नई दिल्ली। दक्षिण-पश्चिम मानसून दक्षिण अंडमान सागर और उसके आसपास के क्षेत्रों में आगे बढ़ गया है। चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और आसपास के क्षेत्र पर बना हुआ है। यह समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है और ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है। मध्य पाकिस्तान और इससे सटे पंजाब के कुछ हिस्सों में सर्कुलेशन बना हुआ है। इस चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र से एक ट्रफ रेखा पूर्वी उत्तरप्रदेश की तलहटी तक फैली हुई है। एक अन्य उत्तर दक्षिण ट्रफ रेखा बिहार से दक्षिण तमिलनाडु तक उत्तरी छत्तीसगढ़, विदर्भ, तेलंगाना और आंतरिक कर्नाटक से होती हुई गुजर रही है।
स्काईमेट के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान उपहिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम और अरुणाचल प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश हुई। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, झारखंड के कुछ हिस्सों, केरल और आंतरिक तमिलनाडु में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ भारी बारिश हुई। शेष पूर्वोत्तर भारत, गंगीय पश्चिम बंगाल, आंतरिक ओडिशा, छत्तीसगढ़ी और तेलंगाना में हल्की से मध्यम बारिश हुई।
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, विदर्भ, तटीय कर्नाटक और कोंकण और गोवा और दक्षिण-पश्चिम उत्तरप्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हल्की बारिश दर्ज की गई। दक्षिण हरियाणा, दिल्ली, दक्षिण उत्तरप्रदेश के कई हिस्सों, जम्मू संभाग, हिमाचल प्रदेश, पश्चिमी राजस्थान और पंजाब के अधिकांश हिस्सों में लू से गंभीर लू की स्थिति बनी रही। पूर्वी राजस्थान और उत्तरी मध्यप्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में लू की स्थिति बनी रही। विदर्भ के कई हिस्सों और दक्षिण-पश्चिम बिहार और झारखंड के एक या दो हिस्सों में लू की स्थिति बनी।
अगले 24 घंटों के दौरान सिक्किम, पूर्वोत्तर भारत, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, केरल के कुछ हिस्सों और दक्षिण कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। तमिलनाडु, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, बिहार के कुछ हिस्सों, रायलसीमा और छत्तीसगढ़ में हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं। पश्चिमी हिमालय, कोंकण और गोवा, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश संभव है।
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश के पश्चिमी हिस्सों और उत्तरी राजस्थान के कुछ हिस्सों में धूलभरी हवाएं, हल्की धूलभरी आंधी और गरज के साथ छींटें पड़ सकते हैं। पंजाब, दक्षिण हरियाणा, राजस्थान, विदर्भ और दक्षिण उत्तरप्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में लू की स्थिति संभव है।