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Last Updated : बुधवार, 22 जून 2022 (00:17 IST)

Agnipath scheme: अग्निपथ योजना के विरोध के बीच सेना ने किया साफ, भर्ती प्रक्रिया में नहीं होगा कोई बदलाव

Agnipath scheme: अग्निपथ योजना के विरोध के बीच सेना ने किया साफ, भर्ती प्रक्रिया में नहीं होगा कोई बदलाव - There will be no change in the recruitment process of Agneepath Scheme
नई दिल्ली। सेना के तीनों अंगों ने मंगलवार को कहा कि अग्निपथ योजना सैनिकों की भर्ती की मौजूदा व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं लाएगी और न ही उनकी युद्धक क्षमताओं तथा अभियानगत तैयारी को प्रभावित करेगी। सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने नई योजना के बारे में विभिन्न मुद्दों को संबोधित करते कहा कि सैन्य बलों का आकार सही करने और सेना का युवा स्वरूप बनाने के लिए योजना लाई गई है और कुल मिलाकर इससे बलों की क्षमता बढ़ेगी।
 
भर्ती के लिए नए मॉडल की घोषणा के बाद देश के कई हिस्सों में हिंसक विरोध देखा गया। नई योजना के तहत केवल 4 साल के लिए साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं की भर्ती करने का प्रावधान है जिसमें से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों के लिए सेवा में बनाए रखा जाएगा। इस साल के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया गया है।
 
लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं होगा। 5 साल पहले जो हुआ, जो पूर्व में हुआ, वही जारी रहेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि योजना के तहत भर्ती होने वाले सैनिक वीरता पुरस्कार के लिए पात्र होंगे।
 
उन्होंने कहा कि यह योजना इसलिए शुरू की जा रही है ताकि सशस्त्र बल सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को आकर्षित कर सकें। पुरी ने कहा कि अग्निपथ सशस्त्र बलों को ताकत देगा। सेना के तीनों अंगों के शीर्ष अधिकारियों ने भर्ती प्रक्रिया के विस्तृत कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कहा कि अग्निवीर को दिए जाने वाले प्रशिक्षण की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा, हालांकि इसकी अवधि कम की जाएगी।
 
'एयर ऑफिसर-इन-चार्ज ऑफ पर्सनल' एयर मार्शल एस के झा ने कहा कि भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमता और तैयारी पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। भारतीय वायुसेना और सरकार वह सब कुछ करेगी, जो हमें युद्ध के योग्य और युद्ध के लिए तैयारी रखने को लेकर आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत भारतीय वायुसेना की भर्ती प्रक्रिया, प्रवेश स्तर की योग्यता, परीक्षा पाठ्यक्रम और चिकित्सा मानकों में बिलकुल कोई बदलाव नहीं हुआ है। भारतीय वायुसेना में प्रवेश अग्निवीर वायु के माध्यम से ही होंगे।
 
सेना के एडजुटेंट जनरल लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा ने कहा कि सेना अग्निपथ योजना के तहत महिलाओं को सैन्य पुलिस के रूप में शामिल करेगी। इस योजना से नुकसान नहीं होगा बल्कि सेना की युद्धक क्षमता में सुधार होगा। भर्ती कार्यक्रम जारी करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल पोनप्पा ने कहा कि उम्मीदवारों का ऑनलाइन पंजीकरण और भर्ती रैलियों के कार्यक्रम की घोषणा 1 जुलाई से शुरू होगी। भर्ती रैलियां अगस्त के दूसरे सप्ताह से शुरू होंगी, अग्निवीर के पहले बैच के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा 16 अक्टूबर और 13 नवंबर को होगी तथा वे 22 दिसंबर को प्रशिक्षण केंद्रों पर रिपोर्ट करेंगे। पहला बैच 23 जुलाई को अपनी-अपनी इकाइयों में शामिल होंगे।
वायुसेना के भर्ती कार्यक्रम की जानकारी साझा करते हुए एयर मार्शल झा ने कहा कि उम्मीदवारों का पंजीकरण 24 जून से 5 जुलाई तक होगा जबकि स्टार परीक्षा (ऑनलाइन) के लिए पंजीकरण 24 से 31 जुलाई के बीच उपलब्ध होगा।
 
