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Last Modified: मंगलवार, 7 अक्टूबर 2025 (14:34 IST)

आज ही के दिन... जब मैं पहली बार गुजरात का मुख्‍यमंत्री बना

2001 में नरेन्द्र मोदी ने पहली बार गुजरात के मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली थी

Prime Minister Narendra Modi
Prime Minister Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट साझा की है। इसमें उन्होंने एक फोटो भी शेयर किया है। यह फोटो उस समय का है जब मोदी पहली बार गुजरात के मुख्‍यमंत्री बने थे। वे फोटो में तत्कालीन राज्यपाल के साथ दिखाई दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने एक और फोटो शेयर किया है, जिसमें वे प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेते हुए दिखाई दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अपनी पोस्ट में अपनी मां हीरा बेन की सीख को भी याद किया। मोदी 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री (प्रधानमंत्री बनने से पहले) रहे थे। 
 
मोदी ने अपनी पोस्ट में लिखा कि 2001 में आज ही के दिन मैंने पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। आज मैंने सरकार के मुखिया के रूप में ईश्वर रूपी जनता-जनार्दन की सेवा करने के अपने 25वें वर्ष में प्रवेश किया है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में ये सिद्धि, मुझे भारत की जनता का बहुत बड़ा आशीर्वाद है। इन वर्षों में हर एक दिन, हर एक क्षण मैंने देशवासियों के जीवन को बेहतर करने और उनके विकास के लिए समर्पित भाव से काम करने का प्रयास किया है। ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे आप सभी लोगों का निरंतर स्नेह मिला है।
 
तब गुजरात कर रहा था चुनौतियों का सामना : उन्होंने एक अन्य पोस्ट में लिखा- जब मेरी पार्टी ने मुझे गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने का आदेश दिया था, उस समय गुजरात अनेक चुनौतियां का सामना कर रहा था। राज्य के लोगों के लिए वो परीक्षा की घड़ी थी। उसी वर्ष राज्य में एक विनाशकारी भूकंप आया था। चक्रवात, सूखे के कारण लाखों लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त था। गुजरात में राजनीतिक अस्थिरता थी। और ऐसे समय में मुझे गुजरात की सेवा के लिए चुना गया। संकटों ने हमारा हौसला नहीं तोड़ा बल्कि हमें एक सशक्त, समृद्ध और नवनिर्मित गुजरात बनाने की प्रेरणा शक्ति दी।
 
मोदी ने लिखा- जब मैं मुख्यमंत्री बना- तो मेरी मां हीराबेन ने मुझसे कहा था कि मैं तुम्हारे काम को तो ज्यादा नहीं जानती, लेकिन मेरी दो बातें हमेशा याद रखना। पहला- गरीबों के लिए काम करना और दूसरा कभी रिश्वत मत लेना। मुझे अपनी मां से मिली ये सीख अमूल्य थी। मैंने संकल्प किया कि हम जनता-जनार्दन की सेवा में सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने की कोशिश करेंगे और सरकार का हर काम, अंत्योदय की भावना से प्रेरित होगा।
 
25 वर्षों की इस यात्रा में, मुझे ढेर सारे अनुभव मिले। हम सब ने मिलकर बहुत सी उपलब्धियां भी हासिल कीं। मुझे आज भी याद है कि जब मैं मुख्यमंत्री बना था, तो उस समय के गुजरात के लिए कुछ लोग क्या कहते थे। कहा जाता था- गुजरात दोबारा फिर कभी खड़ा नहीं हो पाएगा। हमारे नागरिक, हमारे अन्नदाता साथी बिजली और पानी के संकट से जूझते थे। खेती बर्बाद हो चुकी थी, उद्योग ठप थे। लेकिन गुजरात के लोगों की दृढ़ इच्छाशक्ति ने दिखा दिया कि अगर जनता ठान ले, तो फिर संकल्प की सिद्धि होकर ही रहती है। और आज देखिए, वही गुजरात, गवर्नेंस का पॉवर हाउस बनकर आगे बढ़ रहा है।
 
कृषि क्षेत्र का ग्रोथ इंजन : कभी सूखे से जूझने वाला गुजरात, आज कृषि क्षेत्र का ग्रोथ इंजन बन रहा है। बीते 2 दशक में, गुजरात की मैन्यूफैक्चरिंग और इंडस्ट्रियल कैपिसिटी में बहुत बड़ी क्रांति आई है। कर्फ्यू, हिंसा, तनाव जैसी बातें अतीत बन गई हैं। सोशल और फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर में बहुत बड़ा सुधार हुआ है। आज मुझे ये देखकर बहुत सुखद संतोष होता है कि इन परिवर्तनों से लोगों का जीवन कितना बेहतर हुआ है।
प्रधानमंत्री के रूप में शपथ : 2013 में, भारतीय जनता पार्टी ने मुझे प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाकर 2014 के लोकसभा चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी थी। संयोग से, वो दौर भी हमारे राष्ट्र के सामने अभूतपूर्व संकटों का समय था। देश में कांग्रेस सरकार और शासन के प्रति असीम अविश्वास था। यूपीए की तत्कालीन सरकार, भ्रष्टाचार और कुशासन का प्रतीक बन गई थी। ग्लोबल ऑर्डर में भारत की साख लगातार कमजोर हो रही थीं। और उस स्थिति में भारत की महान जनता ने परिवर्तन का प्रण किया, मुझ पर भरोसा किया, मुझे अपनी सेवा के लिए चुना। 2014 में एनडीए की सरकार बनी और 3 दशक बाद किसी दल को पूर्ण बहुमत मिला।
 
बीते 11 वर्षों में हम भारत के लोगों ने परिश्रम की पराकाष्ठा करते हुए, निर्णायक कदम उठाते हुए, देश में अनेक ऐतिहासिक परिवर्तन किए। समाज का हर वर्ग सशक्त हुआ। हमारे युवाओं, हमारी नारीशक्ति और अन्नदाताओं के लिए विशेष प्रयास किए गए। भारत आज विश्व की सबसे बड़ी हेल्थकेयर और सोशल सिक्योरिटी स्कीम्स का देश है। गरीब के लिए संवेदनशील सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि देश के 25 करोड़ लोगों ने गरीबी को परास्त करके दिखा दिया है। आज भारत, दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं के बीच आशा की किरण के रूप में दिखाई दे रहा है। राष्ट्र की आत्मनिर्भरता के लिए देश का हर नागरिक निरंतर प्रयास कर रहा है। सरकार के स्तर पर कई बड़े रिफॉर्म्स किए गए हैं और हर सेक्टर में गर्व से कहो, ये स्वदेशी है का आह्वान...आत्मनिर्भरता का मूल मंत्र बन रहा है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
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