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Last Updated : मंगलवार, 4 मई 2021 (15:59 IST)

कहानीकार और चित्रकार प्रभु जोशी का कोरोना संक्रमण से निधन

Prabhu joshi
शब्‍दों और रंगों से अपनी कला की सीमाएं लांघकर देश-दुनिया में बनाई थी पहचान

ऐसा लग रहा है मानों कारोना एक-एक कर सभी को अपने काल में समाए जा रहा है। कई कलाकारों, लेखकों और पत्रकारों के बाद अब मध्‍यप्रदेश से कहानीकार, चित्रकार और कवि प्रभु जोशी की कोरोना से निधन की खबर आई है। मंगलवार को संक्रमित होने के बाद निधन हो गया।

प्रभु जोशी एक बेहतरीन कहानीकार थे इसके साथ ही वे जल चित्रकारी भी करते थे और कवि‍ताएं भी लिखते थे। शब्‍दों और रंगों के बीच सांस लेने वाला यह शख्‍स आज दुनिया से विदा हो गया। प्रभु जोशी की कला चाहे वो लेखन हो या चित्रकारी सिर्फ इंदौर या मध्‍यप्रदेश के कैनवास तक ही सीमित नहीं था। उन्‍होंने अपनी कला के माध्‍यम से इंदौर से निकलकर देश और दुनिया की सीमाएं भी लांघ दी थी। बावजूद इसके वे अपनी जड़ों से जुड़े रहे।

कहा जाता है कि वे उनकी कहानियां इतनी अच्‍छी हुआ करती थी कि अगर वे और भी लेखन करते तो कुछ बेहतरीन ही रचते, लेकिन उनका कला कर्म लेखन और चित्रकला दोनों के बीच सांस लेता रहा। वे कभी शब्‍दों के साथ तो कभी रंगों के साथ अठखेलियां करते रहे।

वे विख्यात कथाकार, चित्रकार और कलाविद के साथ अपनी तरह की अनोखी आलोचनात्मक समझ रखने वाले शख्‍स थे।

प्रभु जोशी के चित्र लिंसिस्टोन तथा हरबर्ट में आस्ट्रेलिया के त्रिनाले में प्रदर्शित हुए थे। प्रभु जोशी को गैलरी फॉर केलिफोर्निया (यूएसए) का जलरंग हेतु थामस मोरान अवार्ड मिला। ट्वेंटी फर्स्ट सैचुरी गैलरी, न्यूयार्क के टॉप सेवैंटी में वे शामिल रहे। भारत भवन का चित्रकला तथा मध्य प्रदेश साहित्य परिषद का कथा-कहानी के लिए अखिल भारतीय सम्मान भी उन्हें प्राप्त हुआ। साहित्य के लिए मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा गजानन माधव मुक्तिबोध फेलोशिप दिया गया था।

उन्‍हें भारत भवन का चित्रकला तथा मप्र साहित्य परिषद का कथा-कहानी के लिए अखिल भारतीय सम्मान मिल चुका है।  दूरदर्शन इंदौर में प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव पद से रिटायर्ड होकर वे इंदौर आकाशवाणी में प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव पद पर भी कार्यरत रह चुके हैं। सभी सेवाओं से मुक्‍त होकर वे लेखन और जल रंग के साथ अपना कला कर्म जारी किए हुए थे। उनके निधन के बाद साहित्‍य और कला जगत में शोक की लहर है।
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