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  4. Indu Malhotra cleared as Supreme Court judge, govt sits on KM Joseph’s file
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Last Updated : गुरुवार, 26 अप्रैल 2018 (15:09 IST)

इंदू को बनाया पर जोसेफ की नियुक्ति क्यों रुकी ?

The Supreme Court collegium
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कॉलेजियम की सिफारिश के आधार पर वरिष्‍ठ अधि‍वक्‍ता इंदू मल्‍होत्रा को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्‍त किए जाने को मंजूरी दे दी है। लेकिन उत्‍तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्‍टिस के.एम. जोसेफ की पदोन्नति रोके रखने का फैसला किया है। इसे लेकर पूर्व वित्त मंत्री और सुप्रीम कोर्ट के ख्यात वकील पी चिदंबरम ने ट्वीट कर के.एम. जोसेफ की पदोन्नति रोके रखने के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं।
 
पी. चिदंबरम ने ट्वीट किया कि, 'खुश हूं कि इंदू मल्‍होत्रा ​सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगी। निराश हूं कि जस्‍ट‍िस के.एम. जोसेफ की नियुक्ति अभी भी रोकी गई है। के एम जोसेफ की पदोन्नति आखिर क्‍यों रोकी गई है? क्‍या इसके लिए उनका राज्‍य, उनका धर्म या उत्‍तराखंड केस में उनका फैसला लेना जिम्‍मेदार है?'
 
पी चिदंबरम ने लिखा, 'कानून के मुताबिक, एक जज की नियुक्‍त में कॉलेजियम की सिफारिश ही अंतिम है। क्‍या मोदी सरकार कानून से ऊपर हो गई है?' विदित हो कि बुधवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश मानते हुए सीनियर एडवोकेट इंदू मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्‍त किए जाने को मंजूरी दे दी है। 
 
इंदू सुप्रीम कोर्ट में वकील से सीधे जज बनने वाली पहली महिला होंगी। वहीं सरकार ने जस्‍ट‍िस के.एम. जोसेफ की पदोन्नति रोके रखने का फैसला किया है। न्यायमूर्ति जोसेफ उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हैं। कॉलेजियम ने फरवरी में अपनी सिफारिश भेजी थी। इसके पीछे उत्तराखंड के एक मामले की भूमिका देखी जा रही है। 
 
गौरतलब है कि 21 मार्च 2016 को चीफ जस्टिस के एम जोसेफ की खंडपीठ ने उत्तराखंड में केंद्र के राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले को पलट दिया था। इसके चलते हरीश रावत एक बार फिर उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री बन गए थे। 
 
जस्टि‍स जोसेफ और जस्ट‍िस वी के बिष्ट की बेंच ने अपने फैसले में कहा था, 'केंद्र की ओर से राज्य में राष्‍ट्रपति शासन लगाना सुप्रीम कोर्ट की ओर से निर्धारित नियम के खिलाफ है।' इसके साथ ही जस्ट‍िस जोसेफ ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। पी. चिदंबरम इसी केस का जिक्र कर रहे हैं।