इजराइली दूतावास के पास धमाके पर पुलिस को संदेह, साजिशकर्ता जानते थे वहां CCTV कैमरा नहीं है
Case of blast near Israeli Embassy : राष्ट्रीय राजधानी स्थित इजराइली दूतावास के नजदीक हुए धमाके की जांच कर रहे अधिकारियों को संदेह है कि यह एक साजिश थी और साजिश रचने वाले जानते थे कि पृथ्वीराज रोड के उस हिस्से में कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है।
पुलिस सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। पृथ्वीराज रोड पर भूखंड संख्या- 4 पर बने घर (नंदा हाउस) और भूखंड संख्या 2 ए पर केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान के बीच के क्षेत्र में मंगलवार शाम को कम तीव्रता का विस्फोट हुआ था। सूत्रों ने बताया कि उस इलाके में झाड़ियां, पौधे और पेड़ हैं तथा कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है।
यह इलाका पृथ्वीराज रोड के समानांतर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर इजरायली दूतावास के पीछे है। सूत्रों ने बताया कि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रोड की तुलना में उस स्थान पर कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था, जबकि दूतावास के बाहर और पास एक दर्जन से अधिक कैमरे लगे हैं।
एक सूत्र ने कहा, नंदा हाउस और हिंदी प्रशिक्षण संस्थान के प्रवेश द्वारों के अंदर सीसीटीवी लगे हैं। उन्होंने बताया कि अन्य घरों के प्रवेश द्वारों पर भी कैमरे लगाए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक इन कैमरों से प्राप्त फुटेज में दो युवा समेत कुछ लोग इलाके में घूमते दिख रहे हैं, लेकिन वे अभी संदिग्धों की सूची में नहीं हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, आरोपी शायद बिना किसी को नुकसान पहुंचाए बिना अपना संदेश देना चाहते थे। मौके से मिले एक पत्र ने जनवरी 2021 में दूतावास के पास हुए धमाके की याद दिला दी है। सूत्रों ने बताया कि अंग्रेजी में लिखे एक पन्ने के पत्र की सामग्री अपमानजनक है और इसमें धमकियां दी गई हैं।
उन्होंने कहा कि यह पत्र कथित तौर पर एक संगठन सर अल्लाह रेजिस्टेंस द्वारा लिखा गया है और इसमें यहूदी राष्ट्रवाद, फलस्तीन और गाजा जैसे शब्द थे। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 2021 में हुए धमाके के बाद भी घटनास्थल से एक पत्र मिला था। उन्होंने बताया कि वह पत्र जानबूझकर इजराइल को ईरान के बारे में संदेश भेजने के लिए लिखा गया था।
जनवरी 2021 में भी धमाका शाम पांच बजे के करीब हुआ था और इजरायली राजदूत को संबोधित पत्र मिला था जिस पर ट्रेलर शब्द लिखा था। पत्र में एक ईरानी सैन्य अधिकारी और ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या का जिक्र किया गया था। दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने उक्त मामले में जम्मू-कश्मीर से चार लोगों को पकड़ा था।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, मंगलवार को धमाका को अंजाम देने और मौके पर पत्र रखने से पहले काफी तैयारी की थी और दूतावास के आसपास इलाकों एवं गलियों की रेकी की थी।
दिल्ली पुलिस ने बुधवार शाम तक कोई मामला दर्ज नहीं किया था क्योंकि वे घटना के क्रम और विस्फोट की प्रकृति का पता लगाने की कोशिश कर रहे थे। सुरक्षा गार्ड सहित कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया है कि उन्होंने तेज आवाज सुनी, जिसके बाद धुएं का बादल छा गया। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour