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Last Updated :छत्रपति संभाजीनगर (महाराष्ट्र) , बुधवार, 14 फ़रवरी 2024 (19:30 IST)

कतर से रिहा हुए नौसैनिक ने जताई खुशी, बताया इस तरह बची जान...

कतर से रिहा हुए नौसैनिक ने जताई खुशी, बताया इस तरह बची जान... - Indian sailors released from Qatar
  • रिहाई को बड़ी कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा
  • पूर्व नौसेनाकर्मी ने कहा, जेल में रहना बहुत भयानक
  • नौसेनाकर्मी ने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा
Indian sailors released from Qatar : कतर की जेल से रिहा किए गए भारतीय नौसेना के 8 पूर्व कर्मियों में से एक रागेश गोपाकुमार ने कई महीनों तक कैद में रहने के बाद स्वदेश लौटने और अपने परिवार के साथ फिर से जुड़ने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि वह और उनके सहयोगी केवल अपने रक्षा प्रशिक्षण के कारण ही जीवित रह पाए।
 
गोपाकुमार ने कहा, हम जिंदा बचकर आ गए, इस बात की हमें बहुत खुशी है। हम घर आकर खुश हैं। उन्होंने कहा कि वह और उनके सहयोगी केवल अपने रक्षा प्रशिक्षण के कारण ही जीवित रह पाए। कतर ने जेल में बंद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को दो दिन पहले रिहा कर दिया था। इसे भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है जो कतर की अदालत द्वारा उन्हें मौत की सजा सुनाए जाने के लगभग साढ़े तीन महीने बाद मिली।
 
नौसैनिक रागेश गोपाकुमार हुए भावुक : इन लोगों की मौत की सजा को बाद में जेल की सजा में बदल दिया गया था। गोपाकुमार सोमवार को केरल की राजधानी से 16 किलोमीटर दूर स्थित उपनगर बलरामपुरम पहुंचे और उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को गले लगा लिया। इस दौरान वह भावुक भी हो गए।
 
पूर्व नौसेनाकर्मी ने कहा, जेल में रहना बहुत भयानक है। जब भी कोई कहता था कि वह जेल में हैं तो उनके परिवार की क्या दुर्दशा होती थी, आप उस स्थिति की कल्पना नहीं कर सकते। एक व्यक्ति जो दिन में कम से कम पांच बार अपनी पत्नी से बात करता था, उसने अचानक उसे फोन करना बंद कर दिया।
 
उन्होंने अपनी रिहाई का श्रेय अपने परिवार की प्रार्थनाओं और केंद्र सरकार के प्रयासों को दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप के कारण ही उनकी रिहाई संभव हो सकी। गोपाकुमार ने कहा कि उन सभी को उम्मीद थी कि यदि मोदी जी हस्तक्षेप करेंगे तो वे जेल से बाहर आ जाएंगे, लेकिन उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि इसमें कितना समय लगेगा।
 
रिहाई के बाद नौसैनिक रागेश गोपाकुमार ने जताया आभार : उन्होंने जेल में बंद पूर्व नौसैन्य अधिकारियों के परिवारों को कतर लाने की व्यवस्था करने के लिए केंद्र सरकार का आभार भी व्यक्त किया। गोपाकुमार ने कहा, यदि कोई भारतीय विदेश में मुसीबत में है और निर्दोष है तथा हमारे प्रधानमंत्री को व्यक्ति के निर्दोष होने का भरोसा है तो वह उसकी मदद के लिए आगे जरूर आएंगे, यह बात हर भारतीय जानता है।
 
जेल में बंद रहने के दौरान अपने दिनों को याद करते हुए गोपाकुमार ने कहा कि वह और उनके सहयोगी रक्षाबलों के रूप में प्रशिक्षण के कारण ही जीवित बच पाए। उन्होंने कहा कि वह 2017 में भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त हुए थे और बाद में संचार प्रशिक्षक के रूप में ओमान रक्षा प्रशिक्षण कंपनी में शामिल हो गए। निजी कंपनी अल दहरा के साथ काम करने वाले भारतीय नागरिकों को जासूसी के एक कथित मामले में अगस्त, 2022 में गिरफ्तार किया गया था।
 
अपील के लिए मिला था 60 दिन का समय : नौसेना के पूर्व कर्मियों को 26 अक्टूबर को कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। खाड़ी देश की अपीलीय अदालत ने 28 दिसंबर को मृत्युदंड की सजा को कम कर दिया था और पूर्व नौसैन्य कर्मियों को तीन साल से लेकर 25 साल तक अलग-अलग अवधि के लिए जेल की सजा सुनाई थी। अपीलीय अदालत ने जेल की सजा के खिलाफ अपील करने के लिए उन्हें 60 दिन का समय भी दिया था।
 
पिछले साल दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुबई में ‘कॉप 28’ शिखर सम्मेलन के मौके पर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हम्माद अल-थानी से मुलाकात की थी और कतर में भारतीय समुदाय के कल्याण पर चर्चा की थी। ऐसा माना जाता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भारतीय नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करने में कतर के अधिकारियों के साथ बातचीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। (भाषा) फोटो सौजन्‍य : टि्वटर/एक्स
Edited By : Chetan Gour