INDIA vs NDA : 2024 की लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मजबूत चुनौती देने के लिए 26 विपक्षी दलों ने इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इनक्लूसिव अलायंस (INDIA) नाम रखने का फैसला किया है। भले ही नाम का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन कांग्रेस से लेकर तृणमूल कांग्रेस तक सभी विपक्षी दलों के नेता सोशल मीडिया पर 2024 के चुनाव को INDIA vs NDA करार दे रहे हैं। देखते ही देखते चक दे इंडिया सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा।
यह कहा जा रहा है कि इस नाम पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन ज्यादातर विपक्षी नेताओं की राहुल गांधी द्वारा सुझाए गए इस नाम पर सहमति है। इस नाम का संकेत देते हुए कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने ट्वीट किया, 'इंडिया की जीत होगी।'
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओब्रायन ने ट्वीट कर कहा, 'चक दे इंडिया।' वहीं शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया, 2024 में टीम इंडिया vs टीम एनडीए होगा। चक दे इंडिया।
INDIA के बैनर तले कुल 26 दल खड़े नजर आ रहे हैं वहीं भाजपा का दावा है कि एनडीए को 38 दलों का समर्थन प्राप्त है। संख्या को लेकर भी राजनीति गरमाई हुई है।
तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि NDA के साथ जो दल खड़े हैं उनमें 8 राजनीतिक दलों के पास एक भी सांसद नहीं है, 9 के पास केवल 1 सांसद है और 3 के पास मात्र 2 सांसद है। वहीं 26 विपक्षी पार्टियों में 10 ऐसे दल हैं जो दिल्ली और 10 राज्यों में अपने दम पर या गठबंधन में सत्ता में हैं।
वहीं आम आदमी पार्टी ने NDA की बैठक से पहले भाजपा पर निशाना साधते हुए मंगलवार को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल के गठबंधन सहयोगी ईडी के सौजन्य से साथ आए।
इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि आज देश के लोग 2024 के चुनाव में फिर एक बार हमारी सरकार वापस लाने का मन बना चुके हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में भारत की बदहाली के लिए जिम्मेदार कुछ लोग अपनी दुकान खोल कर बैठ गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र का अर्थ 'लोगों का, लोगों द्वारा, लोगों के लिए' है लेकिन इन परिवारवादी पार्टियों का एक ही मंत्र है और वह है 'परिवार का, परिवार द्वारा, परिवार के लिए। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टियों के लिए, उनका परिवार सबसे पहले है और राष्ट्र कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में कट्टर भ्रष्टाचारी इकट्ठा हुए हैं।
INDIA में शामिल कांग्रेस समेत सभी प्रमुख दल साफ कर चुके हैं कि उनकी दिलचस्पी प्रधानमंत्री पद में नहीं है। उनका लक्ष्य मोदी और भाजपा को हराना है। बहरहाल यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए और 26 दलों के INDIA में किसका पलड़ा भारी रहेगा।
Edited by : Nrapendra Gupta