मुश्किल में कन्हैया कुमार, देशद्रोह के मामले में आरोप-पत्र दायर
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने 2016 में दर्ज देशद्रोह के मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (JNUSU) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ सोमवार को आरोप-पत्र दायर किया। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुमीत आनंद ने मंगलवार को विचार के लिए अदालत के समक्ष आरोपपत्र पेश किया।
फरवरी 2016 जेएनयू में 'भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशा अल्लाह... इंशा अल्लाह..., अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं..., भारत की बर्बादी तक जंग रहेगी, जंग रहेगी...' जैसे नारे लगाए गए थे।
पुलिस ने चार्जशीट में कुल 10 लोगों के नाम शामिल किए हैं। इनमें जेएनयू छात्र नेता कन्हैया कुमार, सैयद उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और कश्मीर के रहने वाले आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, उमर गुल, रईस रसूल, बशरत अली, खालिद बशीर बट शामिल हैं।
रिपोर्ट में 36 आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिल पाया था, जबकि जेएनयू में देशद्रोही नारे की पुष्टि की गई है। आईपीसी की धारा 124A (राजद्रोह) सेक्शन 147 (दंगा) और सेक्शन 149 (गैर कानूनी तरीके से एकत्र होना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
चार्जशीट के अनुसार कार्यक्रम के आयोजन के लिए उचित अनुमति नहीं ली गई थी। इसके मुताबिक कन्हैया कुमार ने प्रदर्शन का नेतृत्व किया था और भीड़ को आगे ले गए थे और भीड़ ने नारेबाजी शुरू कर दी थी।
चार्जशीट में जेएनयू के कुछ कर्मचारी और गार्ड को भी इस केस में गवाह के तौर पर शामिल किया गया है। घटनास्थल पर मौजूद थे उन लोगों की पहचान फेसबुक डेटा का विश्लेषण और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के जरिए की गई।