• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Supreme Court stays action against YouTuber
Last Modified: नई दिल्ली , बुधवार, 14 अगस्त 2024 (18:11 IST)

SC ने तमिलनाडु के YouTuber के खिलाफ कार्रवाई पर लगाई रोक, राज्‍य सरकार और पुलिस अधिकारियों को जारी किए नोटिस

Supreme court
Supreme Court stays action against YouTuber : उच्चतम न्यायालय ने प्रसिद्ध यूट्यूबर सावुक्कु शंकर को राहत देते हुए उनके खिलाफ तमिलनाडु पुलिस द्वारा दर्ज 16 प्राथमिकियों को दंडात्मक कार्यवाही पर रोक लगा दी। ये प्राथमिकियां एक यूट्यूब चैनल को दिए गए उनके साक्षात्कार से संबंधित हैं।
 
शंकर (48) को 30 अप्रैल को यूट्यूब चैनल रेडपिक्स 24x7 को दिए गए एक साक्षात्कार में महिला पुलिसकर्मियों के बारे में अपमानजनक बयान देने के आरोप में चार मई को कोयंबटूर पुलिस ने दक्षिणी थेनी से गिरफ्तार किया था। इस मामले में उनके खिलाफ कई प्राथमिकियां दर्ज की गई थीं।
 
गांजा रखने के आरोप में भी मामला दर्ज : इन मामलों के अलावा, यूट्यूबर पर थेनी पुलिस ने गांजा रखने के आरोप में भी मामला दर्ज किया है। शंकर को उच्चतम न्यायालय और मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के बाद रिहा कर दिया गया था। हालांकि सोमवार को उन्हें राज्य पुलिस ने फिर से हिरासत में ले लिया।
उच्च न्यायालय ने कोयंबटूर केंद्रीय कारागार में बंद यूट्यूबर के किसी अन्य मामले में आरोपी न होने की सूरत में उसे तुरंत रिहा करने का आदेश दिया था। इससे पहले, शीर्ष अदालत ने 18 जुलाई को शंकर को रिहा करने का आदेश दिया था। प्राथमिकी रद्द करने की मांग करने वाली याचिका प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष आई।
 
राज्य सरकार और उसके पुलिस अधिकारियों को नोटिस जारी : पीठ ने न केवल राज्य सरकार और उसके पुलिस अधिकारियों को नोटिस जारी किए, बल्कि शंकर के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही पर भी रोक लगा दी। प्रधान न्यायाधीश ने आदेश दिया, नोटिस जारी करें, अगले आदेश तक प्राथमिकियों के संबंध में याचिकाकर्ता के खिलाफ आगे की कार्यवाही पर रोक रहेगी।
पीठ ने नई याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताते हुए कहा, हमने सभी 16 प्राथमिकियों में किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान की है। कृपया सभी प्राथमिकियों का पूरा चार्ट भी दाखिल करें। पीठ ने वकील बालाजी श्रीनिवासन की इस दलील पर गौर किया कि शंकर को तमिलनाडु पुलिस ने दोबारा गिरफ्तार कर लिया, जबकि शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालय ने उनकी रिहाई का आदेश दिया था।
श्रीनिवासन ने कहा कि हाल में हिरासत में लिए जाने को चुनौती देने के लिए एक नई याचिका दायर की जा सकती है। शंकर ने आरोप लगाया कि राज्य पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने और हिरासत में यातना देने के लिए उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज कर रही है।
 
एमके स्टालिन के कटु आलोचक हैं शंकर : शंकर की मां ए. कमला द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को स्वीकार करते हुए उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि यदि किसी अन्य मामले में वह आरोपी न हो तो उन्हें रिहा कर दिया जाए। शंकर तमिलनाडु में द्रमुक शासन और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के कटु आलोचक हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour
ये भी पढ़ें
Kolkata rape-murder case पर राहुल गांधी ने तोड़ी चुप्पी, बोले- आरोपियों को बचा रही है ममता सरकार