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Written By WD Feature Desk
Last Updated : बुधवार, 23 जुलाई 2025 (17:19 IST)

कावड़ यात्रा की आड़ में आस्था के नाम पर अश्लील डांस, वीडियो वायरल, भक्ति पर उठे सवाल

kawad yatra girl dance
Kanwar Yatra vulgar video goes viral: सावन का महीना, जो भगवान शिव और प्रकृति के पुनर्जीवन का प्रतीक है, भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान रखता है। इस दौरान लाखों शिव भक्त, 'बोल बम' के जयकारों के साथ, पवित्र नदियों से जल भरकर शिवलिंग पर अर्पित करने के लिए पैदल यात्रा करते हैं। यह यात्रा न केवल शारीरिक तपस्या का प्रतीक है, बल्कि आत्म-शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का भी मार्ग है। लेकिन , हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो ने इस पवित्र यात्रा की गरिमा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसने लोगों में गुस्सा और नाराजगी फैला दी है।

आस्था के नाम पर अश्लीलता
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा यह वीडियो कांवड़ यात्रा के दौरान का बताया जा रहा है, जिसमें कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के बस्ती के एक डांसर्स ग्रुप की लड़कियां चलती ट्रक पर अश्लील डांस करती दिखाई दे रही हैं। ये सभी अयोध्या से जल लेकर लौट रहे थे। वीडियो में देखा जा सकता है कि नाचने वाली लड़कियों ने भगवा रंग के वस्त्र पहने हैं, वही भगवा जो सनातन धर्म में त्याग, वैराग्य और भक्ति का प्रतीक है। उसी भगवा कपड़े को पहनकर लड़कियां अंगप्रदर्शन और उत्तेजक डांस कर रही थीं। तेज म्यूजिक पर बाकी कांवड़िए भी ठुमक रहे थे, और यह दृश्य बिल्कुल अश्लील लग रहा था। यह घटना एक पुल पर निकाली जा रही यात्रा के दौरान हुई, जिसने कई लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या आस्था के नाम पर ऐसे कृत्य स्वीकार्य हैं?

उद्देश्य से भटकती भक्ति
यह घटना एक व्यापक सामाजिक मुद्दे को भी उजागर करती है – धार्मिक आयोजनों में मनोरंजन और भक्ति के बीच की रेखा का धुंधला होना। कांवड़ यात्रा का मूल उद्देश्य भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति और समर्पण व्यक्त करना है। यह एक आध्यात्मिक अनुष्ठान है जिसमें भक्त कठिन शारीरिक परिश्रम करते हुए भी मन और वचन की पवित्रता बनाए रखते हैं। ऐसे में, यात्रा के दौरान अश्लील या आपत्तिजनक गतिविधियों का प्रदर्शन करना न केवल इस पवित्र परंपरा का अपमान है, बल्कि यह उन लाखों भक्तों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाता है जो सच्ची श्रद्धा से इस यात्रा में शामिल होते हैं। भक्ति का अर्थ एकाग्रता, समर्पण और आध्यात्मिक अनुशासन है, न कि सार्वजनिक प्रदर्शन या सनसनीखेज मनोरंजन। जब ऐसे कृत्य आस्था के नाम पर होते हैं, तो वे न केवल धर्म की छवि को धूमिल करते हैं, बल्कि उन लोगों के मन में भी संदेह पैदा करते हैं जो धार्मिक परंपराओं को गंभीरता से लेते हैं। सच्ची आस्था शोर-शराबे या अश्लीलता में नहीं, बल्कि मन की शांति, समर्पण और पवित्रता में निहित होती है।

वीडियो देख भड़के लोग, सेलेब्स ने भी दी प्रतिक्रिया
इस वीडियो ने समाज के विभिन्न वर्गों से तीखी प्रतिक्रियाएँ और आलोचनाएँ बटोरी हैं। जानी-मानी गायिका अनुराधा पौडवाल ने भी इस पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए वीडियो के कमेंट सेक्शन में लिखा, "ये बकवास बंद करो प्लीज।" वहीं, वीडियो के कैप्शन पर लिखा था, "कांवड़ यात्रा आस्था है। फैशन शो या पब्लिक तमाशा नहीं।"

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर कई यूजर्स ने इसे 'अश्लील' और 'आपत्तिजनक' बताया है। एक यूजर ने लिखा, "धर्म के नाम पर बेशर्मी का तमाशा चल रहा है। कांवड़ यात्रा की आड़ में मासूम बच्चों और युवाओं को नशे का आदी बनाया जा रहा है।" कुछ लोगों ने इसे 'कांवड़ का असली रूप' भी बताया।