क्या आपको पता है CDS की कितनी सैलरी होती है और क्या होता है उनका काम?
जनरल बिपिन रावत की हेलीकॉप्टर हादसे में मृत्यु हो गई। अब किसी नए अधिकारी को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद संभालना होगा। इस पद की कई जिम्मेदारियां होती हैं। सबसे ज्यादा अहम तो सेना के तीनों अंगों को मैनेज करना सीडीएस के काम का हिस्सा होता है।
ऐसे में किसी नए सीडीएस के लिए भी इस पद को संभालना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। आइए जानते हैं कि क्या होती है सीडीएस की भूमिका और कितना होता है उनका वेतन।
जनरल बिपिन रावत ने अपने एक साल 341 दिन के कार्यकाल में इस पद पर शानदार काम किया और ऐसे काम किए, जिसकी तारीफ की जाती रही है। मुख्य तौर पर उन्होंने सेना के तीनों अंगों को साथ मिलकर आपरेशन करने और सेना के आधुनिकीकरण की दिशा में बड़ा काम किया है।
दरअसल, CDS का कार्यकाल 03 साल या 65 साल तक होता है, इसमें जो भी पहले आ रहा हो वो लागू होता है। जनरल रावत ने जब ये दायित्व संभाला तब इस पद का सृजन पहली बार किया गया था। वह 62 साल की उम्र में थलसेनाध्यक्ष के तौर पर रिटायर हुए और फिर CDS बने। उनकी उम्र 64 साल होने वाली थी।
सम्मान:चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ सेना का सबसे बड़ा अधिकारी होता है। वह 04 स्टार अधिकारी होता है। वो सेना के जिस अंग से ताल्लुक रखता है, वही वर्दी पहनता है। उसके एंबलम में सोने के धागे से अशोक चक्र के साथ सेना के तीनों अंगों के प्रतीक चिह्न बने होते हैं।
स्टाफ:उनके स्टाफ की बात करें तो उसके आफिस में एक अतिरिक्त सचिव और 05 संयुक्त सचिव और सपोर्ट स्टाफ होता है। इनके साथ मिलकर ही वो सेना के तीनों अंगों का काम देखते हैं।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की कार पर तिरंगे के साथ सेना के तीनों अंगों का चिह्न युक्त झंडा लगा होता है, टोपी और बेल्ट की बकल पर भी सेना के तीनों अंगों का चिह्न होता है, जबकि कंधे पर लगा बैज अशोक चिह्न के साथ सेना के तीनों अंगों के चिह्न वाला होता है। उनकी वर्दी पर लगे बटन पर भी ट्राई सर्विसेज क्रेस्ट होता है।
काम: मुख्य तौर पर उसके दायित्व सेना के तीनों अंगों को तमाम आपरेशन को देखना होता है। खासतौर से वो रक्षामंत्री के प्रमुख रक्षा सलाहकार की भूमिका में होते हैं।
सेना के तीनों अंगों में सामंज्यस बैठाना। मिलिट्री एजवाइजर के साथ डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स को मैनेज करना, सेना के तीनों अंगों की एजेंसियों, संस्थाओं और उनसे संबंधित साइबर व स्पेस को कमांड करना।
वेतन:न्यूक्लियर कमांड अथारिटी में सैन्य सलाहकार की तरह काम करना। सशस्त्र सेनाओं की मारक क्षमता को बढ़ाना आदि उनके काम में शामिल होता है। जहां तक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की सैलरी की बात है तो उन्हें वेतन के रूप में 2.5 लाख रुपये मिलते है। इसके साथ उन्हें निवास के साथ सभी सरकारी सुविधाएं मिलती हैं।