Tirupati Laddu Controversy : जेपी नड्डा ने CM चंद्रबाबू से मांगी रिपोर्ट, बोले- जांच के बाद होगी उचित कार्रवाई
JP Nadda sought report on Tirupati Laddu issue : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू से बात की है और तिरुपति लड्डू मुद्दे पर रिपोर्ट मांगी है। नड्डा ने कहा कि इस मामले की भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा जांच की जाएगी तथा उचित कार्रवाई की जाएगी।
नायडू ने दावा किया है कि पिछली जगन मोहन रेड्डी सरकार के दौरान तिरुपति मंदिर के लड्डू बनाने के लिए पशु चर्बी का इस्तेमाल किया गया था। इस दावे के बाद एक बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है। युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने कहा है कि मुख्यमंत्री राजनीतिक लाभ के लिए घृणित आरोप लगा रहे हैं, जबकि तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने इस दावे के समर्थन में एक प्रयोगशाला रिपोर्ट प्रसारित की है।
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन की उपलब्धियों पर संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा, मुझे सोशल मीडिया के जरिए इस मुद्दे के बारे में पता चला। मैंने आज चंद्रबाबू नायडू से बात की और मैंने उनसे उपलब्ध रिपोर्ट साझा करने को कहा ताकि मैं उसकी पड़ताल कर सकूं। मैं राज्य नियामकों से भी बात करूंगा और उनकी राय लूंगा।
उन्होंने कहा, रिपोर्ट की जांच की जाएगी और एफएसएसएआई के कानूनी ढांचे एवं नियमों के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी। एफएसएसएआई इसकी जांच करेगा, रिपोर्ट देगा और फिर हम कार्रवाई करेंगे। एफएसएसएआई केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन एक वैधानिक निकाय है।
केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी श्रद्धालुओं के लिए चिंता पैदा करने वाले आरोप की जांच की मांग की है। दिल्ली में वैश्विक खाद्य विनियामक शिखर सम्मेलन के अवसर पर जोशी ने कहा, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जो कुछ भी कहा है, वह गंभीर चिंता का विषय है। विस्तृत जांच की आवश्यकता है और दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए।
तेदेपा के प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने बृहस्पतिवार को दावा किया था कि प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम द्वारा उपलब्ध कराए गए घी के नमूनों में मिलावट की पुष्टि गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला द्वारा की गई।
उन्होंने कथित प्रयोगशाला रिपोर्ट दिखाई, जिसमें स्पष्ट रूप से नमूने में गोवंशीय पशुओं की चर्बी, सूअर की चर्बी और मछली के तेल की मौजूदगी की पुष्टि की गई है। नमूना प्राप्ति की तारीख 9 जुलाई थी और प्रयोगशाला रिपोर्ट 16 जुलाई की थी। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour