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Last Updated : गुरुवार, 16 मई 2024 (13:53 IST)

Covaxin टीके वाले ज्‍यादा खुश न हो, निकल आए हैं गंभीर साइइ इफेक्‍ट्स, इस यूनिवर्सिटी ने लगाया ठप्‍पा

Covaxin टीके वाले ज्‍यादा खुश न हो, निकल आए हैं गंभीर साइइ इफेक्‍ट्स, इस यूनिवर्सिटी ने लगाया ठप्‍पा - Serious side effects emerged from Covaxin vaccine
Serious side effects emerged from Covaxin vaccine: हाल ही में कोविशील्‍ड को लेकर दुनियाभर में हंगामा मचा था। खुद कंपनी ने स्‍वीकारा था कि कोविशील्‍ड से कुछ रेअर मामलों में साइड इफेक्‍ट हो सकते हैं। लेकिन अब एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें कोविशील्‍ड की तरह ही कोवैक्सीन के गंभीर साइड इफेक्ट की बात सामने आई है।

बता दें कि कोरोना महामारी से बचने के लिए देश में बड़े पैमाने पर लोगों ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीके लगवाए थे। अब इन दोनों टीकों के साइड इफेक्ट की बात सामने आ रही है।

क्‍या सामने आया रिपोर्ट में: बता दें कि कोविशील्ड को विकसित करने वाली ब्रिटिश कंपनी एस्ट्राजेनिका ने पिछले दिनों वहां की एक अदालत में स्वीकार किया था कि उसके टीके से कुछ लोगों में गंभीर बीमारी हो सकती है। अब अपने देश में विकसित भारत बायोटेक कंपनी की वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ के साइड इफेक्ट को लेकर एक रिपोर्ट आई है। इसमें दावा किया गया है कि इस वैक्सीन को लगवाने के करीब एक साल बाद तक ठीक ठाक संख्या में लोगों में इसके साइड इफेक्ट देखे गए। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित किशोर लड़कियां थीं। कुछ साइड इफेक्ट बेहद गंभीर किस्म के थे।

दरअसल, प्रतिष्ठित बिजनेस अखबार ‘इकनॉमिक टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर एक ‘ऑब्जर्वेशनल स्टडी’ की गई। इसमें टीका लगवाने वाले एक तिहाई लोगों में ‘एडवर्स इवेंट्स ऑफ स्पेशल इंट्रेस्ट’ यानी एईएसआई पाया गया। यह स्टडी रिपोर्ट स्प्रिंगर लिंक (SpringerLink) जर्नल में प्रकाशित हुई है।

कहां हुई, किसने की स्टडी: यह स्टडी बनारस हिंदू विश्वविद्याल की संखा शुभ्रा चक्रवर्ती और उनकी टीम ने की है। रिपोर्ट के मुताबिक टीका लगवाने वाले अधिकतर लोगों में एक साल तक साइड इफेक्ट देखा गया। स्टडी में 1024 लोगों को शामिल किया गया। इसमें 635 किशोर और 391 युवा थे। इन सभी से टीका लगवाने के एक साल बाद तक फॉलोअफ चेकअप के लिए संपर्क किया गया। स्टडी में 304 किशोरों यानी करीब 48 प्रतिशत में ‘वायरल अपर रेस्पेरेट्री ट्रैक इंफेक्शन्स’ देखा गया। ऐसी स्थिति 124 यानी 42.6 युवाओं में भी दिखी।

इसके अलावा 10.5 फीसदी किशोरों में ‘न्यू-ऑनसेट स्कीन एंड सबकुटैनियस डिसऑर्डर’, 10.2 जनरल डिसऑर्डर यानी आम परेशानी, 4.7 फीसदी में नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर यानी नसों से जुड़ी परेशानी पाई गई। इसी तरह 8.9 फीसदी युवा लोगों में आम परेशानी, 5.8 फीसदी में मुस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर यानी मांसपेशियों, नसों, जोड़ों से जुड़ी परेशानी और 5.5 में नर्वस सिस्टम से जुड़ी परेशानी देखी गई।

क्‍या साइड इफेक्‍ट आए सामने: रिपोर्ट के मुताबिक कोवैक्सीन का साइड इफेक्ट युवा महिलाओं में भी देखा गया। 4.6 फीसदी महिलाओं में पीरियड से जुड़ी परेशानी सामने आई। 2.7 फीसदी में ओकुलर यानी आंख से जुड़ी दिक्कत दिखी। 0.6 फीसदी में हाइपोथारोइडिज्म पाया गया।

क्‍या गंभीर भी हुए : करीब एक फीसदी लोगों में गंभीर साइड इफेक्ट की बात सामने आई है। 0.3 फीसदी (यानी 300 में से एक व्यक्ति) में स्ट्रॉक की दिक्कत और 0.1 फीसदी में गुईलैइन-बैरे सिंड्रोम (Guillain-Barre Syndrome) पाया गया।

स्टडी में कहा गया है कि इस वैक्सीन को लगवाने के बाद युवा-किशोर महिलाओं में थायरायड बीमारी का प्रभाव काफी ज्यादा बढ़ गया। कई किशोरियों में थायरायड का लेवल कई गुना बढ़ गया।
Edited by Navin Rangiyal