पूर्व सीएम BS Yediyurappa को बड़ी राहत, High Court ने यौन उत्पीड़न केस में गिरफ्तारी पर लगाई रोक
BS Yediyurappa: कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को बड़ी राहत देते हुए POCSO मामले में उनके खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट पर फिलहाल रोक लगा दी है। इसी के साथ मामले को लेकर सीआईडी द्वारा उनकी गिरफ्तार पर भी रोक लग गई है। हाई कोर्ट ने पुलिस को निर्देश जारी किए हैं कि गिरफ्तार नहीं करे।
इसके साथ ही कोर्ट ने येदियुरप्पा को जांच में सहयोग करने के लिए कहा है। इतना ही नहीं कोर्ट ने दिलचस्प टिप्पणी करते हुए कहा कि 'वो कोई टॉम, डिक या हैरी नहीं हैं। अब बीएस येदियुरप्पा को 17 जून को सीआईडी के सामने जांच के लिए पेश होना होगा।
14 मार्च को दर्ज किया था केस : बेंगलुरु की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो मामले में गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। यह मामला इस वर्ष 14 मार्च को दर्ज किया गया था। सीआईडी के विशेष जांच दल ने बुधवार को पूछताछ के लिए येदियुरप्पा के पेश नहीं होने पर उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का अनुरोध करते हुए त्वरित (फास्ट ट्रैक) अदालत का दरवाजा खटखटाया था। येदियुरप्पा ने सीआईडी के जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिए समय मांगा था। अब बीएस येदियुरप्पा को 17 जून को सीआईडी के सामने जांच के लिए पेश होना होगा। इस मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।
क्या है येदियुरप्पा पर आरोप : दरअसल, पुलिस के मुताबिक येदियुरप्पा पर 17 वर्षीय एक किशोरी की मां की शिकायत के आधार पर यौन अपराधों से बच्चों को संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धारा 354 ए (यौन उत्पीड़न) के तहत मामला दर्ज किया गया है। किशोरी की मां ने येदियुरप्पा पर आरोप लगाया कि उन्होंने इस साल 2 फरवरी को यहां डॉलर्स कॉलोनी स्थित अपने आवास पर एक भेंट के दौरान उसकी बेटी का यौन उत्पीड़न किया था।
किसने उठाया गिरफ्तारी पर सवाल : बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस एस कृष्ण दीक्षित ने बीएस येदियुरप्पा की गिरफ्तारी पर सवाल उठाया। कोर्ट राज्य सराकर के उस आरोप से सहमत नहीं था, जिसमें कहा गया कि येदियुरप्पा ने 11 जून को जांच अधिकारी के सामने उपस्थित होने के लिए जारी नोटिस की अनदेखी की और फिर कुछ ही घंटों में दिल्ली चले गए थे। इस पर एडवोकेट जनरल शशि किरण शेट्टी ने तर्क दिया कि नोटिस जारी के बाद बीएस येदियुरप्पा ने प्लेन का टिकट बुक कराया था।
क्या टॉम, डिक या हैरी हैं येदियुरप्पा : कोर्ट ने कहा कि बीएस येदियुरप्पा पूर्व मुख्यमंत्री हैं और उनके भागने की संभावना नहीं है। कोर्ट ने कहा, वह (बीएस येदियुरप्पा) कोई टॉम, डिक या हैरी नहीं हैं। वह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। क्या आपका कहना है कि वह देश छोड़कर भाग जाएंगे? वह बेंगलुरू से दिल्ली आकर क्या कर सकते हैं? कोर्ट ने यह भी कहा कि येदियुरप्पा ने 11 जून के नोटिस का जवाब देते हुए कहा था कि वह 17 जून को जांच अधिकारी के सामने पेश होंगे।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस मामले की वास्तविकता पर भी सवाल उठाया। कोर्ट ने कहा कि जिस तरह से चीजें घटित हुई हैं, उससे संदेह है कि इस मामले में कुछ छिपा हुआ है। इसका उत्तर देते हुए एजी ने कहा कि कुछ भी छिपा नहीं है।
क्या कहा वकील ने : बीएस येदियुरप्पा की ओर से पेश वकील संदीप सी पाटिल ने बताया कि हम जांच एजेंसियों की ओर से दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई को चुनौती देने की याचिका लाए थे। उन्होंने बताया कि कोर्ट की राय थी कि चूंकि येदियुरप्पा, एक पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते, उनकी उम्र और जांच में भाग लेने के उनके आचरण को ध्यान में रखते हुए यह ऐसा मामला नहीं है जहां जांचकर्ता को अदालत में जाना चाहिए और वारंट लेना चाहिए। वकील ने बताया कि पूरी संभावना है कि येदियुरप्पा 17 तारीख को जांच के लिए उपस्थित होंगे।
बचाव में उतरे बेटे : शिमोगा से नवनिर्वाचित सांसद और बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाई राघवेंद्र ने इस मामले में अपने पिता का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि यह करीब ढाई महीने पहले दर्ज की गई शिकायत है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है। राघवेंद्र ने दावा किया कि शिकायत करने वाली लड़की ने 50 अधिकारियों के खिलाफ ऐसी ही शिकायतें की थीं। कर्नाटक के गृह मंत्री ने कहा था कि आरोप लगाने वाली लड़की मानसिक रूप से ठीक नहीं थी।
Edited by Navin Rangiyal