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Last Updated : शुक्रवार, 17 सितम्बर 2021 (16:40 IST)

नि‍ति‍न गडकरी का No Horn Please, अब वाहनों के हॉर्न में बजेंगे तबला, बांसुरी और हारमोनियम

नि‍ति‍न गडकरी का No Horn Please, अब वाहनों के हॉर्न में बजेंगे तबला, बांसुरी और हारमोनियम - Nitin Gadkari, horn, no horn please, new rules for horn,
सड़क पर वाहनों के हॉर्न की आवाज से कौन परेशान नहीं है। प्रेशर हॉर्न और तरह तरह के मॉडि‍फि‍केश से लोगों को कई तरह के मनोवि‍ज्ञानिक, मानसिक और कान के रोग हो रहे हैं।

लेकि‍न अब सरकार इन पर लगाम लगाने जा रही है। हो सकता है कि अब प्रेशर हॉर्न के बदले आपको वायलिन, बांसुरी और हार‍मोनियम की आवाजें सुनाई आए।

वाहनों के हॉर्न की कष्टदाई आवाज को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि उनके मंत्रालय के अधिकारी वाहनों के हॉर्न की आवाज बदलने पर काम कर रहे हैं।

अपने काम को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी हॉर्न की आवाज को इरिटेटिंग से सुखद बनाने के लिए नए नियमों पर काम कर रहे हैं।

क्या करने जा रहा मंत्रालय?
नितिन गडकरी ने नए नियमों को लेकर मंत्रालय की तैयारी के बारे में जानकारी दी है। केंद्रीय मंत्री गडकरी के मुताबिक, जल्द ही आपको गाड़ियों के हॉर्न की कर्कश आवाज से मुक्ति मिल जाएगी। वाहनों के हॉर्न की कष्टदाई आवाज को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि उनके मंत्रालय के अधिकारी कारों के हॉर्न की आवाज बदलने पर काम कर रहे हैं।

वाहनों के हॉर्न में बांसुरी, वायलिन और हारमोनियम की धुन सुनाई दे सकेगी। हॉर्न की इरि​टेटिंग साउंड की जगह भारतीय संगीत वाद्य यंत्रों  की मधुर ध्वनि सुनाई देगी।

नितिन गडकरी ने अपना अनुभव सुनाते हुए कहा कि वह नागपुर में 11वीं मंजिल पर रहते हैं। रोज सुबह 1 घंटा प्राणायाम करते हैं और इस दौरान सड़क पर बजाए जा रहे वाहनों के हॉर्न सुबह के सन्नाटे में खलल डालते हैं। इस परेशानी को झेलते हुए उनके दिमाग में यह ख्याल आया कि वाहनों के हॉर्न सही तरीके से होने चाहिए। उन्होंने कहा, “हमने सोचना शुरू कर दिया है कि कार के हॉर्न की आवाज भारतीय वाद्य यंत्र होनी चाहिए और हम इस पर काम कर रहे हैं”

नितिन गडकरी ने कहा कि हॉर्न तबला, ताल, वायलिन, बिगुल, बांसुरी जैसे वाद्ययंत्रों की आवाज हॉर्न से सुनाई देनी चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हॉर्न को लेकर नए नियमों में से कुछ नियम वाहन निर्माताओं पर ही लागू होंगे। ऐसा इसलिए ताकि जब वाहन का निर्माण किया जा रहा है, तो उनके पास सही प्रकार का हॉर्न होगा। नए नियमों के लागू होने के बाद वाहनों के हॉर्न की जगह तबला, ताल, वायलिन, बिगुल, बांसुरी आदि की धुन सुनी जा सकेंगी।