तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसादम के रूप में बांटे जाने वाले लड्डूओं में जानवरों की चर्बी मिलाने और कथित अनियमततओं की जांच के लिए सीएम चंद्रबाबू नायडू ने एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने का फैसला किया है। नायडू ने कहा कि एसआईटी इस मामले की गहराई से जांच करके हमें रिपोर्ट सौंपेगी, जिससे की दोषियों को सजा दी जा सके और भविष्य में ऐसी किसी भी घटना से बचा जा सके। वहीं उन्होंने कहा कि वे राज्य के सभी मंदिरों का शुद्धिकरण करवाएंगे, इसके लिए धार्मिक नेताओं से चर्चा की जाएगी।
नायडू ने कहा कि इसके चलते उन्होंने अनियमितताओं की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का फैसला किया है। नायडू ने यह भी आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती राज्य सरकार के दौरान टीटीडी बोर्ड में नियुक्तियां जुआ की तरह हो गई थीं और ऐसे लोगों को नियुक्त करने के उदाहरण हैं, जिनकी कोई आस्था नहीं थी और बोर्ड में गैर-हिंदुओं को वरीयता दी गई।
नायडू ने अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि लड्डू के संबंध में इस खुलासे के बाद लोगों की भावनाएं आहत हुई कि उसके निर्माण में कथित तौर पर पशु चर्बी का इस्तेमाल किया।
नायडू ने कहा, आईजी (महानिरीक्षक) स्तर या उससे ऊपर के अधिकारी की निगरानी में एसआईटी का गठन किया जाएगा। यह सभी कारणों, सत्ता के दुरुपयोग की जांच करेगी और सरकार को रिपोर्ट देगी। सरकार इस तरह की घटनाओं (लड्डू में मिलावट) की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त कदम उठाएगी, इसमें कोई समझौता नहीं होगा।
पंचगव्य पूजा : तिरुमला मंदिर में हुए कथित अपवित्रीकरण के बाद शुद्धिकरण के लिए चार घंटे का शांति होमम् पंचगव्य प्रोक्षण (शुद्धिकरण अनुष्ठान) किया गया। मंदिर सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के एक सूत्र ने इस बात की पुष्टि की कि अनुष्ठान सुबह छह बजे से 10 बजे तक चला।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचे स्वामी : भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने तिरुपति लड्डू बनाने में पशुओं की चर्बी के कथित इस्तेमाल की जांच अदालत की निगरानी में किये जाने के अनुरोध के साथ सोमवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया।
भाजपा नेता ने न्यायालय से अनुरोध किया कि वह आंध्र प्रदेश सरकार को लड्डू बनाने में इस्तेमाल किए गए घी के स्रोत और नमूने पर एक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दे।
स्वामी ने न्यायालय से यह भी आग्रह किया कि वह संबंधित अधिकारियों से विस्तृत फोरेंसिक रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए अंतरिम निर्देश जारी करे। याचिका में कहा गया है कि प्रसाद बनाने में इस्तेमाल होने वाली विभिन्न सामग्रियों की आपूर्ति करने वाले आपूर्तिकर्ताओं की गुणवत्ता या उसकी कमी की निगरानी और सत्यापन के लिए आंतरिक रूप से अंकुश होना चाहिए था। स्वामी ने अपनी याचिका के बारे में सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट भी किया।
उन्होंने पोस्ट में लिखा, "आज मैंने एक जनहित याचिका दायर कर उच्चतम न्यायालय से मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के निराधार आरोपों की जांच के निर्देश देने की मांग की है। नायडू ने आरोप लगाया है कि तिरुपति तिरुमाला मंदिर के प्रसाद में जानवरों के मांस और अन्य सड़े हुए पदार्थों की मिलावट की गई है, जिससे भक्तों में अफरा-तफरी मच गई है।"
इसके अलावा, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के पूर्व अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य वाई.वी. सुब्बा रेड्डी ने भी न्यायालय में याचिका दायर कर शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व वाली एक स्वतंत्र समिति द्वारा जांच कराये जाने का अनुरोध किया है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के इस दावे ने बड़े पैमाने पर राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है कि वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार के दौरान तिरुपति के लिए लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था।
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने दावा किया कि नायडू राजनीतिक लाभ के लिए "घृणित आरोप" लगा रहे हैं। टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने 20 सितंबर को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया था कि प्रयोगशाला परीक्षणों से पता चला है कि चयनित नमूनों में पशु वसा और चर्बी की मौजूदगी है और बोर्ड "मिलावटी" घी की आपूर्ति करने वाले ठेकेदार को काली सूची में डालने की प्रक्रिया में है। इनपुट भाषा