नौसेना में शामिल हु्ई INS Khanderi, जानिए इस 'साइलेंट किलर' से जुड़ी 5 खास बातें
मुंबई। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को आईएनएस खंडेरी को नौसेना में शामिल किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी ताकते हैं जो भारत के तटीय क्षेत्र में मुंबई जैसे हमले दोबारा करना चाहती है, हम ऐसा होने नहीं देंगे। हमारे क्षेत्र में जो भी शांति भंग करेगा भारतीय नौसेना उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। जानिए क्या है इस 'साइलेंट किलर' पनडुब्बी से जुड़ी 5 खास बातें...
आईएनएस खंडेरी समंदर में पूरे 45 दिन तक रहकर 12 हजार किमी जाने में सक्षम है। भारतीय नौसेना फिलहाल आईएनएस कलवरी का इस्तेमाल कर रही है। आईएनएस खंडेरी उसी की अगली पीढ़ी की ताकतवर और अत्याधुनिक पनडुब्बी है।
अत्याधुनिक तकनीक से लैस इस पनडुब्बी में टॉरपीडो और ऐंटिशिप मिसाइलें तैनात की जाएंगी। इसमें 36 से अधिक नौसैनिक रह सकते हैं। ये पानी से पानी में किसी भी युद्धपोत को ध्वस्त करने की क्षमता रखती हैं।
इसमें मौजूद परमानेंटली मैग्नेटाइज्ड प्रोपलसन मोटर के कारण ये पनडुब्बी समुद्र में एकदम साइलेंट रहती है और दुश्मनों को इसका पता भी नहीं चल पाता।
7 मीटर लंबी, 6.2 मीटर चौड़ी और 12.3 मीटर की ऊंचाई वाली पनडुब्बी का कुल वजन 1550 टन है। यह पनडुब्बी समंदर में 350 मीटर की गहराई तक गोता लगाने में सक्षम है। इस पनडुब्बी में कुल 360 बैटरियां हैं। हर बैटरी का वजन 750 किग्रा है।
आईएनएस खंडेरी का नाम छत्रपति शिवाजी महाराज के खंडेरी दुर्ग के नाम पर रखा गया है। यह दुर्ग चारों और पानी से घिरा हुआ था इसलिए दुश्मन के लिए अभेद्य था।