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Last Modified: रविवार, 24 अक्टूबर 2021 (00:47 IST)

महबूबा मुफ्ती बोलीं- अमित शाह के दौरे से पहले 700 नागरिकों को किया गया डिटेन

महबूबा मुफ्ती बोलीं- अमित शाह के दौरे से पहले 700 नागरिकों को किया गया डिटेन - Mehbooba Mufti said, 700 citizens were detained before Amit Shah's visit
श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों और मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया जाना दिखावटी कदम है, जो जम्मू-कश्मीर में वास्तविक समस्या का समाधान नहीं करेंगे।

उन्होंने कहा कि आदर्श रूप से गृहमंत्री की यात्रा इस साल जून में प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान केंद्र शासित प्रदेश के नेताओं को दिए गए आश्वासनों पर आगे की कार्रवाई से पहले होनी चाहिए थी।

महबूबा ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, श्रीनगर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का उद्घाटन और नए मेडिकल कॉलेजों की नींव रखना कोई नई बात नहीं है। आधा दर्जन मेडिकल कॉलेज संप्रग सरकार द्वारा स्वीकृत किए गए थे और अब काम कर रहे हैं।

अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और एक संकट पैदा करने के बाद जम्मू-कश्मीर को अराजकता की स्थिति में छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि यहां के लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार को असली समस्याओं का समाधान करना चाहिए।

महबूबा ने कहा, यह संकट भारत सरकार का बनाया हुआ है और लोगों तक पहुंचने के बजाय उन्होंने दिखावटी कदमों का विकल्प चुना, जो वास्तविक समस्या का समाधान नहीं करता है। आदर्श रूप से गृहमंत्री की यात्रा सर्वदलीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री के आश्वासनों पर आगे की कार्रवाई से पहले होनी चाहिए थी।

उन्होंने कहा, विश्वास बहाली के उपायों जैसे 2019 से लागू जम्मू-कश्मीर की घेराबंदी को हटाना, कैदियों को रिहा करना, यहां के लोगों के दैनिक आधार पर होने वाले उत्पीड़न को समाप्त करना, अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने (विशेष रूप से) बागवानी के लिए ठोस कदम उठाने से लोगों को राहत मिलती।

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि इसके उलट, शाह के दौरे से पहले 700 नागरिकों को हिरासत में ले लिया गया, उन पर लोकसुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया और कई को कश्मीर के बाहर जेलों में भेज दिया गया।

उन्होंने कहा, इस तरह के दमनकारी कदम पहले से ही तनावपूर्ण माहौल को और बिगाड़ देते हैं। हालात सामान्य दिखाने की कलाबाजी पूरे जोरों पर है, जबकि वास्तविकता को नकारा और छिपाया गया है।(भाषा)
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