1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. उत्तर प्रदेश
  4. Lakhs of people reached Ayodhya for 14 and 5 Kosi Parikrama
Last Modified: शनिवार, 1 नवंबर 2025 (19:22 IST)

अयोध्या में खराब मौसम भी नहीं डिगा पाया श्रद्धालुओं की आस्था, 14 और 5 कोसी परिक्रमा में पहुंचे लाखों लोग अयोध्या

लाखों श्रद्‍धालुओं ने लगाई सरयू में पवित्र डुबकी, पुलिस और प्रशासन रहा पूरी तरह मुस्तैद

14 Kosi Parikrama in Ayodhya
14 Kosi Parikrama in Ayodhya: श्रीराम नगरी अयोध्या जहां दीपावली व गोवर्धन पूजा के बाद अक्षय नवमी के दिन शुरू होती है। इस साल 14 कोसी परिक्रमा 29 अक्टूबर को रात्रि 4:51 से प्रारम्भ होकर 30 अक्टूबर को रात्रि 4:40 तक रही। इसकी दूरी 50 किलोमीटर अयोध्या व फैजाबाद जनपद की परिधि के अंतर्गत होती है। श्रद्धालुओं की आस्था इतनी अटूट कि खराब मौसम और लगातार रिमझिम बारिश उन्हें आगे बढ़ने से नहीं रोक सकी। कोई असर उनके उत्साह व भक्ति को न रोक सका और रिकार्ड तोड़ 35 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने सरयू मे स्नान किया और श्रीराम के जयकारे के साथ 14 कोसी परिक्रमा पूर्ण की।
 
वहीं, एक नवंबर को देवउठनी एकादशी को पांच कोसी परिक्रमा में भी श्रद्धालुओं का उत्साह जबरदस्त देखा गया। 30 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भोर से ही परिक्रमा शुरू कर दी। यह परिक्रमा अयोध्या नगरी के 15 से 20 किलोमीटर की परिधि मे की जाती है। दोनों ही परिक्रमा प्रशासन के लिए भी किसी चुनौती से कम नहीं रही। 
 
14 कोसी परिक्रमा का महत्व : 14 कोसी परिक्रमा करने देश के कोने-कोने से श्रद्धालु अयोध्या आते हैं। इस परिक्रमा का क्या महत्व है, इसे जानने के लिए वेबदुनिया ने अनंत श्रीविभूषित जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य जी महराज विद्याभास्कर जी से बात की। उन्होंने कहा कि ये सारा का सारा संसार 14 भुवन के अंतर्गत आता है (सात नीचे सात ऊपर)। इसके बाद दस गुना इससे ज्यादा सात आवरण हैं। इन सातों आवरण को पार करने के बाद सप्त लोक, जिसे ब्रम्हाजी का लोक कहा जाता है, उस लोक के ऊपर त्रिपादी होती है। ये चतुर्दश भवनात्मक अंड हैं और उसकी परिक्रमा करने से संसार से मुक्ति मिलती है। ब्रम्ह के बाद जो विर्जा (सरयू) नदी प्रवाहित हो रही है, उसमें स्नान करने मात्र से ही पाप-पुण्य से मुक्ति मिल जाती है।
 
उन्होंने बताया कि अयोध्या धाम जो कि भगवान का वैकुंठ है, इस अयोध्या में जितने भी घाट है उन घाटों में तीर्थ हैं और तीर्थों के देवता हैं, उन सबकी एक साथ परिक्रमा हो जाती है। सरयू विर्जा नदी है, इसमें डुबकी लगाने से व्यक्ति के सारे पाप कट जाते हैं। जन्म-मरण का चक्कर नहीं लगाना पड़ता है। उसे मुक्ति मिल जाती है। वह भगवान के दिव्य धाम को जाता है और भगवान उसे पुत्र के रूप में गोद में बैठाकर अपनी शरण में ले लेते हैं। 
 
प्रशासन रहा सतर्क : 14 कोसी परिक्रमा जो कि युगों-युगों से होती चली आ रही है, जिसे सकुशल सम्पन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद रहा। 14 कोसी पूरे परिक्रमा मार्ग को सुगम करना, श्रद्धालुओं के परिक्रमा मार्ग पऱ जगह-जगह निशुल्क स्वास्थ कैम्प, विश्राम कैम्प, पेयजल कैम्प, सहायता कैम्प लगाए गए थे। इसके साथ स्वयं सहायता समूहों के द्वारा परिक्रमा मार्ग पर जगह-जगह श्रद्धालुओं के लिए भंडारे, दवा, विश्राम इत्यादि के कैम्प लगाए गए थे।

जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंदे ने बताया कि प्रशासन ने परिक्रमा मार्ग को पांच जोन व 32 सेक्टर में विभाजित किया है, जहां 80 मजिस्ट्रेट की  ड्‍यूटी लगाई गई थी। इसमें सुपर जोनल, सब जोनल, सेक्टर और स्टैटिक मजिस्ट्रेट शामिल हैं। इन सभी अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में भीड़ नियंत्रण, सुरक्षा, आपात स्थिति से निपटने और श्रद्धालुओं की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए लगातार सक्रिय रहेने के निर्देश दिए गए थे।
 
सुरक्षा के सख्त इंतजाम : 14 कोसी और पंचकोसी परिक्रमा के दौरान 150 सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की गई। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस-प्रशासन ने मजबूत खाका तैयार किया। परिक्रमा क्षेत्र को 6 जोन और 11 सेक्टर में जाएगा बांटा गया। अयोध्या धाम के सभी होटल, धर्मशाला, ढाबे और मठ मंदिरों के सत्यापन के लिए 6 टीमें लगाई गईं। किसी भी आआगंतुक की सूचना स्थानीय पुलिस को देने के दिए गए निर्देश। आईजी प्रवीण कुमार और एसएसपी डॉक्टर गौरव ग्रोवर लगातार क्षेत्र में भ्रमण करते रहे। 
 
परिक्रमा मार्ग पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा जगह-जगह CCTV कैमरे लगाए गए। ड्रोन कैमरे से निगरानी, डॉग स्कवाड, खुफिया एजेंसी, ATS के साथ-साथ 5000 सुरक्षाकर्मी लगाए गए थे, जिसकी जानकारी नगर अधीक्षक पुलिस चक्रपाणी त्रिपाठी ने दी।

उन्होंने बताया कि अयोध्या जनपद के आलावा आगरा, कानपुर, लखनऊ, झांसी, नोएडा, वाराणसी के साथ अन्य कई जोन से पुलिसकर्मियों को ड्‍यूटी के लिए बुलाया गया। उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र को अलग अलग झोन में बांट दिया गया था। हर जोन में अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों को तैनात किया गया था, जिसके लिए अन्य जनपदों से 40 CO, 60 निरीक्षक, 250 उपनिरीक्षक व 1500 आरक्षी व मुख्य आरक्षी बुलाए गए थे। इस काम अर्धसैनिक बलों की मदद ली गई।
परिक्रमा में दिखी पुलिस की मानवता : 14 कोसी परिक्रमा के दौरान अयोध्या में श्रद्धा, सेवा और मानवीय संवेदना का सुंदर संगम देखने को मिला। परिक्रमा में शामिल एक बुजुर्ग महिला जब भीड़ और थकान के कारण आगे बढ़ने में असमर्थ हो गई, तब एसपी ग्रामीण बलवंत कुमार चौधरी ने स्वयं पहल करते हुए उन्हें व्हीलचेयर पर बैठाकर कुछ दूरी तक मार्ग पार कराया। भीषण भीड़ के बीच यह दृश्य देखकर श्रद्धालुओं में भावुकता और प्रशंसा का माहौल बन गया। सभी श्रद्धालुओं ने पुलिस की इस संवेदनशील पहल की सराहना की। एसपी ग्रामीण बलवंत चौधरी ने कहा कि परिक्रमा में शामिल हर श्रद्धालु की सुविधा और सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। वृद्धजन और महिलाएं इस यात्रा की आत्मा हैं, उनकी सेवा करना ही सबसे बड़ा पुण्य है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
 
ये भी पढ़ें
मध्यप्रदेश में पीएमश्री हवाई पर्यटन हेलीकॉप्टर सेवा का शुभारंभ, बोले CM हम दूरियों को नहीं, दिलों को जोड़ने जा रहे हैं