शनिवार, 27 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Statement of Union Ministers on the uproar in Parliament
Written By
Last Modified: गुरुवार, 12 अगस्त 2021 (17:04 IST)

संसद में हंगामे पर केंद्रीय मंत्रियों ने कहा- विपक्ष माफी मांगे, नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई हो...

संसद में हंगामे पर केंद्रीय मंत्रियों ने कहा- विपक्ष माफी मांगे, नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई हो... - Statement of Union Ministers on the uproar in Parliament
नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के दौरान हंगामा और अमर्यादित व्यवहार करने का विपक्ष पर आरोप लगाते हुए गुरुवार को केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि संसद में नियम तोड़ने व इस तरह का बर्ताव करने वाले विपक्षी सांसदों के खिलाफ ऐसी सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए कि कोई भी ऐसा करने का साहस नहीं करे।

केंद्रीय मंत्रियों ने विपक्षी नेताओं पर मार्शलों के साथ धक्का-मुक्की करने का आरोप लगाया। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्ष का 'मेरे तरीके से नहीं तो किसी भी तरीके से नहीं' का रवैया बहुत निंदनीय है और देश भी ऐसे रुख की निंदा करता है।

राज्यसभा के नेता गोयल ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों ने राज्यसभा के सभापति एवं उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू से मुलाकात की। उनमें संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, राज्यसभा के नेता पीयूष गोयल और उपनेता मुख्तार अब्बास नकवी भी शामिल थे।

उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसदों के अमर्यादित आचरण एवं मार्शलों के साथ धक्का-मुक्की करने को लेकर उनके (विपक्षी दलों के सांसदों के) खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, वहीं सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि राज्यसभा में महासचिव की मेज नाचने और विरोध करने के लिए नहीं है।

उन्होंने कहा कि मानसून सत्र के दौरान संसद में जो हुआ, उसके लिए विपक्ष को देश से माफी मांगनी चाहिए। ठाकुर ने कहा कि मानसून सत्र में विपक्ष का एकमात्र एजेंडा सड़क से लेकर संसद तक अराजकता पैदा करना था।

संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि हम मांग करते हैं कि राज्यसभा के सभापति को नियम तोड़ने वाले विपक्षी सांसदों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने संसद को नहीं चलने देने का पहले ही फैसला कर लिया था। जोशी ने कहा कि संसद में नियम तोड़ने एवं अमर्यादित व्यवहार करने वाले विपक्षी सांसदों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जानी चाहिए कि कोई ऐसा करने का साहस नहीं करे।
इस मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों ने गुरुवार को विरोध प्रदर्शन किया। विपक्ष ने सरकार पर सदन में मार्शल का इस्तेमाल करने एवं धक्का-मुक्की करने का आरोप लगाया। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में बैठक करने के बाद विपक्षी नेताओं ने संसद भवन से विजय चौक तक पैदल मार्च किया।
इस दौरान कई नेताओं ने बैनर और तख्तियां ले रखी थीं। बैनर पर 'हम किसान विरोधी काले कानूनों को रद्द करने की मांग करते हैं' लिखा हुआ था। विपक्षी नेताओं ने 'जासूसी बंद करो' कि काले कानून वापस लो' और 'लोकतंत्र की हत्या बंद करो' के नारे भी लगाए।
विपक्षी नेताओं की बैठक में खड़गे, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी, पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश एवं आनंद शर्मा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव, द्रमुक के टीआर बालू, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा और अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए।

राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने राज्यसभा में कुछ महिला सांसदों के साथ कथित धक्का-मुक्की की घटना को 'लोकतंत्र की हत्या' करार दिया।(भाषा)
ये भी पढ़ें
सामने आया राज्यसभा में धक्का-मुक्की का वीडियो, सरकार और विपक्ष ने एक-दूसरे पर लगाए आरोप