खुशखबरी! सहारा के 10 करोड़ निवेशकों को 45 दिन में मिलेगा पैसा, जानिए कैसे
Sahara Refund Portal Launched: सहारा (Sahara) के 10 करोड़ निवेशकों को उनका डूबा हुआ पैसा मिलना लगभग तय हो गया है। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार (18 जून, 2023) को सहारा रिफंड पोर्टल (Sahara Refund Portal) लॉन्च किया है। इसके माध्यम से लोग अपना पैसा वापस पा सकेंगे। हालांकि रिफंड के लिए सहारा की 4 को-ऑपरेटिंग सोसायटियों के निवेशक ही आवेदन कर सकेंगे। निवेशकों का पैसा किस तरह से वापस होगा, इसकी जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध है।
10 करोड़ निवेशकों का पैसा : सहारा में में करीब 10 करोड़ निवेशकों का पैसा फंसा हुआ है। इनमें सबसे ज्यादा उत्तर भारत खासकर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के लोगों का पैसा फंसा हुआ है। सहारा ने एजेंटों के माध्यम से लोगों से निवेश करवाया था और बदले में उन्हें अच्छा रिफंड देने का आश्वासन दिया गया था। हालांकि अवधि पूरी होने के बाद भी लोगों को पैसा नहीं मिला तो लोग गुस्से में आ गए थे। फिर यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। फिर सुप्रीम कोर्ट ने सहारा को पैसा लौटाने के आदेश दिए थे।
45 दिन में मिलेगा पैसा : पोर्टल लॉन्च करते समय केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सहारा की सहकारी समितियों में जिन लोगों के रुपए कई सालों से डूबे हुए थे, उसे लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि सहारा के निवेशकों को पोर्टल के माध्यम से रिफंड की प्रक्रिया पूरी करने के बाद 45 दिन में पैसा मिल जाएगा।
यह घोषणा सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बाद हुई, जिसमें सहारा-सेबी रिफंड खाते से 5000 करोड़ रुपए सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक (CRCS) को हस्तांतरित करने का निर्देश दिया गया था।
क्या करना होगा : शाह ने कहा कि बहुत से निवेशक ऐसे हैं जो ऑनलाइन पोर्टल पर नहीं आ सकते, लेकिन रिफंड के लिए यह प्रक्रिया जरूरी है। क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में फिजीकली भुगतान संभव नहीं है। शुरुआत में जमाकर्ताओं को 10,000 रुपए तक का रिफंड मिलेगा और बाद में उन लोगों के लिए राशि बढ़ाई जाएगी जिन्होंने अधिक निवेश किया है।
इसके लिए दो बातें जरूरी हैं- मोबाइल के साथ आधार पंजीकरण और उस बैंक खाते से आधार को जोड़ना, जिसमें रिफंड जमा करना है। पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण के लिए साझा सेवा केंद्र जमाकर्ताओं की मदद करेंगे।
निवेशकों को रिफंड के लिए अपनी रिसिप्ट ऑनलाइन भेजकर एक फॉर्म डाउनलोड करना होगा, फिर उसे पुन: पोर्टल पर अपलोड करना है। इसके बाद 45 दिन के भीतर उसे भुगतान प्राप्त हो जाएगा। इसके साथ ही रिफंड पोर्टल पर निवेशक भुगतान से संबंधित अन्य जानकारियां हासिल कर सकते हैं।
1.7 करोड़ जमाकर्ताओं को राहत : 5000 करोड़ रुपए का कोष पहले चरण में 1.7 करोड़ जमाकर्ताओं को राहत देने में सक्षम होगा। चार सहकारी समितियों- सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड में लगभग 2.5 करोड़ लोगों के 30,000 रुपए तक जमा हैं।
शाह ने कहा कि 5000 करोड़ रुपए जमाकर्ताओं को दिए जाने के बाद हम उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे और उनसे अधिक धनराशि जारी करने का अनुरोध करेंगे, ताकि बड़ी राशि वाले अन्य जमाकर्ताओं का पूरा धन वापस किया जा सके। इन सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं के वैध दावे प्रस्तुत करने के लिए आईएफसीआई की एक सहायक कंपनी ने पोर्टल विकसित किया है।
2009 में शुरु हुआ था विवाद : सहारा से जुड़े इस विवाद की शुरुआत 2009 में हुई थी, जब सहारा की दो कंपनियां सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन ने आईपीओ लाने की पेशकश की थी। आईपीओ के आने के साथ ही गड़बड़ियों की पोल सामने आ गई थी। सेबी के मुताबिक सहारा ने गलत तरीके से 24 हजार करोड़ की रकम जुटाई थी। जांच में भी सेबी ने सहारा के खिलाफ अनियमितताएं पाई थीं।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala