर दिया। महिला ने कहा कि वाजे ने उसे नियमित आय के लिए दो मालिकाना हक वाला फर्म खोलने की सलाह दी।
अदालत से राहत : मुंबई की एक विशेष एनआईए अदालत ने हृदयरोग के उपचार एवं सर्जरी के लिए मुंबई के एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने का पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे का अनुरोध बृहस्पतिवार को स्वीकार कर लिया। मंगलवार को वाजे ने आवेदन देकर अदालत से उसे मुंबई के एक अस्पताल में स्थानांतरित करने का आदेश देने का अनुरोध किया था। वाजे के वकील ने यह जानकारी दी।
अभियोजन पक्ष ने कुछ शर्तों के साथ वाजे की अर्जी का विरोध नहीं किया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि आरोपी अपने डॉक्टर के निरीक्षण में मुंबई के निजी अस्पताल में उपयुक्त उपचार और हृदय धमनी बाईपास ग्राफ्टिंग सर्जरी (सीएबीजी) करा सकता है। एजेंसी ने अदालत से संबंधित जेल अधिकारियों एवं पुलिस आयुक्त को उपचार के दौरान वाजे को उपयुक्त सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश देने की भी अपील की।
उसने अदालत से यह भी अनुरोध किया कि वह वाजे की पत्नी को उनकी देखभाल करने एवं उनके उपचार के बारे में जरूरी निर्णय लेने के वास्ते उनके साथ रहने की अनुमति दे। अदालत ने दोनों पक्षों की बातें सुनने के बाद वाजे की अर्जी मंजूर कर ली।