विजय चौक तक विपक्ष का पैदल मार्च, सड़क पर पहुंची संसद की लड़ाई, किसने किया लोकतंत्र को शर्मसार...
मुख्य बिंदु
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राहुल गांधी के नेतृत्व में 14 विपक्षी दलों का संसद से विजय चौक तक पैदल मार्च
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सत्ता पक्ष और विपक्ष का एक दूसरे पर लोकतंत्र को शर्मसार करने का आरोप
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संसद में महिला सांसदों की पिटाई हुई या मार्शलों को पीटा गया
नई दिल्ली। संसद में भले ही मानसून सत्र खत्म हो गया है कि पर सरकार और विपक्ष के बीच की तकरार अब सड़क तक आ गई है। गुरुवार को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में 14 विपक्षी दलों ने संसद से विजय चौक तक पैदल मार्च किया। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही एक दूसरे पर लोकतंत्र को शर्मसार करने का आरोप लगा रहे हैं।
विजय चौक पर विपक्षी नेताओं के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी कहा कि आज हमें आपसे (मीडिया) बात करने के लिए यहां आना पड़ा क्योंकि हमें संसद में बोलने की अनुमति नहीं है। यह लोकतंत्र की हत्या है।
राहुल ने कहा कि संसद का सत्र समाप्त हो गया है। जहां तक देश के 60% हिस्से का सवाल है उसके संसद का कोई सत्र नहीं हुआ है। 60% देश की आवाज को कुचला गया, अपमानित किया गया और कल राज्यसभा में पीटा गया। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के मुद्दे पर चर्चा नहीं कराई। जासूसी कांड पर भी चर्चा नहीं की गई।
राहुल ने आरोप लगाया कि हिंदुस्तान का पीएम देश बेच रहा है। सपा, राजद, शिवसेना समेत प्रदर्शन में शामिल सभी दलों ने सरकार पर जमकर निशाना साधा।
कांग्रेस के प्रदर्शन के बाद भाजपा नेता संबित पात्रा ने कहा कि विपक्ष ने लोकतंत्र को शर्मसार किया। सदन में मार्शलों के साथ धक्का मुक्की हुई। विपक्ष ने संसद को सड़क बनाने के कोशिश की। जनता वाकई विपक्ष को सड़क पर ले आई।
विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार उनकी आवाज दबा रही है। विपक्ष का आरोप है कि बुधवार को सत्र के आखिरी दिन महिला सांसदों को पुरुष मार्शल्स ने धक्का दिया। अब सवाल यह उठ रहा है कि सांसद और मार्शल्स में से कौन पिटा? इस मामले में सरकार या विपक्ष सच कौन बोल रहा है?