राहुल ने कहा, निर्दयी न बने सरकार, किसान नेता डल्लेवाल से बात करे
farmer leader Jagjit Singh Dallewals hunger strike: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत को लेकर चिंता जताते हुए शुक्रवार को कहा कि सरकार को बातचीत करके उनका अनशन खत्म कराना चाहिए तथा किसानों की मांग मान लेनी चाहिए। केंद्र पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित आंदोलनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाने के उद्देश्य से डल्लेवाल 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर हैं। उच्चतम न्यायालय ने डल्लेवाल के अस्पताल में भर्ती होने का फैसला शुक्रवार को पंजाब सरकार के अधिकारियों और चिकित्सकों पर छोड़ दिया।
उनका कहना है कि जायज मांगों के लिए किसानों को बार-बार अनशन और प्रदर्शन के लिए मजबूर करना दुर्भाग्यपूर्ण है। 700 से ज़्यादा किसानों की शहादत के बाद भी सरकार निर्दयी बनी हुई है। एमएसपी सहित अधिकांश मांगों को तो अब कृषि संबंधी संसद की स्थायी समिति ने भी स्वीकारा है, जिसमें सभी दलों के नेता हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि मैंने पहले भी कहा है और फिर दोहरा रहा हूं कि जैसे मोदी सरकार कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर हुई, वैसे ही उसे इन मांगों को मानने के लिए मजबूर किया जाएगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि किसानों और देश के लिए बेहतर यही होगा कि सरकार देर करने की बजाय जल्द से जल्द मान ले।
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सरकार का किसान विरोधी नीति : पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को समझना होगा कि उनकी किसान विरोधी नीतियों, जिद और झूठे वादों के ही चलते किसान सरकार से न्याय की गुहार लगा रहे हैं। खरगे ने एक्स पर पोस्ट किया कि किसान स्वाभिमानी होते हैं, क्योंकि वो देश का पेट पालते हैं। इस बार लाठी-डंडे, आंसू गैस, रबर बुलेट, आंदोलनजीवी और परजीवी जैसे अपशब्द भी नहीं चलेंगे।
उन्होंने कहा कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल जी की तबीयत बिगड़ना बेहद चिंताजनक है और सरकार की यह संवैधानिक जिम्मेदारी बनती है कि आमरण अनशन खत्म करवाए और बातचीत का रास्ता अपनाए। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala