Mallikarjun Kharge News : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बंटेंगे तो कटेंगे नारे पर पलटवार करते हुए शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी के कई नेताओं ने देश को एकजुट करने के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उन्होंने दावा किया कि जो लोग चाहते हैं कि देश एकजुट रहे, वे कभी भी इस तरह की विभाजनकारी टिप्पणियां नहीं करेंगे।
महाराष्ट्र के नागपुर शहर में खरगे ने भारतीय जनता पार्टी से कहा कि पहले वह तय कर ले कि उसे योगी के नारे बंटेंगे तो कटेंगे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एकता के संदेश एक हैं, तो सेफ हैं में से किसे अपनाना है। खरगे ने संविधान की लाल कवर वाली प्रति को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना करने के लिए भी भाजपा पर पलटवार किया। उन्होंने एक तस्वीर दिखाई, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को संविधान की ऐसी ही प्रति भेंट करते नजर आ रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर वोट हासिल करने के लिए लोगों को भड़काने का आरोप लगाया। खरगे ने एक अखबार में प्रकाशित लेख का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने पढ़ा है कि आरएसएस उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के बंटेंगे तो कटेंगे नारे का समर्थन करता है।
उन्होंने कहा, पहले आप आपस में तय कर लें कि किसका नारा अपनाना है-योगी जी का या मोदी जी का। भाजपा नेता भड़काऊ भाषण देते हैं, झूठ बोलते हैं और लोगों का ध्यान मूल मुद्दों से भटकाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को उत्तर महाराष्ट्र के धुले जिले में एक चुनावी रैली में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के बीच एकता पर जोर देते हुए कहा था, याद रखें, एक हैं तो सेफ हैं।
खरगे ने कहा कि देश को एकजुट करने के लिए कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, आप केवल बांटते हैं, लेकिन दूसरों पर दोष मढ़ते हैं। आप कहते हैं बंटेंगे तो कटेंगे। जो लोग चाहते हैं कि देश एकजुट रहे, वे कभी भी ऐसे विभाजनकारी नारे नहीं देंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के दो बड़े नेताओं ने बड़ी परियोजनाओं को राज्य से बाहर गुजरात में जाने से नहीं रोका, क्योंकि उन्हें अपनी कुर्सी बचाने की चिंता थी और उनका लोगों के हितों से कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि खरगे ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी इस टिप्पणी को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर कटाक्ष के तौर पर देखा जा रहा है, जो भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और नागपुर से आते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि विदर्भ में महा विकास आघाडी (एमवीए) की लहर है। महाराष्ट्र की कुल 288 विधानसभा सीटों में से 62 विदर्भ क्षेत्र में पड़ती हैं। उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन एमवीए की जीत का भरोसा जताया। एमवीए में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) शामिल हैं।
खरगे ने भाजपा के इस आरोप को भी खारिज किया कि कांग्रेस अर्बन नक्सलियों का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी संविधान बचाने की बात करते रहते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने फडणवीस के इस आरोप को भी खारिज किया कि राहुल अराजकतावादियों का गठबंधन बना रहे हैं। उन्होंने सवाल किया, क्या संविधान की लाल कवर वाली प्रति दिखाना अपराध है?
राहुल ने कई जनसभाओं में संविधान की लाल कवर वाली प्रति दिखाई है। राजनीति में लाल रंग को अक्सर मार्क्सवादी या साम्यवादी विचारधारा से जोड़ा जाता है। खरगे ने एक तस्वीर दिखाई, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी पूर्व राष्ट्रपति कोविंद को संविधान की ऐसी ही प्रति भेंट करते नजर आ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी झूठ बोलते हैं और जोरशोर से झूठ बोलते हैं।
खरगे ने पूछा, क्या यह उनका झूठ नहीं था कि वह विदेश में जमा काला धन वापस लाएंगे? उन्होंने रोजगार देने, किसानों की आय दोगुनी करने और नोटबंदी के बारे में भी झूठ बोला। क्या उन्होंने ये सारे झूठ नहीं बोले? खरगे ने कांग्रेस शासित राज्यों, खासकर कर्नाटक में चुनावी गारंटी लागू करने में नाकाम रहने का आरोप लगाने के लिए भाजपा की आलोचना की।
उन्होंने भाजपा पर कांग्रेस की कल्याणकारी योजनाओं की नकल करने और उन्हें लागू करने का आरोप लगाया। खरगे ने भाजपा से कहा कि वह कांग्रेस के साथ बहस करे और बताए कि उसकी सरकार ने पिछले 11 वर्षों में क्या काम किया। उन्होंने कहा, (बहस के दौरान) हम आपको बताएंगे कि हमने 55 साल में क्या काम किया।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि महाराष्ट्र को फिर से विकास के रास्ते पर लाने के लिए एक अच्छी सरकार की जरूरत है। उन्होंने दावा किया, एमवीए (महाराष्ट्र चुनाव में) पूर्ण बहुमत हासिल करेगा और उसके विरोधी उसमें फूट डालने में सफल नहीं होंगे। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 20 नवंबर को होगा, जबकि वोटों की गिनती 23 नवंबर को की जाएगी। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour