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Last Modified: बेंगलुरु , शनिवार, 9 अगस्त 2025 (23:13 IST)

एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह का बड़ा दावा, ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दिया यह बयान

Air Chief Marshal Amar Preet Singh's statement on Operation Sindoor
Air Chief Marshal Amar Preet Singh News : एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने शनिवार को कहा कि भारतीय वायुसेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान के 5 लड़ाकू विमानों और एक बड़े विमान को मार गिराने की पुष्टि की है। उन्होंने इसे भारत द्वारा सतह से हवा में मार गिराने का अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बताया। 3 महीने पहले किए गए भारतीय हवाई हमलों के दौरान पाकिस्तान को हुए नुकसान पर यह पहली आधिकारिक टिप्पणी है। यह अभियान अप्रैल में पहलगाम में आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद सात मई से चलाया गया था।
 
कई विपक्षी नेता ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत और पाकिस्तान दोनों को हुए नुकसान का खुलासा करने में देरी को लेकर सरकार पर हमला कर रहे हैं। यह अभियान अप्रैल में पहलगाम में आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद सात मई से चलाया गया था। सिंह ने यहां एयर चीफ मार्शल एलएम कात्रे स्मृति व्याख्यान के 16वें संस्करण के दौरान सीमा के निकट और पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी मुख्यालयों और अन्य आतंकी ठिकानों पर सात मई को किए गए हमलों का विस्तृत ब्यौरा भी प्रस्तुत किया।
 
उन्होंने कहा, हमारे पास कम से कम पांच लड़ाकू विमानों को मार गिराए जाने की पुष्ट जानकारी है और एक बड़ा विमान है, जो या तो विमान हो सकता है या फिर एडब्ल्यूसी (एयरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम), जिसे लगभग 300 किलोमीटर की दूरी से निशाना बनाया गया। सिंह ने कहा, यह वास्तव में सतह से हवा में मार गिराने का अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है, जो हमने हासिल किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि उस एडब्ल्यूसी हैंगर में कम से कम एक एडब्ल्यूसी के होने के संकेत मिले हैं तथा कुछ एफ-16 को भी नुकसान पहुंचा जो वहां रखरखाव के लिए थे। सिंह ने कहा कि इस ऑपरेशन के परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी), ड्रोन और उनकी कुछ मिसाइलें भी भारतीय क्षेत्र में गिरीं, लेकिन इनसे भारतीय प्रतिष्ठानों को कोई नुकसान नहीं हुआ।
 
‘ऑपरेशन’ की सफलता के पीछे एक प्रमुख कारण राजनीतिक इच्छाशक्ति को बताते हुए सिंह ने कहा, मैं यहां बहुत-बहुत स्पष्ट...बहुत खुलापन दिखा रहा हूं, क्योंकि मैंने इसके बारे में विभिन्न बातें सुनी हैं। वायुसेना प्रमुख ने कहा, यदि मैं आपसे कुछ कहूंगा तो लोगों को उस पर विश्वास करना होगा, क्योंकि मैं वहां था, सबकी बात सुन रहा था, और इसमें शामिल था... बहुत स्पष्ट राजनीतिक इच्छाशक्ति थी, हमें बहुत स्पष्ट निर्देश दिए गए थे, और हम पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं लगाया गया था।
 
उन्होंने कहा कि लोग पूछ रहे हैं कि क्या कोई प्रतिबंध थे या हमें विवश करके रखा गया था। उन्होंने कहा, अगर कोई प्रतिबंध थे, तो वे स्वनिर्मित थे। हम बलों ने तय किया कि लड़ाई के नियम क्या होंगे। हम किस हद तक जाना चाहते हैं, और हम कैसे हालात को काबू में रखना चाहते हैं।
सिंह ने कहा, इसलिए मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम पर कोई प्रतिबंध नहीं था, दोहराता हूं कि कोई भी पाबंदी नहीं थी। हमें योजना बनाने और उसे लागू करने की पूरी आज़ादी दी गई थी। मैं कहना चाहता हूं कि हमारे हमले सटीक और सोच-समझकर किए गए थे क्योंकि, हम इस मामले में परिपक्वता दिखाना चाहते थे।
 
सिंह की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री और सरकार पर इस बात के लिए हमला बोला है कि जब हमारी सेनाएं पाकिस्तान पर भारी पड़ रही थीं, तब उन्होंने संघर्ष विराम पर सहमति जताई। भारतीय वायुसेना प्रमुख ने युद्ध को समाप्त करने के महत्व पर भी जोर दिया।
 
