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Last Updated : बुधवार, 6 नवंबर 2024 (00:29 IST)

सैनिकों के पीछे हटने के बाद अब भारत और चीन के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता

जयशंकर ने कहा- भारत-चीन सेनाओं के बीच 4 साल से जारी सैन्य गतिरोध समाप्त

सैनिकों के पीछे हटने के बाद अब भारत और चीन के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता - Troops retreated in eastern Ladakh, now special representative level talks between India and China
India China border dispute: भारत और चीन के बीच रिश्तों की बर्फ धीरे-धीरे पिघल रही है। दोनों देशों के बीच हाल ही में हुए एक समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और देपसांग से दोनों देशों के सैनिक पीछे हट गए हैं। अब जल्द ही भारत और चीन के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता शुरू हो सकती है। भारत की तरफ से इस बैठक में एनएसए अजित डोभाल शामिल होंगे। इसके बाद दोनों देशों के बीच विदेश मंत्री स्तर की वार्ता होगी। 
 
उल्लेखनीय है कि हाल के दिनों में भारत और चीन के संबंधों में तल्खी कम हुई है। ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात भी हुई है। दोनों देशों के सैनिक दो बिन्दुओं से पीछे हटे हैं। सामूहिक गश्त भी जल्द शुरू होने की संभावना है। अब इन संबंधों को और आगे ले जाने के लिए विशेष प्रतिनिधि स्तर की बातचीत जल्द ही हो सकती है। हालांकि इसकी तारीख का ऐलान नहीं हुआ है। ALSO READ: दिवाली से पहले LAC पर डेमचोक, देपसांग में पीछे हटे चीन और भारत के सैनिक, अब शुरू होगी गश्त
 
क्या कहा जयशंकर ने : दूसरी ओर, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के पीछे हटने के समझौते को आने वाले दिनों में ‘सभी की संतुष्टि’ के अनुरूप लागू किया जाएगा। जयशंकर ने यहां एक ‘थिंक टैंक’ के उद्घाटन सत्र में ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट (एएसपीआई) के कार्यकारी निदेशक जस्टिन बस्सी के साथ बातचीत में यह टिप्पणी की। उनसे भारत-चीन के आगामी दिनों में संबंधों के बारे में एक प्रश्न पूछा गया था।
 
भारत ने 21 अक्टूबर को घोषणा की कि उसने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त को लेकर चीन के साथ समझौता कर लिया है, जिससे दोनों सेनाओं के बीच 4 साल से जारी सैन्य गतिरोध समाप्त हो गया। जयशंकर ने कहा कि फिलहाल तनाव घटने का इंतजार है, जो एलएसी पर सुरक्षा बलों की लामबंदी के कारण है। विदेश मंत्री ने कहा कि 2020 से पहले दोनों देशों की तरफ से एलएसी के पास जितनी तैनाती थी, आज उसकी तुलना में बड़ी सैन्य तैनाती है, इसलिए हमारे सामने बातचीत का ही रास्ता है। ALSO READ: लद्दाख में सीमा से PLA सैनिकों की वापसी पर आखिरकार आया चीन का बयान, जानें क्‍या बोला
 
जल्द गश्त शुरू होने की उम्मीद : जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी गिरावट आई थी। जयशंकर ने कहा कि प्राथमिकता सैनिकों को पीछे हटाने के तरीके खोजने की रही है। उन्होंने कहा कि जोर जहां तक संभव हो सामान्य स्थिति बहाल करने और 2020 से पहले की तरह गश्त बहाल करने का रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अब जल्द गश्त शुरु हो जाएगी।
 
विदेश मंत्री ने कहा कि इस अवधि (2020 के बाद) के दौरान, भारत-चीन संबंध भी ‘बहुत गहराई से प्रभावित’ हुए, क्योंकि भारत का मानना है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए पहली शर्त है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच 5 वर्षों के बाद पहली द्विपक्षीय बैठक में हुई सहमति की ओर भी ध्यान आकर्षित किया कि विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अपने समकक्षों से मिलेंगे और संबंधों को सामान्य बनाने के तरीके तलाशेंगे। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala