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Last Updated :नई दिल्ली , मंगलवार, 18 फ़रवरी 2025 (18:21 IST)

मृत्यु कुंभ में बदला महाकुंभ, बिना पोस्टमार्टम शवों को बंगाल भेजा, ममता बनर्जी ने CM योगी पर लगाए आरोप

ममता ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग धर्म के नाम पर देश को बांटने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिना डेथ सर्टिफिकेट के शव भेजने से पीड़ित परिवारों को मुआवजा मिलने में मुश्किल होगी।

मृत्यु कुंभ में बदला महाकुंभ, बिना पोस्टमार्टम शवों को बंगाल भेजा, ममता बनर्जी ने CM योगी पर लगाए आरोप - mamata banerjee called mahakumbh a mrityukumbh
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रयागराज महाकुंभ को लेकर योगी सरकार को घेरा है। भगदड़ की घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने महाकुंभ को ‘मृत्यु कुंभ’ बताया है। विधानसभा ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि महाकुंभ में वीआईपी लोगों को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं, जबकि गरीब और आम जनता इनसे वंचित है। उनके इस बयान के बाद से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। पिछले महीने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 60 घायल हो गए, वहीं हाल में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गई। बयान पर बीजेपी ने कहा कि ममता ने हिन्दू धर्म का अपमान किया है। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि बंगाल की मुखिया ममता बनर्जी ने सदन में कहा कि यह महाकुंभ नहीं मृत्यु कुंभ है। आप सच्चे हिन्दू हैं तो राजनीति से ऊपर उठकर ममता बनर्जी के इन अपशब्दों का जोरदार विरोध करें। महाकुंभ का अपमान नहीं सहेगा हिन्दुस्तान।
 
ममता ने उत्तरप्रदेश की योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा भगदड़ के बाद कई लोगों की मौत हो गई, लेकिन बिना पोस्टमार्टम किए ही शवों को पश्चिम बंगाल भेज दिया गया. उन्होंने कहा कि सरकार ने इन मौतों को दिल का दौरा बताकर मामले को दबाने की कोशिश की, ताकि मुआवजा देने से बचा जा सके। 
Yogi adityanath
धर्म के नाम पर देश का बंटवारा : ममता ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग धर्म के नाम पर देश को बांटने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिना डेथ सर्टिफिकेट के शव भेजने से पीड़ित परिवारों को मुआवजा मिलने में मुश्किल होगी। ममता ने यह भी कहा कि सरकार का असली उद्देश्य धार्मिक आयोजनों का राजनीतिक लाभ उठाना है, न कि जनता की भलाई करना। उनके अनुसार, धर्म की आड़ में राजनीति करना गलत है और इससे समाज में बंटवारा होता है।

सैकड़ों शवों को छिपाया : बनर्जी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा को संबोधित करते हुए दावा किया, ‘‘महाकुंभ ‘मृत्यु कुंभ’ बन गया है। उन्होंने (भाजपा सरकार ने) मौतों की संख्या कम दिखाने के लिए सैकड़ों शवों को छिपा दिया।’’  भाजपा के विधायकों पर निशाना साधते हुए दावा किया, ‘‘भाजपा विधायक मेरा सामना करने से डरते हैं, इसलिए जब भी मैं बोलती हूं तो वे सदन का बहिष्कार करते हैं।’’
 
बनर्जी ने मुस्लिम लीग से उन्हें जोड़ने के आरोपों का जवाब देते हुए ऐसी टिप्पणियों की कड़ी निंदा की। बनर्जी ने कहा, ‘‘मुझ पर मुस्लिम लीग का सदस्य होने का आरोप लगाया गया। मैं इन निराधार आरोपों की कड़ी निंदा करती हूं।’’ धर्मनिरपेक्षता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं धर्मनिरपेक्षता, सह-अस्तित्व और सभी समुदायों के विकास में विश्वास करती हूं।’’
 
बांग्लादेशी चरमपंथियों से अपने संबंधों के आरोपों को खारिज करते हुए बनर्जी ने भाजपा को सबूत पेश करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा, ‘‘अगर भाजपा यह साबित कर दे कि मेरा बांग्लादेश के आतंकवादियों या कट्टरपंथियों से कोई संबंध है, तो मैं इस्तीफा दे दूंगी। बनर्जी ने बांग्लादेश में अशांति के बावजूद बंगाल में शांति बनाए रखने का श्रेय अपनी सरकार को दिया। उन्होंने कहा, ‘‘बांग्लादेश में अशांति के बावजूद, हमारी सरकार की वजह से ही बंगाल में शांति और सद्भाव कायम है।

भाजपा विधायकों का धरना : भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के विधायकों ने शुभेंदु अधिकारी की अगुवाई में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार की कथित तुष्टिकरण की राजनीति के विरोध में मंगलवार को विधानसभा परिसर में धरना दिया।
 
‘मूर्ति भंगार सरकार आर नेई दरकार’ (पूजा पंडालों में तोड़फोड़ रोकने में अक्षम सरकार नहीं चाहिए) जैसे नारे लगाते हुए भाजपा के लगभग 30 विधायक विधानसभा भवन के मुख्य द्वार की ओर जाने वाली सीढ़ियों पर बैठ गए।
 
इससे एक दिन पहले सोमवार को अधिकारी, अग्निमित्रा पॉल, बंकिम घोष और विश्वनाथ करक समेत चार भाजपा विधायकों को कथित अमर्यादित व्यवहार के लिए निलंबित कर दिया गया था।
 
अधिकारी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम किसी समुदाय के खिलाफ नहीं लड़ रहे हैं। हम इस सरकार के खिलाफ हैं, जो हाल के दिनों में बंगाल के कुछ हिस्सों में दुर्गा, लक्ष्मी और कार्तिक की मूर्तियों की तोड़फोड़ को रोकने में विफल रही है।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘हम शैक्षणिक संस्थानों में सरस्वती पूजा को रोकने के प्रयास का विरोध करते हैं। राज्य सरकार ने दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।’’
 
अधिकारी ने कहा कि भाजपा विधायक विधानसभा के बाहर समानांतर सत्र आयोजित करेंगे, जिसमें बहुसंख्यक समुदाय के त्योहारों को दबाने के कथित प्रयास समेत तृणमूल कांग्रेस सरकार के शासन में राज्य के लोगों के सामने आने वाले मुद्दों को उजागर किया जाएगा।
 
तृणमूल कांग्रेस की ओर से उनके खिलाफ लाए गए विशेषाधिकार प्रस्ताव और विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इसे स्वीकार किए जाने के बारे में अधिकारी ने कहा, ‘‘मुझे इस सदन ने तीन या चार बार निलंबित किया है और मेरे खिलाफ पहले भी विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश किए गए हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि मैंने लगातार सत्तारूढ़ पार्टी की तुष्टिकरण की नीतियों, भ्रष्टाचार और लोकतंत्र को दबाने के प्रयासों के खिलाफ आवाज उठाई है। लेकिन वे मुझे चुप नहीं करा सकते।’’
 
अग्निमित्रा पॉल ने दावा किया कि चारों विधायकों का निलंबन एक पूर्व नियोजित रणनीति थी, ताकि उन्हें हिंदू पूजा स्थलों पर बढ़ते हमलों और सरस्वती पूजा जैसी सदियों पुरानी परंपराओं को रोकने के प्रयासों जैसे मुद्दों को उजागर करने से रोका जा सके।
 
पॉल ने कहा, ‘‘हम नहीं चाहते कि पश्चिम बंगाल दूसरा बांग्लादेश बन जाए। हम ममता बनर्जी को उनकी जबरदस्त तुष्टीकरण की नीतियों को जारी रखने की अनुमति नहीं देंगे। हम कुछ महीने पहले बंगाल के विभिन्न हिस्सों में दुर्गा पूजा, लक्ष्मी पूजा और कार्तिक पूजा पंडालों पर हुए हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी की मांग करते हैं।’’
 
पॉल ने कहा, ‘‘सत्तारूढ़ पार्टी के छात्र संघ नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई, जिन्होंने जोगेश चंद्र कॉलेज में सरस्वती पूजा के आयोजन के खिलाफ फरमान जारी किया था जिसके कारण उच्च न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ा? ममता बनर्जी नहीं चाहतीं कि इन मुद्दों पर सार्वजनिक रूप से चर्चा हो। इसीलिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से हमारे खिलाफ निलंबन आदेश जारी करवाए।’’
पॉल ने कहा कि वह आरजी कर अस्पताल में मेडिकल छात्रा की हत्या, जयनगर में एक नाबालिग से बलात्कार और हत्या तथा न्यू टाउन में एक किशोरी के यौन उत्पीड़न और हत्या जैसी घटनाओं के मद्देनजर ‘‘महिलाओं से बलात्कार और उनकी हत्या के मामलों में वृद्धि जैसे मुद्दों को उजागर करना चाहती थीं।’’ उन्होंने दावा किया कि निलंबन आदेश का इस्तेमाल उन्हें राज्यपाल के बजट भाषण पर प्रतिक्रिया के दौरान सदन में इन मामलों को संबोधित करने से रोकने के लिए किया गया था। इनपुट भाषा Edited by : Sudhir Sharma