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Last Updated :नई दिल्ली , शुक्रवार, 25 जुलाई 2025 (23:22 IST)

Land for Job Scam : लालू यादव को दिल्‍ली हाईकोर्ट से झटका, याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार

Lalu Prasad Yadav's plea dismissed in land for job case
Lalu Prasad Yadav News : दिल्ली उच्च न्यायालय ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की भूमि लेकर नौकरी देने के मामले में सीबीआई की प्राथमिकी रद्द करने का आग्रह करने वाली उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई संबंधी आवेदन को खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति रवींद्र डडेजा ने 24 जुलाई को कहा कि 12 अगस्त को सुनवाई की निर्धारित तिथि बहुत लंबी नहीं है। उच्चतम न्यायालय ने 18 जुलाई को निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। 29 मई को, उच्च न्यायालय ने कहा था कि कार्यवाही पर रोक लगाने का कोई ठोस कारण नहीं है।

यादव ने अदालत में याचिका दायर कर दावा किया कि निचली अदालत ने उनके और उनके परिवार के सदस्यों (पत्नी राबड़ी देवी, पुत्र तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव, तथा पुत्रियों मीसा भारती और हेमा यादव) के खिलाफ आरोपों पर बहस 26 जुलाई से दो अगस्त तक के लिए निर्धारित की है।
यादव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि यदि उच्च न्यायालय द्वारा वर्तमान आवेदन पर निर्णय लेने से पहले निचली अदालत ने आरोपों पर दलीलें सुन लीं, तो उच्च न्यायालय में याचिका निरर्थक हो जाएगी। न्यायाधीश ने आवेदन को खारिज कर दिया और कहा कि निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए दायर आवेदन को उच्च न्यायालय 29 मई 2025 को खारिज कर चुका है और उच्चतम न्यायालय ने भी उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है।
 
न्यायाधीश ने कहा कि सुनवाई के लिए 12 अगस्त 2025 की तारीख तय है और यह ‘बहुत लंबी’ तारीख नहीं है, लिहाजा सुनवाई पहले करने के आग्रह संबंधी आवेदन खारिज किया जाता है। उच्चतम न्यायालय ने 18 जुलाई को निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। 29 मई को, उच्च न्यायालय ने कहा था कि कार्यवाही पर रोक लगाने का कोई ठोस कारण नहीं है।
उच्च न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी रद्द करने की यादव की याचिका पर केंद्रीय एजेंसी को नोटिस जारी किया और सुनवाई की तारीख 12 अगस्त के लिए तय की थी। यह मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित भारतीय रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप डी की नियुक्तियों से संबंधित है, जो 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद के रेलमंत्री रहने के दौरान की गई थी।
आरोप है कि नौकरी पाने वालों ने राजद प्रमुख के परिवार या सहयोगियों के नाम पर भूखंड किए थे। उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में प्रसाद ने प्राथमिकी और 2022, 2023 और 2024 में दायर तीन आरोप पत्रों तथा उसके बाद इनका संज्ञान लेने के आदेशों को रद्द करने की अपील की। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour