सोमवार, 7 अक्टूबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. indias parched rivers at least 13 without water much lower than same period last year
Last Updated : बुधवार, 3 अप्रैल 2024 (17:26 IST)

जल संकट की आहट : बेंगलुरू सिर्फ ट्रेलर, सूख रही हैं देश की नदियां, संभल जाइए

सूख गई देश की 13 नदियां

जल संकट की आहट : बेंगलुरू सिर्फ ट्रेलर, सूख रही हैं देश की नदियां, संभल जाइए - indias parched rivers at least 13 without water much lower than same period last year
1 करोड़ 30 लाख आबादी वाले देश की सिलिकॉन वैली बेंगलुरू इन दिनों पानी की किल्लत से जूझ रहा है। बेंगलुरु में लोगों के हाथों में बाल्टियां, सूखे नल, टैंकर्स और झील के सतह पर आईं दरारों के दृश्‍य बेहद आम हैं, लेकिन अब बात बेंगलुरू की नहीं है। देश के कई राज्यों में ऐसी भयावह स्थिति हो सकती है। जरूरत अब जागरूक होने की है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) द्वारा जारी आंकड़ों के विश्लेषण डराने वाले हैं। 
 
देश की 12 नदियों में कम पानी : गंगा, गोदावरी, नर्मदा समेत देश की 12 प्रमुख नदियों में पानी पिछले साल की तुलना में कम है। दक्षिण भारत की 13 नदियों में तो पानी है नहीं। महानदी और पेन्नार के बीच पूर्व की ओर बहने वाली कम से कम 13 नदियों में इस समय पानी नहीं है। अधिकांश नदियों के बेसिन में 40 फीसदी से कम जल भंडारण देखने को मिला है। 
 
पानी के अलावा कृषि, परिवहन और बिजली भी : भारत की नदियां पीने और घरेलू खपत के लिए पानी के साथ-साथ सस्ते परिवहन और सिंचाई, बिजली भी उपलब्ध कराती हैं। नदी घाटियों में पानी की कमी उन क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों, आजीविका और कृषि गतिविधियों को गंभीर रूप से प्रभावित करती है, जो जल आपूर्ति के लिए नदियों पर निर्भर हैं। 
दक्षिण के राज्यों की स्थिति चिंताजनक : आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा राज्यों के 86,643 वर्ग किलोमीटर (वर्ग किमी) क्षेत्र से बहती हुई नदियां सीधे बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं। इस बेसिन में कृषि भूमि कुल क्षेत्रफल का लगभग 60 प्रतिशत है और गर्मी के चरम से पहले ही यह स्थिति चिंताजनक है। 
 
भारत मौसम विज्ञान डेटा (आईएमडी) के मुताबिक आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 1 मार्च से बारिश में 'बड़ी कमी' (क्रमशः 65 और 67 प्रतिशत) दर्ज की गई। पिछले साल इस दौरान बेसिन की क्षमता का 32.28 फीसदी भंडारण था। 
रुशिकुल्या, बाहुदा, वंशधारा, नागावली, सारदा, वराह, तांडव, एलुरु, गुंडलकम्मा, तम्मिलेरु, मुसी, पलेरु और मुनेरु शामिल हैं। संयुक्त बेसिन में महत्वपूर्ण शहरी केंद्रों में विशाखापत्तनम, विजयनगरम, पूर्वी गोदावरी, पश्चिम गोदावरी, श्रीकाकुलम और काकीनाडा शामिल हैं। 
 
क्या कहते हैं आंकड़े : सीडब्ल्यूसी द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल बेसिन में भंडारण में लगातार गिरावट आ रही है। 22 फरवरी को यह 0.062 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम), 29 फरवरी को 0.043 बीसीएम, 7 मार्च को 0.024 बीसीएम, 14 मार्च को 0.005 बीसीएम और 21 मार्च को शून्य था। 28 मार्च को सीडब्ल्यूसी के साप्ताहिक बुलेटिन में, बेसिन में फिर से कोई भंडारण नहीं था। वेबदुनिया न्यूज डेस्क