वायुसेना अस्थायी रूप से चयनित उम्मीदवारों को 10 अगस्त तक कॉल लेटर जारी करेगी और उनका मेडिकल परीक्षण 29 अगस्त से 8 नवंबर तक किया जाएगा। एयर मार्शल झा ने कहा कि अनंतिम चयन सूची 1 दिसंबर को जारी की जाएगी, नामांकन सूची और सफल उम्मीदवारों को कॉल लेटर 11 दिसंबर को जारी किए जाएंगे और पाठ्यक्रम 30 दिसंबर से शुरू होगा।
 
नौसेना के कार्यक्रम के बारे में वाइस एडमिरल (कार्मिक) दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि पंजीकरण प्रक्रिया का विवरण बुधवार को जारी किया जाएगा और सभी उम्मीदवारों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण 1 जुलाई से शुरू होगा। भर्ती के लिए एक विस्तृत अधिसूचना जुलाई में प्रकाशित की जाएगी।
 
उन्होंने कहा कि आवेदन विंडो 15 से 30 जुलाई तक उपलब्ध होगी और परीक्षा और शारीरिक फिटनेस परीक्षण अक्टूबर के मध्य में होगा जबकि प्रशिक्षण प्रक्रिया 21 नवंबर से शुरू होगी। वाइस एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि अग्निवीर को अपना 4 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद मर्चेंट नेवी में शामिल होने का अवसर मिलेगा।
 
प्रेस वार्ता में लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा कि दुनिया के किसी अन्य देश में भारत के समान जनसांख्यिकीय लाभांश नहीं है। हमारे 50 प्रतिशत युवा 25 वर्ष से कम आयु वर्ग के हैं। हमें इसका अधिकतम लाभ उठाना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना का उद्देश्य सशस्त्र बलों का युवा स्वरूप सुनिश्चित करना, तकनीकी रूप से कुशल लोगों को लाना और देश के सामने आने वाली किसी भी चुनौती से निपटने के लिए उन्हें भविष्य को लेकर तैयार करना है। लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा कि सेना के लिए काम करना एक जुनून और प्रतिबद्धता है तथा यह कोई रोजमर्रा का काम नहीं है। उन्होंने कहा कि कारगिल समीक्षा समिति, अरुण सिंह समिति और शेखतकर समिति सहित विभिन्न समितियों ने सशस्त्र बलों की औसत उम्र को कम करने की सिफारिश की थी।
 
अतिरिक्त सचिव ने यह भी कहा कि तीनों सेवाओं और रक्षा मंत्रालय के साथ-साथ सरकार के दृष्टिकोण के तहत योजना पर विस्तृत चर्चा की गई। सेना के तीनों अंगों ने कुल 500 घंटे की 150 बैठकें कीं, मंत्रालय की कुल 150 घंटे की 60 बैठकें हुईं जबकि 100 घंटे तक 44 बैठकें पूरे सरकारी ढांचे के तहत हुईं।
 
यह पूछे जाने पर कि क्या अग्निपथ योजना सेना में सैनिकों की संख्या में कटौती करने के लिए लाई जा रही है, जैसा कि विशेषज्ञों के विभिन्न समितियों द्वारा सैन्य बल को सही आकार देने के लिए सुझाया गया है? लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा कि मुख्य उद्देश्य सशस्त्र बलों का स्वरूप युवा बनाना है। इस योजना के तहत सेना की योजना इस साल 40,000 सैनिकों की भर्ती करने की है और आगामी वर्षों में यह संख्या और बढ़ने वाली है। लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा कि हाल में अग्निपथ योजना पर 'विश्वसनीय' जानकारी ने इस पहल के संबंध में भ्रम को दूर कर दिया है और सैनिक बनने की तैयारी कर रहे युवा कई जगहों पर अभ्यास में जुट गए हैं।(भाषा)
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