New parliament Controversy: करीब दो साल से भी ज्यादा वक्त में राजधानी दिल्ली में नई संसद बनकर तैयार है। अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ ये संसद भवन बनाया गया है। लेकिन भारत सरकार के इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट पर सरकार और विपक्षी पार्टियां आमने-सामने आ गए हैं। विपक्षी दलों की मांग है कि नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री को नहीं बल्कि राष्ट्रपति को करना चाहिए। वहीं बीजेपी का कहना है कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी संसद भवन की इमारतों का उद्घाटन कर सकते हैं तो पीएम क्यों नहीं कर सकते। यह रार इतनी बढ़ गई है कि सुप्रीम कोर्ट तक में याचिका दायर की गई है।
अब तक जो स्थिति बनी है, उसमें 21 दल सरकार के विरोध में हैं और उन्होंने संसद भवन के उद्धाटन समारोह का बहिष्कार किया है। वहीं, 16 दल ऐसे हैं जो सरकार के सपोर्ट में हैं। कुछ दलों ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं कि वो किस करवट जाएंगे। सवाल यह है कि यह देखना दिलचस्प होगा कि 28 मई को क्या स्थिति बनती है?
कैसे शुरू हुआ संसद पर संग्राम : दरअसल, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने 18 मई को पीएम नरेंद्र मोदी को नए भवन का उद्घाटन करने के लिए निमंत्रण दिया। निमंत्रण सामने आते ही विपक्षी दलों ने विरोध कर दिया। उनका कहना है कि यह संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से उद्घाटन न कराना, उनके पद का अपमान है।
कांग्रेस समेत 21 दलों का बायकॉट : अब तक संसद भवन समारोह का 21 विपक्षी दलों ने बायकॉट किया है। इनमें कांग्रेस, डीएमके (द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम), AAP, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), समाजवादी पार्टी, भाकपा, झामुमो, केरल कांग्रेस (मणि), विदुथलाई चिरुथिगल कच्ची, रालोद, टीएमसी, जदयू, एनसीपी, सीपीआई (एम), आरजेडी, AIMIM, AIUDF (ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, नेशनल कॉन्फ्रेंस, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और मरुमलार्ची द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (एमडीएमके) शामिल हैं।
विरोधी दल समेत 16 दल समर्थन में : दिलचस्प बात यह है कि नई संसद के उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर कुल 16 दल साथ आ गए हैं। इन दलों में बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट), नेशनल पीपल्स पार्टी, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी, अपना दल- सोनीलाल, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया, तमिल मनीला कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, आजसू (झारखंड), मिजो नेशनल फ्रंट, वाईएसआरसीपी, टीडीपी, बीजद और शिरोमणि अकाली दल शामिल हैं।
इन दलों को लेकर सस्पेंस : समर्थन और विरोध के अलावा कुछ ऐसे भी दल हैं जिन्होंने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने अभी सस्पेंस बना रखा है। उम्मीद है कि आजकल में दोनों दल स्पष्ट कर देंगे कि वे उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होंगे या नहीं। हालांकि इनके अलावा ऐसी पार्टियों में जनता दल (सेक्यूलर), नागालैंड पीपुल्स फ्रंट और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का भी नाम शामिल हैं।
Edited by navin rangiyal