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Last Modified: रविवार, 2 नवंबर 2025 (20:12 IST)

ISRO ने रचा इतिहास, लांच किया सबसे भारी उपग्रह, भारतीय सेना को मिली नई ताकत

Indian Space Agency ISRO created new history
Indian Space Agency ISRO News : भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) ने नया इतिहास रच दिया है। इसरो ने इस बार आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपने 4410 किलो वजनी उपग्रह CMS-03 को लांच किया है। यह भारत से लांच होने वाला इसरो का सबसे भारी उपग्रह है। इस उपग्रह को इसरो के सबसे ताकतवर रॉकेट एलएमवी3 के जरिए आज लांच किया गया। ISRO ने इससे पहले 5 दिसंबर 2018 को अपने सबसे भारी उपग्रह जीसैट-11 को लांच किया था, जिसका कुल वजन 5854 किलो था।

खबरों के अनुसार, भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) ने नया इतिहास रच दिया है। इसरो ने इस बार आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपने 4410 किलो वजनी उपग्रह CMS-03 को लांच किया है। यह भारत से लांच होने वाला इसरो का सबसे भारी उपग्रह है। इस उपग्रह को इसरो के सबसे ताकतवर रॉकेट एलएमवी3 के जरिए आज लांच किया गया।
ISRO ने इससे पहले 5 दिसंबर 2018 को अपने सबसे भारी उपग्रह जीसैट-11 को लांच किया था, जिसका कुल वजन 5854 किलो था। यह मिशन भारत की उच्च क्षमता वाली अंतरिक्ष संचार क्षमताओं को नई दिशा देगा, जिससे देश और आसपास के समुद्री क्षेत्रों में डिजिटल कवरेज और संचार सेवाएं और अधिक मजबूत होंगी।

भारत का यह मिशन न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता का प्रतीक है, बल्कि यह विश्व को दिखाता है कि इसरो अब भारी उपग्रह प्रक्षेपणों में भी वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनने की दिशा में अग्रसर है। CMS-03 एक मल्टी-बैंड कम्युनिकेशन सैटेलाइट है, जिसे भारत और आसपास के विशाल समुद्री क्षेत्र में तेज़, विश्वसनीय और उच्च क्षमता वाली संचार सेवाएं प्रदान करने के लिए बनाया गया है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो (ISRO) के ताकतवर रॉकेट LVM3-M5 से इस सैटेलाइट को पृथ्वी के जियो सिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में भेजा गया। यह उपग्रह खासतौर पर भारतीय नौसेना के लिए बनाया गया है। उपग्रह सीएमएस-03 के कक्षा में स्थापित होने के बाद भारत की उच्च क्षमता वाले अंतरिक्ष संचार को नई दिशा मिलेगी।

इसरो के एलवीएम-एम5 द्वारा सीएमएस-03 संचार उपग्रह के प्रक्षेपण पर, इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने कहा, सीएम-03 उपग्रह एक बहु-बैंड संचार उपग्रह है, जिसकी कवरेज भारतीय भूभाग सहित एक विस्तृत समुद्री क्षेत्र में है और इसे कम से कम 15 वर्षों तक संचार सेवाएं प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है।
वी. नारायणन ने कहा, इस उपग्रह में कई नई तकनीकों का समावेश है और यह आत्मनिर्भर भारत का एक और ज्वलंत उदाहरण है। मैं देश की संचार क्षमता के लिए इस महत्वपूर्ण, जटिल उपग्रह को साकार करने के लिए कई इसरो केंद्रों में कार्यरत पूरी उपग्रह टीम को बधाई देता हूं।
Edited By : Chetan Gour
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