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Last Updated :नई दिल्ली , गुरुवार, 28 दिसंबर 2017 (14:29 IST)

पाक में जाधव के परिवार का अपमान, संसद में सुषमा का बयान...

पाक में जाधव के परिवार का अपमान, संसद में सुषमा का बयान... - Sushma Swaraj in Parliament on behavior of Pak with Jadhav family
नई दिल्ली। भारत ने कुलभूषण जाधव और उनके परिवार के बीच मुलाकात के आयोजन के पाकिस्तान के तौर तरीकों को अशिष्ट करार देते हुए कहा कि इसमें मानवता और सद्भाव गायब थे और भयभीत करने वाले वातावरण में जाधव के परिवार वालों के मानवाधिकारों का पूरी तरह से उल्लंघन किया गया। लोकसभा में पाकिस्तान के इस व्यवहार की कड़ी निंदा की गई।
 
जाधव की अपने परिवार से भेंट से उत्पन्न स्थिति पर लोकसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने बयान में कहा कि इस मुलाकात में जाधव के परिवार वालों के मानवाधिकारों का पूरी तरह उल्लंघन किया गया और उन्हें भयभीत करने वाला वातावरण वहां पैदा किया गया, जिसकी जितनी निंदा की जाए, कम है।
 
उन्होंने कहा कि जाधव की उनके परिवार वालों से मुलाकात दोनों देशों के बीच आगे की दिशा में बढ़ने वाला एक कदम साबित हो सकती थी लेकिन यह खेद की बात है कि दोनों के बीच बनी सहमति से हटकर इस मुलाकात का आयोजन किया गया। 22 माह बाद एक मां की अपने बेटे से और एक पत्नी की अपने पति से होने वाली भावपूर्ण भेंट को पाकिस्तान ने एक दुष्प्रचार के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया।
 
सुषमा ने अपने बयान में कहा कि हालांकि पाकिस्तान जाधव की उनकी मां और पत्नी से मुलाकात को मानवतापूर्ण संकेत के तौर पर प्रदर्शित कर रहा था लेकिन सच तो यह है कि मानवता और सद्भाव के नाम पर हुई इस मुलाकात में से मानवता भी गायब थी और सद्भाव भी।
 
उन्होंने कहा कि हद तो तब हो गई जब पाकिस्तानी अधिकारियों ने सुरक्षा के नाम पर जाधव की मां और पत्नी के कपड़े बदलवाए, उनके मंगलसूत्र, बिंदी सहित उनकी चूड़ियां उतरवा ली।
 
सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान का यह दावा सत्यता से पूरी तरह परे है कि जाधव की पत्नी के जूतों में कोई उपकरण था। उन्होंने कहा कि जाधव की मां और पत्नी दुबई होते हुए इस्लामाबाद पहुंचीं और दोनों जगहों पर हवाईअड्डों पर वे सुरक्षा जांच से गुजरी थीं लेकिन तब कोई उपकरण का पता नहीं चला था। शुक्र है कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने यह नहीं कहा कि जूते में बम रख दिया गया है।
 
उन्होंने कहा कि समूचा सदन और इस सदन के माध्यम से भारत के समस्त लोग एक स्वर से पाकिस्तान के इस अत्यंत अशिष्ट व्यवहार की पुरजोर निंदा करेंगे और जाधव के परिवार के साथ हार्दिक सहानुभूति प्रकट करेंगे। सदन ने एक स्वर से इस पर सहमति प्रकट की।
 
इस दौरान भाजपा, शिवसेना के सदस्यों ने ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे भी लगाए। विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच इसके बारे में सहमति बनी थी कि मीडिया को जाधव की मां और पत्नी के नजदीक आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। लेकिन पाकिस्तानी प्रेस को न केवल परिवार के समीप आने दिया गया बल्कि उन्हें तरह तरह के अपशब्दों से संबोधित करके परेशान भी किया गया। उन पर झूठे आरोप भी लगाए गए और जाधव को जबरन आरोपी सिद्ध करने का प्रयास किया गया।
 
