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Last Updated : सोमवार, 12 फ़रवरी 2024 (08:48 IST)

कतर में मौत की सजा पाए 8 पूर्व भारतीय नौसैनिक रिहा, वतन वापसी पर की PM की तारीफ

Qatar
Photo : social media 
Indian sailors sentenced to death in Qatar released : कतर में मौत की सजा पाने वाले 8 पूर्व भारतीय नौसेनाकर्मियों को रिहा कर दिया गया है। अपनी रिहाई के बाद वे सुरक्षित भारत लौट आए हैं। भारत लौटने पर सभी नौसैनिक अधिकारियों ने पीएम नरेंद्र मोदी और भारत सरकार को अपनी रिहाई का श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के अथक प्रयासों से ही वे लोग आज अपने वतन वापस आ सके हैं।

बता दें कि कथित तौर पर जासूस के आरोप में गिरफ्तार किए गए सभी आठ भारतीयों को कतर ने सोमवार देर रात रिहा कर दिया, जिसके बाद उनमें से सात भारत लौट आए हैं।
क्या कहा नौसेना अधिकारियों ने : कतर से लौटे पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों में से एक ने सोमवार को एएनआई से कहा, हमने भारत वापस आने के लिए लगभग 18 महीने तक इंतजार किया। हम प्रधानमंत्री के बेहद आभारी हैं। यह उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप के बिना संभव नहीं था। हम भारत सरकार द्वारा किए गए हर प्रयास के लिए तहे दिल से आभारी हैं।

एक अन्य पूर्व भारतीय नौसेना कर्मी ने कहा कि पीएम मोदी के हस्तक्षेप के बिना हमारे लिए यहां खड़ा रहना संभव नहीं था, यह भारत सरकार के निरंतर प्रयासों के कारण हुआ। 2022 से कतर में कैद इन पूर्व नौसेना अधिकारियों पर कथित तौर पर एक पनडुब्बी कार्यक्रम को लेकर जासूसी करने का आरोप था। हालांकि, कतर ने अभी तक पूर्व नौसेना दिग्गजों के खिलाफ आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया है।

सरकार ने किया स्वागत : विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा, भारत सरकार कतर में हिरासत में लिए गए दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है। उन आठ में से सात भारत लौट आए हैं। हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी को सक्षम करने के लिए कतर राज्य के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं।
कौन हैं भारतीय नौसेना के ये 8 पूर्व ऑफिसर : कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश गोपाकुमार। ये आठ भारतीय नौसेना के वो पूर्व अधिकारी थे जिन्हें अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था। कतरी सरकार ने आरोप लगाया था कि कतर स्थित रक्षा सेवा प्रदाता कंपनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज द्वारा नियुक्त ये दिग्गज इज़रायल की ओर से एक पनडुब्बी कार्यक्रम के लिए जासूसी कर रहे थे।

क्या है दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज : दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज एक निजी फर्म है जो देश के सशस्त्र बलों को प्रशिक्षण प्रदान करती है। भारतीय कतरी सरकार को पनडुब्बियों के अधिग्रहण पर सलाह देने में शामिल थे। फर्म ने एयरोस्पेस, सुरक्षा, रक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी और संचार क्षेत्रों को भी सहायता समाधान प्रदान किए।

दहरा ग्लोबल ने पिछले साल अपना ऑपरेशन बंद कर दिया और उसके कर्मचारी, जो कि ज्यादातर भारतीय थे, अपने घर लौट आए। कंपनी चलाने वाले रॉयल ओमान वायु सेना के रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर खामिस अल-अजमी थे। उन्हें गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन नवंबर 2022 में रिहा कर दिया गया।

लंबे वक्त से परिजनों को था इंतजार : आठों भारतीयों की रिहाई के लिए कतर और भारत के बीच राजनयिक वार्ता चल रही थी। इसका नतीजा ये हुआ कि नौसैनिकों की मौत की सजा को बढ़ी हुई जेल की सजा में बदल दिया गया। जेल में रहने की अवधि और भी ज्यादा छोटी गई, जब भारतीयों के परिजनों ने विदेश मंत्रालय से उनकी रिहाई के लिए गुहार लगाई। परिजनों की परेशानी को समझते हुए मंत्रालय ने सभी कानूनी उपायों और कूटनीतिक रास्तों के जरिए उन्हें रिहा करवा लिया है।
Edited By Navin Rangiyal
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