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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : शनिवार, 19 अक्टूबर 2019 (12:44 IST)

कमलेश तिवारी हत्याकांड की टाइमिंग को लेकर उठे सवाल

कमलेश तिवारी हत्याकांड की टाइमिंग को लेकर उठे सवाल - Utar pradesh dgp on  Kamlesh tiwari murder
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पॉश इलाके में शुक्रवार को दिनदहाड़े हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी की हत्या की गुत्थी को सुलझाने का दावा उत्तर प्रदेश पुलिस ने किया है। यूपी के डीजीपी ओमप्रकाश ने प्रेस कॉफ्रेंस कर पूरे हत्याकांड के पर्दाफाश करने का दावा करते हुए 3 आरोपियों की गिरफ्तारी का दावा किया।

इस मामले में गुजरात के सूरत से एटीएस ने तीन आरोपियों राशिद, मोहसिन और फैजान को गिरफ्तार किया है। डीजीपी ने इन तीनों को हत्याकांड का मास्टरमाइंड बताते हुए कहा कि दो अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। 
 
 
2015 के विवादित बयान देने पर हत्या : कमलेश तिवारी की हत्या का खुलासा करते हुए यूपी डीजीपी ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि कमलेश तिवारी ने 2015 में जो बयान दिया था उसके चलते ही हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया। पुलिस ने इस मामले में बिजनौर से मौलाना मौहम्मद मुफ्ती नई काजमी और मौलाना अनुवारुल हक को भी हिरासत में लिया है, पुलिस को अपनी जांच में इनके हत्या में शामिल होने का शक है।

कमलेश की पत्नी ने भी हत्या के बाद कमलेश का सिर कलम करने का फतवा जारी करने वाले मौलान मौहम्मद मुफ्ती नई काजमी और मौलाना अनुवारुल हक पर हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया है। डीजीपी के मुताबिक कमलेश तिवारी की हत्या में शुरुआती जांच में बिजनौर और गुजरात कनेक्शन सामने आया है। 
गौरतलब है कि हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी 2015 में पैंगबर मुहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद एकाएक वह सुर्खियों में आ गए थे। इस विवादित टिप्पणी के बाद कमलेश तिवारी के खिलाफ कई मुस्लिम संगठन ने उसका सिर कलम करने का फतवा जारी किया था। इसके बाद कमलेश तिवारी लगातार कट्टरपंथियों के निशाने पर थे। 
ISIS के निशाने पर थे कमलेश : हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या की शुरुआती जांच में आतंकी संगठन ISIS के हाथ होने की बात भी सामने आ रही है। कमलेश तिवारी की हत्या की जिम्मेदारी एक आतंकी संगठन अल हिंद संगठन ने ली है,जिसने कमलेश के हत्या के बाद की कुछ तस्वीरें भी जारी की है।

वहीं इस मामले पर यूपी डीजीपी ने कहा कि अब तक की जांच में इस हत्याकांड में फिलहाल कोई आतंकी संगठन का नाम नहीं सामने आया है लेकिन पुलिस इस दिशा में भी अपनी जांच कर रही है। 
 
हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में CCTV अहम सुराग : कमलेश तिवारी की हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में पुलिस के हाथ लगे दो सीसीटीवी फुटेज अहम भूमिका निभा रहे है। हत्याकांड के तुरंत बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुजरात एटीएस से संपर्क किया जिसके बाद सूरत से तीन संदिग्धों की गिरफ्तारी हो पाई।

जांच के दौरान सूरत की एक दुकान से पुलिस को  जो सीसीटीवी फुटेज एटीएस को मिले है उसके तीन शख्स एक दुकान से मिठाई खरीदते हुए नजर आए और पुलिस ने इसके आधार पर तीनों की गिरफ्तार कर लिया।
 हत्या की टाइमिंग पर सवाल - कट्टर हिंदुत्व के चेहरे के रुप में पहचान रखने वाले कमलेश तिवारी की हत्या की वारदात एक ऐसे वक्त की गई है जब देश के सबसे संवेदनशील अयोध्या मामले में चंद दिनों के बाद फैसला आने वाला है। ऐसे में कमलेश तिवारी की हत्या ने हिंदूवादी संगठनों को सड़क पर उतरने का मौका दे दिया है।

कमलेश तिवारी की हत्या के बाद उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हिंदू संगठन सड़क पर उतरकर विरोध जता रहे है, कमलनेश तिवारी हत्याकांड के बाद बिजनौर में बेहद तनाव के हालात है। कमलेश तिवारी की हत्या को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी नाराज बताए जा रहे है। लखनऊ में सरकार की नाक के नीचे इस जघन्य हत्याकांड ने सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भयमुक्त उत्तर प्रदेश के दावे पर सवालिया निशान लगा दिए है।
 
कमलेश तिवारी की हत्या के 24 घंटे पहले देश की सबसे बड़ी अदालत ने प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार को फटकार लगाई थी। कानून व्यवस्था पर सुप्रीम कोर्ट की इस फटकार और नेपाल से उत्तर प्रदेश के रास्ते दिल्ली तक आतंकियों के घुसपैठ की खबर को लेकर जब सूबे के पुलिस महकमा हाई अलर्ट पर था तब कानून को धता बताते हुए हत्यारों ने कमलेश तिवारी को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया।

भले ही उत्तर प्रदेश पुलिस 24 घंटे के अंदर इस हत्याकांड को सुलझाने का दावा कर अपनी पीठ थपथपा रही हो लेकिन पुलिस के दावों के विपरीत इस हत्याकांड ने एक बार योगी सरकार को खुली चुनौती दे दी है।
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