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Last Modified: अयोध्या , रविवार, 10 नवंबर 2024 (20:46 IST)

अयोध्या में 35 लाख से ज्‍यादा श्रद्धालुओं ने की 14 कोसी परिक्रमा

अयोध्या में 35 लाख से ज्‍यादा श्रद्धालुओं ने की 14 कोसी परिक्रमा - More than 35 lakh devotees performed 14 Kosi Parikrama in Ayodhya
14 Kosi Parikrama : अयोध्या धाम की परिधि की परिक्रमा, जिसे 14 कोसी की परिक्रमा कहा जाता है, जो कि 42 किलोमीटर की परिधि के अंतर्गत आती है जिसकी परिक्रमा अयोध्या व इसके आसपास के जनपदों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु करते हैं।

इस बार की परिक्रमा का प्रमुख आकर्षण राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा, जिसके बाद यह पहली 14 कोसी परिक्रमा है और इसी कारण इस बार 14 कोसी परिक्रमा में श्रद्धालुओं की संख्या विगत वर्षों की अपेक्षा काफी अधिक यानी 35 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने परिक्रमा की और राम मंदिर में रामलला के दर्शन सहित अयोध्या के 5 हजार मंदिरों में भी आराध्य के दर्शन व परिक्रमा की।

14 कोसी परिक्रमा का शुभारम्भ कार्तिक शुक्ल अक्षय नवमीं की तिथि शनिवार को शाम 6:32 बजे से प्रारम्भ होकर रविवार को शाम 4:44 बजे तक चली। उत्तर प्रदेश सरकार के सख्त निर्देश कि श्रद्धालुओं को किसी समस्या का सामना न करना पड़े का पालन करते हुए जिला प्रशासन की ओर से परिक्रमा मार्ग को सुलभ व स्वच्‍छ एवं प्रकाश, शौचालय, विश्राम कैंप, चिकित्सा कैंप, खोया-पाया कैंप इत्यादि की व्यापक व्यवस्था की गई थी।

इसके साथ ही परिक्रमा कर रहे श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन के द्वारा एटीएस की सतर्क व सीसीटीवी और ड्रोन की निगरानी के साथ पूरे परिक्रमा मार्ग पर जगह-जगह सीआरपीएफ व पीएसी के जवान मुस्तैदी से तैनात रहे। साथ ही यातायात डायवर्शन पूर्ण रूप से लागू रहा। इसके अतिरिक्त सामाजिक संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं के द्वारा परिक्रमा मार्ग पर जगह-जगह जलपान, विश्राम कैंप, चिकित्सा सेवा कैंप लगाए गए थे।

14 कोसी परिक्रमा की धार्मिक मान्यता : अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा, जो कि अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा मानी जाती है, की धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक अक्षय नवमीं पर भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या धाम परिक्रमा करने से सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है। ऐसी मान्यता है कि 14 लोक होते हैं, जिसमें सबसे अहम है मानव लोक। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस परिक्रमा के करने से 14 लोकों के जन्म-मरण के बंधन व पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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