उन्होंने कहा, हमारा उद्देश्य बिल्कुल स्पष्ट था। हमारा उद्देश्य आतंकवादियों को ऐसा सबक सिखाना था कि वे कुछ भी करने से पहले दो बार सोचेंगे; अब उन्हें पता है कि उन्हें इसकी कितनी कीमत चुकानी पड़ सकती है और एक बार जब हम ये उद्देश्य हासिल कर लें, तो हमें इसे जारी रखने के बजाय, इसे रोकने के सभी अवसर तलाशने चाहिए। उन्होंने कहा, उस रात हमारा मनोबल बेहद ऊंचा था। मैंने कई लोगों से सुना...मेरे कुछ करीबी लोगों ने भी कहा 'और मरना था'।
एयर चीफ मार्शल के अनुसार, एस-400 वायु रक्षा प्रणाली पासा पलटने वाली साबित हुई है। भारत ने इसे हाल में खरीदा है। वायुसेना प्रमुख ने कहा, इस प्रणाली की रेंज ने पाकिस्तान के विमानों और यूएवी को भारतीय रक्षा प्रणाली से दूर रखा था। एस-400 प्रणाली की वजह से पाकिस्तान भारतीय वायु रक्षा प्रणाली को भेद नहीं सका। पुलवामा आतंकी हमले के बाद बालाकोट हवाई हमले के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि कोई तस्वीरें उपलब्ध नहीं थीं और यह एक बड़ा मुद्दा बन गया।
 
उन्होंने कहा, दुर्भाग्यवश, हम अपने लोगों को यह नहीं बता सके कि हमने क्या हासिल कर लिया है। हमारे पास खुफिया जानकारी थी कि भारी क्षति हुई है; बहुत सारे आतंकवादी मारे गए हैं, लेकिन हम अपने लोगों को आश्वस्त नहीं कर सके। लेकिन (इस बार) हम भाग्यशाली रहे और ये वीडियो सार्वजनिक कर पाए। सिंह ने कहा, मुझे खुशी है कि हम बालाकोट की उस छाया से बाहर निकल सके।
 
उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में कहा कि विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर भारतीय वायुसेना ने हवाई क्षेत्र पर हमला करने का निर्णय लिया। वायुसेना प्रमुख ने कहा, हवाई अड्डे पर हमला किया गया और मुख्य भवन पर भी हमला किया गया, जहां योजनाएं बनती हैं, और इसका इस्तेमाल कभी-कभी सिविल टर्मिनल भवन के रूप में भी किया जाता था। जहां तक सुकूर एयरबेस का सवाल है, हमने यूएबी हैंगर और रडार स्थल पर हमला किया। ‘स्लाइड शो’ (प्रस्तुति देने ) के दौरान उन्होंने एडब्ल्यूसी हैंगर के दृश्य दिखाए, जो भारतीय हमले के बाद ध्वस्त हो गया था।
पाकिस्तान के सरगोधा के बारे में वायुसेना प्रमुख ने कहा, हम अपनी वायुसेना में ऐसे ही दिनों का सपना देखते हुए बड़े हुए हैं। किसी दिन हमें मौका मिलेगा। संयोग से मुझे अपनी सेवानिवृत्ति से पहले यह मौका मिल गया। हमने उस हवाई क्षेत्र पर हमला किया, जहां हमें एफ-16 विमानों के बारे में बहुत पुख्ता जानकारी मिली थी। सिंह ने यह भी कहा कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) का पद सैन्य अभियानों में एक महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आया है।
 
उन्होंने कहा, सीडीएस हमेशा हमारे बीच एकता बनाए रखने और समस्याओं को सुलझाने के लिए मौजूद रहते थे। जब भी हमें जरूरत होती थी, हम वरिष्ठ नेतृत्व के पास जाकर मुद्दों पर चर्चा किया करते थे। एयर चीफ मार्शल ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की भूमिका पर प्रकाश डाला, जिससे अन्य एजेंसियों और सुरक्षा बलों को एक साथ लाने में मदद मिली। उन्होंने बताया कि जब अभियान शुरू हुआ, तो सैन्य प्रमुखों ने इसके संभावित परिणामों और भारत को कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए, इस पर विस्तार से चर्चा की।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ से मिली सीख के बारे में सिंह ने कहा, इस अभियान की सबसे बड़ी सीख यह रही है कि हवाई युद्ध की प्रधानता एक बार फिर सामने आई है। लोगों को यह एहसास हो गया है कि हवाई युद्ध किसी भी देश की पहली प्रतिक्रिया है और हवाई युद्ध वास्तव में त्वरित प्रतिक्रिया दे सकता है, सटीकता के साथ अंदर तक हमला कर सकता है और बिना अनावश्यक नुकसान के अपने उद्देश्य को प्राप्त कर सकता है। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने सात मई को पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour
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