• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. PM Modi tweet on Dalai Lama birthday
Last Modified: रविवार, 6 जुलाई 2025 (10:47 IST)

दलाई लामा के जन्मदिन पर पीएम मोदी ने दी बधाई, बताया प्रेम, करुणा और धैर्य का प्रतीक

dalai lama
Dalai Lama birthday :  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को दलाई लामा के 90वें जन्मदिन पर रविवार को उन्हें शुभकामनाएं दीं और कहा कि वह प्रेम, करुणा, धैर्य और नैतिक अनुशासन के शाश्वत प्रतीक हैं। ALSO READ: कौन हैं अव‍लोकितेश्वर, बौद्ध धर्म और दलाई लामा से क्या है इनका संबंध
 
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा, मैं 1.4 अरब भारतीयों के साथ दलाई लामा को उनके 90वें जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। वह प्रेम, करुणा, धैर्य और नैतिक अनुशासन के शाश्वत प्रतीक हैं। प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि हम उनके अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु होने की कामना करते हैं...।
दलाई लामा तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु हैं और दुनिया भर में उनका काफी आदर सम्मान है। तिब्बती बौद्ध धर्म के इस सर्वोच्च आध्यात्मिक नेता को पूरी दुनिया एक शांतिदूत के रूप में जानती है, लेकिन बहुत कम लोगों को यह जानकारी है कि ‘दलाई लामा’ उनका असली नाम नहीं, बल्कि एक उपाधि है। वर्तमान दलाई लामा इस परंपरा के 14वें तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु हैं, और उन्होंने पूरी दुनिया को अपने विचारों, साधना और जीवनशैली से प्रभावित किया है। ALSO READ: क्या है स्वर्ण कलश का रहस्य जिसके दम पर चीन बनाना चाहता है अपना दलाई लामा?, समझिए चालक ड्रैगन की चाल
 
क्या है दलाई लामा का असली नाम : दलाई लामा का असली नाम तेनज़िन ग्यात्सो (Tenzin Gyatso) है। इनका जन्म 6 जुलाई 1935 को तिब्बत के ताक्सेर नामक गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। जानकारी अनुसार, जन्म के समय उनका नाम ल्हामो थोन्कप (Lhamo Thondup) रखा गया था। बाद में जब इन्हें 2 वर्ष की उम्र में 13वें दलाई लामा का पुनर्जन्म घोषित किया गया, तब इन्हें मठ में लाया गया और उनका नाम आधिकारिक रूप से ‘तेनजिन ग्यात्सो’ रखा गया।
 
उम्र को लेकर क्या है दलाई लामा का दावा: दलाई लामा ने दीर्घायु प्रार्थना समारोह में अपने उत्तराधिकारी की घोषणा को लेकर जारी अफवाहों पर एक प्रकार से विराम लगाते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह लोगों की सेवा के लिए 30-40 साल और जीवित रहेंगे।
 
दलाई लामा ने कहा कि बचपन से ही उन्हें लगता था कि उनका अवलोकितेश्वर से गहरा नाता है। उन्होंने कहा कि मैं अब तक बुद्ध धर्म और तिब्बत के लोगों की अच्छी तरह से सेवा कर पाया हूं और मुझे उम्मीद है कि मैं 130 साल से ज़्यादा जीऊंगा।
edited by : Nrapendra Gupta 
ये भी पढ़ें
पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने 8 माह बाद भी खाली नहीं किया बंगला, सुप्रीम कोर्ट की केंद्र को चिट्ठी