महाराष्ट्र में जनसुरक्षा विधेयक बिना विरोध के पारित, कांग्रेस ने विधायक दल के नेता से मांगी सफाई
Public Security Bill: महाराष्ट्र कांग्रेस (Maharashtra Congress) ने पिछले सप्ताह राज्य विधानसभा में विशेष जन सुरक्षा विधेयक (Public Security Bill) विपक्षी पार्टी के सदस्यों के विरोध के बिना पारित होने पर अपने विधायक दल के नेता से स्पष्टीकरण मांगा है। सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने सोमवार को कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार (Vijay Wadettiwar) को पत्र लिखकर यह बताने को कहा है कि कांग्रेस द्वारा विरोध दर्ज कराए बिना ही विधेयक को कैसे पारित होने दिया गया।
इस विधेयक में कड़े प्रावधान हैं जिनमें दोषी पाए जाने पर भारी जुर्माना और 7 साल तक की जेल की सजा शामिल है। इस विधेयक की नागरिक संगठनों और विपक्षी दलों ने आलोचना की है, जो इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर असहमति को दबाने का हथियार मानते हैं। सूत्रों ने बताया कि जब 10 जुलाई को राज्य विधानसभा में विधेयक पारित करने के लिए पेश किया गया तो सभी पार्टी विधायकों को सदन में बोलने के लिए बिंदुओं के सुझाव दिए गए थे। एक सूत्र ने कहा कि लेकिन हमारे कांग्रेस विधायक दल के नेता उस दिन अनुपस्थित थे।
विधेयक का विरोध करते हुए बहिर्गमन किया : अगले दिन कांग्रेस के विधान परिषद सदस्यों ने उच्च सदन में विधेयक का विरोध करते हुए बहिर्गमन किया। सूत्रों का दावा है कि पार्टी ने सख्त निर्देश जारी किया था कि विधानसभा में जो हुआ, वह विधान परिषद में नहीं दोहराया जाना चाहिए। गत 30 जून को, जब अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला ने राज्य के पार्टी नेताओं की एक बैठक बुलाई, तो विधेयक का विरोध करने का निर्णय लिया गया। हालांकि विधानसभा में केवल एकमात्र माकपा विधायक ने ही विधेयक का विरोध किया था।
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शिवसेना (उबाठा) विधायक भास्कर जाधव ने बुधवार को प्रस्तावित कानून की आलोचना करते हुए इसे अत्यधिक कठोर और अलोकतांत्रिक बताया। उन्होंने महायुति सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि उसने विधेयक की आवश्यकता को उचित ठहराने के लिए कोई भी आंकड़ा या प्रमाण नहीं दिया। उन्होंने प्रस्तावित कानून को ब्रिटिश काल के कानूनों से भी बदतर बताया।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta