बिहार में EPIC नंबर पर गर्माई सियासत, तेजस्वी के खिलाफ FIR की मांग, चुनाव आयोग ने दिया नोटिस
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट को लेकर सियासत जारी है। चुनाव आयोग ने एसआईआर के बाद जो वोटर लिस्ट का जो ड्राफ्ट जारी किया है उसको लेकर सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच तीखी बहस छिड़ी है। एक ओर चुनाव आयोग ने बिहारर में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को चुनाव की पारदर्शिता की दिशा में कदम बता रहा है, वहीं विपक्ष इसे लोकतंत्र पर हमला मान रहा है।
वहीं बिहार में वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट जारी करने के बाद विपक्ष के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दावा किया कि उनका नाम बिहार की नई वोटर लिस्ट में ही नहीं है, उन्होंने सबूत के तौर पर अपना EPIC नंबर दिखाया और कहा कि रिकॉर्ड नहीं मिला। हलांकि तेजस्वी यादव की इस दावे का खंडन भी चुनाव आयोग की ओर से तुरंत आया और आयोग ने स्पष्ट किया कि तेजस्वी और उनकी पत्नी का नाम वोटर लिस्ट में है। तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि उन्होंने पिछले साल के लोकसभा चुनाव में EPIC नंबर RAB2916120 वाले वोटर कार्ड से मतदान किया था, जबिक चुनाव आयोग की ओर से तेजस्वी यादव का वोटर लिस्ट में सीरियल नंबर 416 पर जो नाम दिखाया गया है उसमें उनका नाम EPIC नंबर RAB0456228 के साथ दर्ज है।
ऐसे में अब तेजस्वी यादव के दो वोटर आईडी कार्ड और दो EPIC नंबर को लेकर भाजपा हमलावर है और तेजस्वी के खिलाफ दो वोटर आईडी कार्ड रखने को लेकर FIR की मांग की है। वहीं दो EPIC नंबर को लेकर तेजस्वी यादव ने भाजपा और चुनाव आयोग पर पलटवार किया है। तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाते हुए दावा किया कि साजिश के तहत उनका EPIC नंबर बदल दिया गया है और ऐसे में कई लोगों का नाम वोटर लिस्ट से काटा जा सकता है। वहीं चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव को नोटिस जारी कर दो वोटर आईडी कार्ड पर जवाब मांगा है।
बिहार मे चुनाव आयोग की ओर से जारी वोटर लिस्ट के ड्राफ्ट और उस पर हो रही सियासत को लेकर बिहार के वरिष्ठ पत्रकार दीपक कोचगवे कहते हैं कि बिहार में चुनाव आयोग ने जो वोटर लिस्ट का ड्राफट जारी किया है कि उसको लेकर लोगों के बीच बहुत ही कन्फूयजन देखा गया। चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट का जो ड्राफ्ट जारी किया है उसमें मतदाता एपिक नंबर से अपने नाम देख सकते है ऐसे में जिन लोगों के पास एपिक नंबर नहीं है वह अपना नाम कैसे देख पाएंगे यह भी सवाल है। वहीं बहुत से ऐसे लोग भी सामने आ रहे है जो अपने एपिक नंबर से भी अपना नाम नहीं देख पा रहे है।
कोचगवे कहते हैं कि बिहार में 21 फीसदी ऐसे वोटर है जो रोजगार या अन्य कारणों से राज्य के बाहर रहते हैं, जिसमें करीब 34 लाख तो प्रवासी मजदूर है ऐसे में इन लोगों के नाम वोटर लिस्ट में है या नहीं यह भी अभी सवालों के घेरे मे है। चुनाव आयोग ने जो ड्राफ्ट जारी किया है उसमें करीब 65 लाख मतदाताओं के नाम काटे गए है। ऐसे में जब बिहार विधानसभा चुनाव में एक-एक वोट का महत्व होने वाला है तब यह एक बड़ी संख्या लगती है।
क्या होता है EPIC नंबर?- EPIC नंबर मतदाताओं की विशिष्ट पहचान संख्या होती है जो वोटर आईडी कार्ड पर दर्ज होती है। वोटर आईडी में एपिक नंबर एक यूनिक 10 अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड होता है, जो निर्वाचन आयोग प्रत्येक मतदाता को जारी करता है। एपिक नंबर का उपयोग मतदाता की पहचान और मतदान प्रक्रिया में सत्यापन के लिए किया जाता है। वोटिंग के दौरान EPIC नंबर वोटर लिस्ट में दर्ज होना जरूरी होता है। चुनाव आयोग वोटिंग के समय एपिक नंबर के जरिए वोटर की पहचान सत्यापित करने का कार्य करती है।