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Last Modified: गुरुवार, 13 जून 2024 (14:28 IST)

मोदी है तो महंगाई है, कांग्रेस ने लगाया PM पर आरोप

jairam ramesh questions PM Modi
Congress accuses Prime Minister Narendra Modi: कांग्रेस ने खाद्य वस्तुओं की कीमतों को लेकर बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘मोदी है तो महंगाई है।’ पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास महंगाई से जुड़े संकट का कोई समाधान नहीं है।
 
खाद्य उत्पादों की कीमतों में मामूली कमी आने से खुदरा मुद्रास्फीति मई के महीने में एक साल के निचले स्तर 4.75 प्रतिशत पर आ गई और यह भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक दायरे में बनी रही। बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति में जनवरी से ही जारी गिरावट का सिलसिला मई में भी कायम रहा। ALSO READ: NEET exam : कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा, मामले से 24 लाख छात्र प्रभावित
 
महंगाई दर 8.69 प्रतिशत : राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, मई में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 8.69 प्रतिशत रही जो अप्रैल के 8.70 प्रतिशत से थोड़ा ही कम है। रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि मोदी है तो महंगाई है। चार महीनों से खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति 8.5 प्रतिशत से अधिक है। दालों की महंगाई दर पिछले एक वर्ष में लगातार दोहरे अंक में है, जो 10 प्रतिशत से ज़्यादा है। मई में कीमतें 17.14 प्रतिशत बढ़ी हैं। ALSO READ: कांग्रेस बोली, चुनाव में हुई मोदी की नैतिक, राजनीतिक और व्यक्तिगत हार
 
कांग्रेस ने याद दिलाया वादा : उन्होंने कहा कि कांग्रेस के न्याय पत्र में हमने महंगाई और विशेष रूप से दालों की समस्या के समाधान के लिए दो उपाय करने का वादा किया था। हमने स्वामीनाथन आयोग के फॉर्मूले द्वारा निर्धारित मूल्य के साथ दालों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी की बात की थी क्योंकि इससे दालों की घरेलू खेती को बढ़ावा मिलेगा। ALSO READ: कांग्रेस ने बताया, संसद में क्यों हटाई महापुरुषों की प्रतिमाएं?
 
रमेश के अनुसार, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में दालों को शामिल करने की बात की गई थी क्योंकि ऐसा करने से गरीबों के खाने में प्रोटीन की मात्रा बढ़ेगी और उन्हें महंगाई से भी बचाया जा सकेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘एक तिहाई प्रधानमंत्री’ के पास इस संकट का कोई समाधान नहीं है। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
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