सुषमा ने कहा कि दो दिन पहले विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी थी। और बाद में इस मुलाकात से उपजी आपत्तियों को हमने राजनयिक माध्यमों से पाकिस्तान को भी अवगत करा दिया है।
 
विदेश मंत्री ने कहा, 'इतना ही नहीं, मुलाकात के बाद जो कार जाधव के परिवार वालों और भारतीय राजनयिक को ले जाने के लिए दी गई थी उसे जानबूझकर रोक कर रखा गया ताकि मीडिया को उन्हें परेशान करने का एक और मौका मिल सके।
 
सुषमा ने बताया कि जाधव की मां अपने बेटे से मराठी में बात करना चाहती थीं। लेकिन उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी गई। उस दौरान वहां बैठी दो पाकिस्तानी अधिकारियों ने लगातार उन्हें टोका और जब जाधव की मां और पत्नी अपनी बात पर डटी रहीं तो उनका इंटरकॉम बंद कर दिया गया ताकि बातचीत आगे न बढ़ पाए।
 
विदेश मंत्री ने बताया कि भारत के उप उच्चायुक्त जाधव के परिवार के साथ इस मुलाकात के लिए गए थे। उनको बिना बताए परिवार वालों को पिछले दरवाजे से बैठक के लिए ले जाया गया जिससे उप उच्चायुक्त देख नहीं पाए कि जाधव की मां और पत्नी के कपड़े बदलवा कर और बिंदी, चूड़ी, मंगलसूत्र उतरवा कर ले जाया जा रहा है। वरना वह वहीं विरोध जताते।
 
उन्होंने बताया कि आज सुबह ही उन्होंने एक बार फिर जाधव की मां से बात की जिन्होंने उन्हें बताया कि जब उनकी बिंदी, चूड़ी और मंगलसूत्र उतरवाये जा रहे थे तब उन्होंने कहा था कि यह उनके सुहाग चिह्न हैं और इन्हें उन्होंने कभी नहीं उतारा है, इसलिए इन्हें नहीं उतारा जाए। इस पर पाकिस्तानी अधिकारी ने जवाब दिया कि वह तो उन्हें मिले आदेश का पालन कर रही हैं।
 
सुषमा के अनुसार, जाधव की मां ने उन्हें बताया कि जब वह अपने बेटे के सामने पहुंचीं तो उन्हें बिना बिंदी, चूड़ी और मंगलसूत्र के देखने पर जाधव ने पहला सवाल किया, 'बाबा कैसे हैं।' सुषमा ने कहा, जाधव की मां के मुताबिक, उन्हें बिना बिंदी, चूड़ी और मंगलसूत्र के देखकर उनके पुत्र को लगा कि कहीं कोई अनहोनी न हो गई हो। उन्होंने कहा कि जाधव की मां हमेशा साड़ी पहनती हैं लेकिन उन्हें वहां सलवार कमीज पहनाई गई।
 
उन्होंने बताया कि जाधव की मां और पत्नी ने मुझे बताया कि जाधव बेहद तनाव में दिख रहे थे और ऐसा लग रहा था कि वह दबाव में बोल रहे हैं। बातचीत आगे बढ़ने पर यह साफ हो गया कि उन्हें कैद करने वालों ने उनको जो सिखा पढ़ा कर भेजा था वह वही बोल रहे थे और इसका उद्देश्य उनकी तथाकथित गतिविधियों की झूठी कहानी को सही सिद्ध करना था। उनकी बोलचाल और हावभाव से पता चल रहा था कि वह पूरी तरह स्वस्थ भी नहीं हैं।
 
सुषमा ने कहा कि हमने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में जाधव के पक्ष में एक याचिका दायर की। इस याचिका के फलस्वरूप हम अस्थायी तौर पर उनकी मृत्युदंड की सजा रूकवाने में सफल रहे। यह मृत्युदंड जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने हास्यास्पद तरीके से चलाए गए मुकदमे में सुनाया गया था। उनके जीवन पर मंडरा रहे खतरे को अभी टाल दिया गया है और हम अधिक मजबूत तर्कों के आधार पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय द्वारा स्थायी राहत दिए जाने का प्रयास कर रहे हैं। (भाषा)