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Last Updated :नई दिल्ली , सोमवार, 22 अगस्त 2016 (12:28 IST)

जिगिशा मर्डर केस में दो को फांसी, एक को उम्रकैद

Jigisha Ghosh murder
2009 में दिल्ली के जिगिशा हत्यांकाड के दो आरोपियों को फांसी और एक को दिल्ली की साकेते कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। आरोपी रवि कपूर और अमित शुक्ला को फांसी और बलजीत मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई। जिगिशा हत्यांकाड की सुनवाई कर रही एक अदालत ने तीन दोषियों को कितनी सजा दी जाए, इस पर शनिवार को आदेश सुरक्षित रख लिया।
 
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव ने रवि कपूर, अमित शुक्ला और बलजीत सिंह मलिक को भादंसं के तहत हत्या, अपहरण, लूटपाट, फर्जीवाड़े और साझा मंशा के अपराधों का दोषी ठहराया था। कपूर को आग्नेयास्त्र के इस्तेमाल के अपराध के लिए शस्त्र कानून के तहत भी दोषी ठहराया गया था।
 
सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने कहा, 'उन्होंने (आरोपियों) उसकी हत्या की और शव को झाड़ियों में फेंक दिया तथा पारिस्थितिजन्य साक्ष्य यह स्पष्ट करता है कि यही लोग थे जिन्होंने अपराध किया था।'
 
अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा था कि साक्ष्य से यह काफी स्पष्ट है कि उन्होंने अपराध किया। अपराध की कड़ियां जुड़ती हैं (और) इसलिए निर्दोषिता की संभावना नजर नहीं आती। रिकॉर्ड में यह साबित हो गया कि घटना के दिन जिगिशा अपेक्षित समय पर घर नहीं पहुंची। इसने कहा कि यह साबित हो गया कि तीनों दोषियों ने जिगिशा का अपहरण किया, उसकी सोने की चेन, दो मोबाइल फोन, दो अंगूठियां और डेबिट तथा क्रेडिट कार्ड लूटे तथा उसकी हत्या कर दी।
 
जिगिशा की हत्या के लिए कथित तौर पर इस्तेमाल किए गए हथियार की बरामदगी से सौम्या विश्वनाथन की हत्या का मामला भी सुलझ गया था जो एक समाचार चैनल में पत्रकार थी। सौम्या की 30 सितंबर 2008 को उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जब वह तड़के अपनी कार में घर लौट रही थी। पुलिस ने दावा किया था कि जिगिशा और सौम्या दोनों की हत्या लूटपाट के लिए की गई थी। पुलिस ने कहा था कि आरोपियों ने जिगिशा के एटीएम कार्ड को सरोजिनी नगर मार्केट से महंगे चश्मे, कलाई घड़ियां और जूते खरीदने के लिए इस्तेमाल किया था।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव ने दोषी करार दिए गए रवि कपूर, अमित शुक्ला और बलजीत सिंह मलिक की सजा तय करने के लिए 22 अगस्त की तिथि तय की थी। लोक अभियोजक राजीव मोहन ने अदालत से दोषियों को मौत की सजा देने का आग्रह किया, क्योंकि इन अपराधियों ने कोई अफसोस नहीं जताया है।
 
अभियोजन पक्ष के वकील ने अदालत को अवगत कराया कि ये अपराधी इंडिया टुडे समूह की पत्रकार सौम्या विश्वनाथन और एक टैक्सी चालक की हत्या के मुकदमे का भी सामना कर रहे थे। बचाव पक्ष के वकील ने इनके साथ यह कहकर नरमी बरतने का आग्रह किया कि दोषी अभी कम उम्र के हैं।
 
अदालत ने 14 जुलाई को तीनों को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), धारा 201 (सबूत मिटाने), धारा 364 (हत्या करने के लिए अपहरण), धारा 394 (डाका डालने के दौरान जानबूझकर चोट पहुंचाने का कारण बनना), धारा 468 (धोखा देने के लिए जालसाजी), धारा 471 (फर्जी दस्तावेज को असली रूप में या इलेक्ट्रॉनिक रिकार्ड के रूप में इस्तेमाल करना), धारा 482 (संपत्ति के नकली मुहर का इस्तेमाल करना) और धारा 34 (समान इरादा) के तहत दोषी माना है।
 
जिगिशा (28) हेवेट एसोसिएट प्राइवेट लिमिटेड में संचालन प्रबंधक के पद पर थी। उसका 18 मार्च, 2009 को दफ्तर की गाड़ी से दक्षिण दिल्ली के वसंत विहार इलाके में स्थित घर के पास उतरने के बाद सुबह लगभग चार बजे अपहरण कर लिया गया था। उसका शव 20 मार्च को हरियाणा में सूरजकुंड के पास मिला था। बाद में पुलिस ने कपूर, शुक्ला और मलिक को इस मामले में गिरफ्तार किया था।