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Last Modified: गुरुवार, 7 अगस्त 2025 (19:57 IST)

ग़ाज़ा : मात्र 1.5% कृषि भूमि बची है सुरक्षित व उपयोग योग्य

Most of Gaza's arable land has been damaged
United Nations News : संयुक्त राष्ट्र की एक नवीन रिपोर्ट में कहा गया है कि ग़ाज़ा की अधिकांश कृषि योग्य भूमि या तो पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है या लोगों की पहुंच से बाहर है। इससे वहां रह रहे 20 लाख से अधिक लोगों को अकाल के लिए गम्भीर हालात का सामना करना पड़ रहा है। यह रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है जब ग़ाज़ा में इसराइली सैन्य हमलों के कारण, मानवीय राहत पहुंचाने में लगातार बाधाएं आ रही हैं और भूख से होने वाली मौतों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है।
 
खाद्य और कृषि संगठन (FAO) तथा संयुक्त राष्ट्र उपग्रह केन्द्र (UNOSAT) की एक नई रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि ग़ाज़ा में 28 जुलाई तक केवल 8.6 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि ही सुरक्षित रह गई है। इसमें से भी मात्र 1.5 प्रतिशत भूमि ऐसी है जहां पहुंचा जा सकता है और जो पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने से बची हुई है।
 
ग़ाज़ा की 86 प्रतिशत से अधिक कृषि भूमि अब खेती के लायक नहीं रही, जबकि शेष 12.4 प्रतिशत भूमि भले ही अब तक सुरक्षित है, लेकिन इजराइली बलों और हमास तथा अन्य सशस्त्र समूहों के बीच लगातार जारी हिंसक युद्ध के कारण वह भी आम लोगों की पहुंच से बाहर है।
 
भुखमरी के हालात
यह रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है जब ग़ाज़ा में इसराइली सैन्य हमलों के कारण, मानवीय राहत पहुंचाने में लगातार बाधाएं आ रही हैं और भूख से होने वाली मौतों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है।
 
स्थानीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बुधवार को पिछले 24 घंटों के दौरान कुपोषण के कारण 5 और लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही, ग़ाज़ा में भुखमरी से मौत के शिकार हुए लोगों की कुल संख्या बढ़कर लगभग 200 हो गई है। मृतकों में आधे से अधिक बच्चे हैं।
 
चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था
संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता समन्वय कार्यालय (OCHA) के अनुसार, ग़ाज़ा में अस्पताल अत्यधिक दबाव में काम कर रहे हैं। बिस्तरों की भारी कमी के कारण कई मरीज़ों को ज़मीन पर या सड़कों पर लेटने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
 
यह संकट मुख्य रूप से बिस्तरों, दवाओं और चिकित्सीय उपकरणों की भारी कमी के कारण उत्पन्न हुआ है। इसके बावजूद, मंगलवार को एक बार फिर आपातकालीन चिकित्सा टीमों को ग़ाज़ा में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई।
 
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी जानकारी दी है कि मार्च 2024 से अब तक 100 से अधिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों को ग़ाज़ा में प्रवेश करने से रोक दिया गया है। इनमें सर्जन और अन्य विशेष चिकित्सकीय कर्मचारी शामिल हैं। उधर, सीमित ईंधन आपूर्ति के कारण जीवन रक्षक सेवाएं गम्भीर रूप से बाधित हो रही हैं।
 
बीते दो दिनों में संयुक्त राष्ट्र ने कैरेम शेलॉम सीमा से लगभग 3 लाख लीटर ईंधन प्राप्त किया है, जो आवश्यकताओं की तुलना में बहुत कम है। ईंधन की इस भारी कमी के कारण, संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य साझीदारों ने चेतावनी दी है कि 100 से अधिक समयपूर्व जन्म लेने वाले नवजात शिशुओं की जान को तत्काल ख़तरा है।
 
नए विस्थापन आदेश जारी
बुधवार को इसराइली सेना ने ग़ाज़ा और ख़ान यूनिस गवर्नरेट के पांच इलाक़ों में फिर से विस्थापन के आदेश जारी किए। इसके साथ ही इजराइल ने 2 मार्च को युद्धविराम समझौते से पीछे हटने के बाद ग़ाज़ा में विशेष रूप से तम्बू व तिरपाल जैसी आश्रय सामग्री की आपूर्ति पूरी तरह रोक दी थी। 
 
स्थानीय बाज़ार में जो थोड़ी-बहुत सामग्री मौजूद है, वह इतनी महंगी और सीमित है कि ज़्यादातर परिवार उसे ख़रीदने में असमर्थ हैं। संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फ़रहान हक़ ने, बुधवार को न्यूयॉर्क में कहा, बाज़ार की लगातार बिगड़ती स्थिति यह साफ़ दर्शाती है कि ग़ाज़ा में मानवीय सहायता व वाणिज्यिक वस्तुओं की बड़े पैमाने पर और नियमित आपूर्ति बेहद आवश्यक है।
Edited By : Chetan Gour
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