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Last Modified: शनिवार, 13 फ़रवरी 2021 (17:41 IST)

Supreme court ने NGO अध्यक्ष के खिलाफ जारी किया वारंट, 25 लाख रुपए जुर्माना भरने से किया था इनकार

Supreme court ने NGO अध्यक्ष के खिलाफ जारी किया वारंट, 25 लाख रुपए जुर्माना भरने से किया था इनकार - Supreme court issues warrant against NGO President
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने पिछले कुछ वर्षों में बिना किसी सफलता के, और शीर्ष अदालत के अधिकार क्षेत्र का बार-बार दुरुपयोग करते हुए 64 जनहित याचिकाएं (पीआईएल) दाखिल करने के लिए लगाए गए 25 लाख रुपए का जुर्माना नहीं भरने पर एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के अध्यक्ष के खिलाफ जमानती वारंट जारी किए हैं।

न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की एक पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ट्रस्ट और उसके अध्यक्ष राजीव दहिया ने अदालत के अधिकार क्षेत्र का दुरुपयोग किया है। शीर्ष अदालत ने पांच दिसंबर, 2017 को 64 जनहित याचिका दायर करने के लिए, एनजीओ सुराज इंडिया ट्रस्ट के खिलाफ दिए गए अपने पहले के आदेश को संशोधित करने से इनकार कर दिया।

पीठ ने उच्चतम न्यायालय के एक मई के आदेश को संशोधित करने के लिए एनजीओ द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था। इस आदेश में ट्रस्ट पर देशभर में किसी भी अदालत के समक्ष कोई भी याचिका दायर करने को लेकर पाबंदी लगा दी गई थी।

चूंकि सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड वेलफेयर ट्रस्ट के समक्ष जुर्माना जमा नहीं किया गया था, इसलिए मामले को उच्चतम न्यायालय के समक्ष फिर से रखा गया और पिछले वर्ष 29 सितंबर को नोटिस जारी किया गया था।शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता की चल और अचल संपत्तियों का खुलासा करने के लिए एनजीओ को निर्देश जारी किया था, जिसका अनुपालन नहीं किया गया।
पीठ ने कहा, राजीव दहिया के पेश होने के लिए 25 हजार रुपए के मुचलके और इतनी ही जमानती राशि पर जमानती वारंट जारी किए जाते हैं। वारंट की तामील स्थानीय पुलिस थाने द्वारा की जाएगी और कार्यवाही डिजिटल रूप से आयोजित की जाएगी।

उच्चतम न्यायालय ने एक मई, 2017 को दंडात्मक कदम उठाया था और एनजीओ पर भारी जुर्माना लगाते हुए कहा था कि न्यायिक समय की बर्बादी गंभीर चिंता का विषय है। न्यायालय ने कहा था कि सुराज इंडिया ट्रस्ट ने अदालत में 64 याचिकाएं दाखिल की थीं और उसे कोई भी सफलता नहीं मिली।(भाषा)
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