शनिवार, 21 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Indians black money increased in Swiss banks? Check what Centre has to say
Written By
Last Modified: शनिवार, 19 जून 2021 (18:34 IST)

स्विस बैंक में रिकॉर्ड काला धन बढ़ने का वित्त मंत्रालय ने किया खंडन, जवाब में कही यह बात

स्विस बैंक में रिकॉर्ड काला धन बढ़ने का वित्त मंत्रालय ने किया खंडन, जवाब में कही यह बात - Indians black money increased in Swiss banks? Check what Centre has to say
नई दिल्ली। सरकार ने स्विट्ज़रलैंड में भारतीयों द्वारा रखे गए कथित काले धन के बारे में समाचार माध्यमों में आई खबरों का खंडन करते हुए जमाराशियों में हुई वृद्धि/कमी को सत्यापित करने के लिए स्विस अधिकारियों से जानकारी मांगी है।
 
वित्त मंत्रालय ने मीडिया में आई इस खबर का आज खंडन किया और कहा कि गत 18 जून को मीडिया में कुछ ऐसी खबरें सामने आई हैं जिनमें यह कहा गया है कि 2 साल की गिरावट की प्रवृत्ति को पलटते हुए स्विस बैंकों में भारतीयों की धनराशि 2019 के अंत में 6,625 करोड़ रुपए से बढ़कर 2020 के अंत में 20,700 करोड़ रुपए हो गई है। खबरों में यह भी कहा गया है कि यह आंकड़ा पिछले 13 सालों में जमा होने वाली राशि में सबसे अधिक भी है।
मंत्रालय ने कहा कि मीडिया में आई खबरें इस तथ्य की ओर इशारा करती हैं कि इसमें शामिल किए गए आंकड़े बैंकों द्वारा स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) को बताए गए आधिकारिक आंकड़े हैं और वे स्विट्जरलैंड में भारतीयों द्वारा रखे गए कथित कालेधन की मात्रा का संकेत नहीं देते हैं। इसके अलावा, इन आंकड़ों में वह पैसा शामिल नहीं है जो भारतीयों, एनआरआई या अन्य लोगों ने स्विस बैंकों में किसी तीसरे देश की संस्थाओं के नाम पर रखा हो सकता है।
 
हालांकि, 2019 के अंत से ग्राहकों की जमा राशि में वास्तव में गिरावट आई है। इन संस्थाओं के माध्यम से रखे गए धन में भी 2019 के अंत से आधे से अधिक की कमी हो गई है। सबसे बड़ी वृद्धि 'ग्राहकों की ओर से देय अन्य राशि' में हुई है। ये धन बांड, प्रतिभूतियों और विभिन्न अन्य वित्तीय साधनों के रूप में हैं।
 
उल्लेखनीय है कि भारत और स्विटजरलैंड कर - मामलों में पारस्परिक प्रशासनिक सहायता से संबंधित बहुपक्षीय सम्मेलन (एमएएसी) के हस्ताक्षरकर्ता हैं और दोनों देशों ने बहुपक्षीय सक्षम प्राधिकार समझौते (एमसीएए) पर भी हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत दोनों देशों के बीच वर्ष 2018 और उससे आगे की अवधि के लिए सालाना आधार पर वित्तीय खाते की जानकारी साझा करने के लिए सूचना के स्वत: आदान-प्रदान (एईओआई) की व्यवस्था है।
 
दोनों देशों के बीच प्रत्येक देश के निवासियों से संबंधित वित्तीय खाते की जानकारी का आदान-प्रदान 2019 के साथ-साथ 2020 में भी हुआ है। वित्तीय खातों की जानकारी के आदान-प्रदान की मौजूदा कानूनी व्यवस्था (जिसका विदेशों में अघोषित परिसंपत्तियों के जरिए होने वाली कर - चोरी पर एक महत्वपूर्ण निवारक प्रभाव है) को देखते हुए, भारतीय निवासियों की अघोषित आय से स्विस बैंकों में जमा में वृद्धि की कोई महत्वपूर्ण संभावना नहीं दिखाई देती है।
 
मंत्रालय का कहना है कि इसके अलावा कुछ कारक जमाराशियों में हुई वृद्धि की प्रभावी तरीके से व्याख्या कर सकते हैं जिनमें व्यापारिक लेन-देन में वृद्धि के कारण स्विट्जरलैंड में स्थित भारतीय कंपनियों द्वारा जमा राशि में वृद्धि, भारत में स्थित स्विस बैंक की शाखाओं के कारोबार के कारण जमा में वृद्धि, स्विस और भारतीय बैंकों के बीच अंतर-बैंक लेनदेन में वृद्धि, भारत में स्थित किसी स्विस कंपनी की सहायक कंपनी की पूंजी में वृद्धि और बकाया डेरिवेटिव वित्तीय लिखतों से जुड़ी देनदारियों में वृद्धि शामिल है। (वार्ता)
ये भी पढ़ें
त्रिपुरा : 10वीं,12वीं की परीक्षाएं रद्द, कोरोना संकट के बीच फैसला