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Last Modified: सोमवार, 22 फ़रवरी 2021 (19:10 IST)

अब शिवसेना ने उठाया अमिताभ, अक्षय की खामोशी पर सवाल

अब शिवसेना ने उठाया अमिताभ, अक्षय की खामोशी पर सवाल - Shiv sena Targeted Amitabh Bachchan, Akshy Kumar on petrol price hike
मुंबई। शिवसेना ने ईंधन की बढ़ी कीमतों को लेकर सोमवार को केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा एकत्र करने के बजाए सरकार को देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम करने के लिए कदम उठाने चाहिए।
 
महाराष्ट्र में सत्ताधारी गठबंधन का नेतृत्व करने वाले दल ने ईंधन के बढ़ते दामों पर बॉलीवुड कलाकारों की चुप्पी का मुद्दा भी उठाया। पूर्व में गठबंधन में उसकी सहयोगी कांग्रेस भी पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती कीमतों पर फिल्मी कलाकारों की चुप्पी का मुद्दा उठा चुकी है।
पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में शिवसेना ने कहा कि पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी से यह सुनिश्चित होगा कि भगवान राम के भक्तों को खाना मिले। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम देखने के लिए केंद्र द्वारा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया है। मंदिर निर्माण के लिए चंदा एकत्र करने का राष्ट्रव्यापी अभियान पिछले महीने शुरू हुआ था।
 
शिवसेना ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की कीमत को नियंत्रित करना सरकार का दायित्व है। इसमें कहा गया कि अगर केंद्र सरकार (कीमतों को नियंत्रित करने के) अपने दायित्व को भूल गई है तो लोगों को (सरकार की) स्मृति में आई इस कमी को दूर करना चाहिए।
शिवसेना ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिये चंदा एकत्र करने के बजाए पेट्रोल और डीजल के दाम नीचे लाइए। राम भक्तों को इससे (कीमतों में कमी से) खाना मिलेगा और भगवान राम भी इससे खुश होंगे। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने सवाल उठाए कि क्यों जब-तब प्रदर्शन करने वाली भाजपा अब ईंधन के बढ़े दामों को लेकर चुप है।
 
मराठी दैनिक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगता है ईंधन के मौजूदा बढ़े दामों के लिए पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। मोदी ने पिछले हफ्ते कहा था कि पूर्ववर्ती सरकारें अगर भारत के ऊर्जा आयात को घटाने पर ध्यान केंद्रित करतीं तो मध्यम वर्ग को पेट्रोल और डीजल की ऊंची कीमतों का बोझ नहीं उठाना पड़ता।
 
वैश्विक दरों से संबद्ध ईंधन के खुदरा मूल्य में लगातार वृद्धि का संदर्भ दिए बगैर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि वित्त वर्ष 2019-20 में भारत ने अपनी तेल जरूरतों का 85 प्रतिशत आयात किया था जबकि गैस जरूरतों का 53 प्रतिशत हिस्सा आयातित था।
शिवसेना ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने इंडियन ऑयल, ओएनजीसी और भारत पेट्रोलियम जैसे सार्वजनिक उपक्रम स्थापित किए, लेकिन मोदी उन्हें बेच रहे हैं और अब ईंधन के बढ़े दामों के लिए पिछली सरकारों पर दोष मढ़ रहे हैं।
 
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा था कि पेट्रोल और डीजल के दामों को तार्किक स्तर तक नीचे लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर तंत्र विकसित करना होगा।
 
‘सामना’ के संपादकीय में इस बात का भी उल्लेख किया गया कि कैसे 2014 के पहले (जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग केंद्र में था) पेट्रोल और डीजल के बढ़े दामों पर अक्षय कुमार और अमिताभ बच्चन जैसे अभिनेताओं ने अपनी राय व्यक्त की थी। इसमें कहा गया कि पेट्रोल के दाम 100 रुपए प्रति लीटर (राजस्थान में) तक पहुंचने के बावजूद अब ये सितारे खामोश हैं। भाजपा की पूर्व सहयोगी शिवसेना ने दावा किया कि ये हस्तियां चुप्पी साधे हुए हैं क्योंकि उनसे ऐसे ही रहने को कहा गया है।
 
पार्टी ने दावा किया कि इसका यह भी मतलब है 2014 से पहले अपनी राय व्यक्त करने, आलोचना करने की स्वतंत्रता थी। अगर कोई सरकार की नीतियों की आलोचना करता था तो उसे राजद्रोह से संबंधित धाराओं के तहत जेल में नहीं डाला जाता था।
संपादकीय में कहा गया कि आज हमनें पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी पर नाराजगी व्यक्त करने की आजादी तक खो दी है। इसलिए अक्षय कुमार और अमिताभ बच्चन को क्यों अनावश्यक रूप से दोष देना?
 
कांग्रेस ने महाराष्ट्र में हाल में अभिनेताओं पर निशाना साधते हुए पूछा था कि वे ईंधन की बढ़ी कीमतों को लेकर क्यों चुप हैं और राज्य में उनकी फिल्मों का प्रदर्शन बाधित करने की धमकी दी थी।
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