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Last Updated :नई दिल्ली , शुक्रवार, 18 जुलाई 2025 (16:44 IST)

न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ संसद में महाभियोग प्रस्ताव को लेकर क्या बोले कानून मंत्री मेघवाल

Arjun Ram Meghwal
removal of Judge Yashwant Verma: केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) ने शुक्रवार को कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा (Yashwant Verma) के खिलाफ संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाना पूरी तरह से सांसदों का विषय है और सरकार इसमें कहीं भी शामिल नहीं है। मेघवाल ने 'पीटीआई वीडियो' को दिए एक साक्षात्कार में बताया कि न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना द्वारा गठित आंतरिक समिति अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है।
 
कानून मंत्री ने कहा कि अगर न्यायमूर्ति वर्मा रिपोर्ट से सहमत नहीं हैं और उच्चतम न्यायालय या किसी उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हैं, तो यह उनका विशेषाधिकार है। उन्होंने कहा कि संसद को उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने का अधिकार है। मेघवाल ने कहा कि किसी न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित करने के लिए लोकसभा में कम से कम 100 और राज्यसभा में 50 सदस्यों का समर्थन आवश्यक है।ALSO READ: जस्टिस वर्मा मामले में कोई समर्थन न करे विपक्ष, कपिल सिब्बल ने क्‍यों की यह अपील?
 
यह पूरी तरह से सांसदों का विषय : उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से सांसदों का विषय है, उन्होंने कुछ प्रयास किए हैं और सरकार इसमें कहीं भी तस्वीर में नहीं है। इस बीच न्यायमूर्ति वर्मा ने आंतरिक जांच समिति की रिपोर्ट को अमान्य ठहराने के अनुरोध के लिए शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया। समिति ने उन्हें उनके आवास पर नकदी बरामद होने के मामले में कदाचार का दोषी पाया है। वर्मा ने तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश खन्ना द्वारा उन्हें पद से हटाने की 8 मई को की गई सिफारिश को रद्द करने का अनुरोध किया है।
 
समझा जाता है कि सरकार न्यायमूर्ति वर्मा को हटाने के लिए 21 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में एक प्रस्ताव पर जोर दे रही है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि उनकी पार्टी के सांसद भी इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करेंगे।

दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय की 25 पृष्ठों की जांच रिपोर्ट, जो उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है, में हिंदी में 2 संक्षिप्त नोट हैं जिनमें उल्लेख किया गया है कि 14 मार्च को न्यायमूर्ति वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित आवास के स्टोररूम में लगी आग बुझने के बाद, नोटों से भरे 4 से 5 अधजले बोरे मिले थे।ALSO READ: Yashwant Varma : जस्टिस यशवंत वर्मा मामले में चौंकाने वाला खुलासा, supreme court panel ने सौंपी रिपोर्ट, महाभियोग की सिफारिश
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि आग शॉर्ट-सर्किट के कारण लगी थी। उस समय दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रहे न्यायमूर्ति वर्मा ने अपने जवाब में आरोपों की कड़ी निंदा की थी और कहा था कि उनके या उनके परिवार के किसी सदस्य द्वारा कभी भी स्टोर रूम में कोई नकदी नहीं रखी गई थी।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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